एक बयान में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने कहा है कि सैटेलाइट के ज्यादातर हिस्से के अंतरिक्ष में ही जल जाने की उम्मीद है। पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही सैटेलाइट नष्ट हो सकता है, हालांकि कुछ कॉम्पोनेंट बचे रह सकते हैं। नासा को उम्मीद है कि RHESSI सैटेलाइट की वजह से धरती पर कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।
सर्विस में रहने के दौरान RHESSI सैटेलाइट ने सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन के बारे में कई जरूरी जानकारियां दीं। गौरतलब है कि सोलर फ्लेयर्स और सीएमई वो सौर घटनाएं हैं, जिनके प्रभाव से पृथ्वी पर पावर ग्रिड से लेकर जीपीएस सिस्टम तक ठप हो सकते हैं। ये विनाशक हों, तो अंतरिक्ष में हमारे सैटेलाइट्स को बर्बाद कर सकते हैं। अपने मिशन के दौरान RHESSI सैटेलाइट ने 1 लाख से ज्यादा सोलर इवेंट्स को रिकॉर्ड किया।
अब यह सैटेलाइट क्रैश होने जा रहा है। नासा ने अनुमान लगाया है कि RHESSI सैटेलाइट भारतीय समय के अनुसार कल सुबह 7:00 बजे पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर सकता है। देखना होगा कि पृथ्वी पर इसका कितना असर होता है।






