चंडीगढ़, 12 जुलाई (The News Air)
यूथ अकाली दल तथा स्टडेंटस आगेनाइजेशन आफ इंडिया (एसओआई) के कार्यकर्ताओं ने आज पंजाब यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन करते हुए कि गवर्नेंस रिफाम्र्स पर बनी हुई हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट को तुरंत वापिस लिया जाए तथा पंजाब विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त किसी भी कालेज को इससे असंबद्ध नही किया जाएगा। उन्होने सीनेट तथा सिंडिकेट के तत्काल चुनाव कराने की मांग की।
युवा कार्यकर्ताओं ने वाईस चांसलर से यह भी वचन देने की मांग की कि विश्वविद्यालय के प्रादेशिक क्षेत्राधिकार को फिर से बदला नही जाएगा और सीनेट तथा सिंडिकेट के ऐच्छिक और लोकतांत्रिक चरित्र के साथ छेड़छाड़ नही की जाएगी।
उन्होने यह भी बताया कि पी.यू केंद्रीय विश्वविद्यालय नही है और अंतरिम आदेश के रूप में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति का प्रभार उपराष्ट्रपति को दिया गया था। उन्होने कहा कि यह आरोप पंजाब के राज्यपाल को वापिस दिया जाना चाहिए।
कार्यकर्ताओं ने पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ की तख्तियां थामे वाईस चांसलर के कार्यालय के सामने विशाल धरना दिया तथा ‘ पंजाब नाल धक्का बंद करो’ तथा संघी वी.सी मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। इसका नेतृत्व यूथ अकाली दल के अध्यक्ष सरदार परमबंस सिंह रोमाणा, एसओआई सरंक्षक भीम वड़ैच, एसओआई अध्यक्ष रोबिन बराड़, विक्की मिडडूखेड़ा, और पी.यू स्टूडेंटस कांउसिल के अध्यक्ष चेतन चैधरी ने किया। यूनिवर्सिर्टी के डीन डा. वी आर सिन्हा तथा डीन, स्टूडेंन्स वेल्फेयर डा. एसके तोमर सहित यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों के तीन प्रतिनिधिमंडल ने विरोध कर रहे युवाओं को ज्ञापन मिलने के बाद धरने का समापन किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि वाईस चांसलर युवाओं के मन को प्रभावित करने के लिए आरएसएस की विचारधारा के अनुसार सीनेट तथा सिंडिकेट को बेमाने बनाने के बाद पाठयक्रम में बदलाव के लिए भाजपा-आरएसएस के एजेंडे के अनुसार काम कर रहे थे। उन्होने पंजाबियों को इस साजिश को विफल बनाने के लिए एकजुट होने की अपील की, उन्होने सवाल किया कि पंजाब की बहुत पहचान से संबंधित ऐसे मुददे पर कांग्रेस पार्टी तथा आप पार्टी क्यों चुप्पी लगाए हैं? उन्होने यह भी घोषणा की कि शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष इस लड़ाई का नेतृत्व करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आरएसएस के अनुरूप यूनिवर्सिटी का चरित्र न बदला जाए। सरदार रोमाणा ने एनआरआई के अलावा लेखकों तथा गायकों सहित सभी निर्माताओं से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट हों कि पंजाब के ‘ पीर’ तथा ‘ गुरुओं’ का इतिहास निक्करधारी बिग्रेड द्वारा न लिखा जाए। उन्होने कहा कि ‘ हम चुप रहने का जोखिम नही उठा सकते । उन्होने कहा कि पंजाबी उन्हे कभी माफ नही करेंगे जो गलत कदम को सही करने के लिए साथ नही चल रहे हैं।
यह बताते हुए कि वी.सी डा. राजकुमार एक योजना के अनुसार काम कर रहे थे। यूथ अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद आरएसएस का आर्शीवाद लेने के लिए गए थे। वीसी ने यूनिवर्सिटी में सभी शीर्ष पदों पर आरएसएस कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की है। उन्होने कहा कि चूंकि सीनेट और सिंडिकेट शैक्षणिक पाठयक्रम बदलने के आड़ में आ रहे थे, इसीलिए दोनों निकायों के चुनाव उनकी शर्तों की समाप्ति के बाद नही कराए गए। सरदार रोमाणा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की लाबी के निर्देशों के अनुसार सिफारिशों को सुरक्षित करने के साथ एक ग्यारह सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था।
यूथ अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि उच्च स्तरीय कमेटी, जिसमें सीनेट यां सिंडिकेट से एक भी सदस्य शामिल नही था , ने यूनिवर्सिटी के क्षेत्रीय क्षेत्राधिकार को मोहाली की नगरपालिका सीमा तक सीमित करने की सिफारिश की थी। ‘ इसका मतलब यह है कि यूनिवर्सिटी मुक्तसर, फाजिल्का, फिरोजपुर , फरीदकोट , होशियारपुर और मोगा जिलों में स्थित 200 काॅलेजों को असंबद्ध करना चाहता है’। उन्होने कहा कि कमेटी ने सीनेट तथा सिंडिकेट के चुने हुए निकायों को नकली लोगों के साथ बदलने की भी सिफारिश की थी। ‘ नए प्रस्ताव के तहत सीनेट, जो पंजीकृत स्नातकों के चुने क्षेत्र से निर्वाचित सदस्यों का पंद्रह सदस्य निकाय है, चार सदस्यों चुने जाएंगे तथ अन्य वीसी द्वारा मनोनीत किए जाएंगे। इसी तरह सिंडिकेट के मामले में , जो यूनिवर्सिटी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, नए प्रस्ताव का उददेश्य दस मनोनीत सदस्यों और तीन एक्स आफिसीओ सहित 18 में से 13 मनोनीत होकर प्रस्ताव को कमजोर करना होगा। वर्तमान में सीनेट में 18 सदस्य चुने जाते हैं’।