नई दिल्ली,14 नवंबर (The News Air): इंडियन नेवी में पहली बार ऐसा हुआ है कि भाई-बहन की जोड़ी एक साथ अलग-अलग युद्धपोतों की कमान संभाल रही हैं। ये जोड़ी है कमांडर प्रेरणा देवस्थली और कमांडर ईशान देवस्थली की। कमांडर प्रेरणा देवस्थली पिछले साल भारतीय नौसेना में युद्धपोत की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थीं। वह अभी फास्ट अटैक क्राफ्ट आईएनएस ट्रिंकट की कमान संभाल रही हैं। उनके भाई, कमांडर ईशान देवस्थली को अब आईएनएस विभूति की कमान सौंपी गई है जो भारतीय नौसेना का वीर-श्रेणी का मिसाइल पोत है।यह एक ऐतिहासिक घटना है क्योंकि इससे पहले कभी भी भारतीय नौसेना में भाई-बहन ने एक साथ युद्धपोतों की कमान नहीं संभाली है। ये संयोग नौसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और उनके योगदान को भी दिखाता है।
भाई-बहन दोनों ही पश्चिमी कमान के अधीन अपने-अपने युद्धपोतों की कमान संभाल रहे हैं। दोनों ही अपने परिवार के लिए प्रेरणा हैं और देश की सेवा के लिए समर्पित हैं।
आईएनएस विभूति हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अरब सागर में गोवा के तट पर दी गई स्टीम पास्ट का हिस्सा था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 7 नवंबर को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी के साथ INS विक्रांत का दौरा किया था और भारतीय नौसेना द्वारा संचालित नौसैनिक अभियानों का प्रदर्शन देखा। अपने संबोधन में, राष्ट्रपति मुर्मू ने भारतीय नौसेना की क्षमताओं और रणनीतिक पहुंच की तारीफ की थी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा था, ‘भारतीय नौसेना की इकाइयां अपनी क्षमताओं और रणनीतिक प्रभाव का प्रदर्शन करते हुए, विस्तृत क्षेत्रों में लंबी अवधि के लिए तैनात हैं। आपके सकारात्मक, सक्रिय और त्वरित कार्रवाइयों ने समुद्र में अनगिनत लोगों की जान बचाई है। यह मेरे लिए एक विशेष क्षण था जब इस साल की शुरुआत में बुल्गारिया के राष्ट्रपति ने एक हाईजैक किए गए जहाज से बल्गेरियाई चालक दल को बचाने के लिए कृतज्ञता जाहिर करने के लिए फोन किया था।’