पिछले साल की सुस्ती के बाद शेयर बाजार में इस साल IPO की बहार है। पिछले कुछ महीनों में बाजार में गतिविधियां तेज हुई हैं और इसके बाद कई पब्लिक ऑफर आए हैं। इस कैलेंडर ईयर की शुरुआत से अब तक प्राइमरी मार्केट में 10 IPO देखने को मिल चुके हैं। सेकेंडरी मार्केट (NSE, BSE वगैरह) में तेजी भी इसकी अहम वजह है। IPO को लेकर उत्साह का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2023 में लिस्टेड 12 में से 9 स्टॉक की एंट्री नेट गेन के साथ हुई। इस साल IPO आने का सिलसिला मार्च में तेज हुआ।
हालांकि, कहानी यहीं खत्म नहीं होती। मार्केट रेगुलेटर सेबी से तकरीबन 18 IPO की मंजूरी मिल चुकी है और इनके जरिये 22,100 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं। इन IPO की मंजूरी इसी साल खत्म हो जाएगा, लिहाजा इन पर जल्द कुछ करने का दबाव है।
शेयर बाजार सूचकांकों में तेजी रहने से नए इश्यू में भी इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजार में IPO की बाढ़ आने की यही मुख्य वजह है। इनफ्लेशन के मोर्चे पर थोड़ी राहत, ब्याज दरों में ठहराव और बेहतर इकनॉमिक ग्रोथ की संभावना जैसी खबरों ने बाजार का हौसला बढ़ाया है। मार्च से शेयर बाजार में बुल रन है और सूचकांक हर कुछ दिनों पर नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।
PRIME डेटाबेस ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव हल्दिया (Pranav Haldea) का मानना है कि सेकेंडरी मार्केट में तेजी का असर प्राइमरी मार्केट पर भी होता है। उनका यह भी कहना था कि 2023 में आने वाले ज्यादातर IPO छोटे साइज के हैं। मैनकाइंड फार्मा (Mankind Pharma) को छोड़कर सभी IPO 1,000 करोड़ रुपये से कम के हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) के रिसर्च हेड (रिटेल) सिद्धार्थ खेमका एक और अहम तथ्य की तरफ इशारा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘IPO लाने वाली बहुत सारी कंपनियों का बिजनेस अलग तरह का था या वे ऐसी सेक्टरों से जुड़ी थीं जहां ग्रोथ आउटलुक टिकाऊ है।’
बेहतर परफॉर्मेंस जारी रहेगी?
इस साल प्रीमियम पर लिस्ट होने वाले शेयरों की बेहतर परफॉर्मेंस जारी है। हालांकि, खेमका ने इस बारे में सतर्क रहने की सलाह दी है। बहरहाल, एक पॉजिटिव बात यह है कि 2023 में लिस्ट होने वाली ज्यादातर कंपनियां ने IPO से पहले आक्रामक तरीके से फंडिंग पर काम नहीं किया। इसका मतलब है कि लॉक इन पीरियड खत्म होने पर शेयरों से बाहर निकलने की होड़ मचने के आसार नहीं हैं।
आगे क्या होगा ?
इस साल की दूसरी छमाही में सेबी से मंजूरी पा चुके 18 IPO शेयर बाजार में उतरने को तैयार हैं। इन IPO की कुल वैल्यू 22,100 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी। कुल 18 में से कम से कम 10 IPO का साइज 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। प्राइमरी मार्केट में इस रौनक के बारे में पूछे जाने पर हल्दिया का कहना था कि अभी यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि इस साल भी 2021 की तरह IPO की भरमार होगी। खेमका का मानना है कि किसी अप्रत्याशित खबर से बिकवाली की आशंका बाजार में हमेशा रहती है और ऐसी स्थिति में कंपनियां IPO लॉन्च करने से अपने हाथ खींच सकती हैं। बहरहाल, अगर मार्केट में मौजूदा स्थिति बनी रहती है, तो IPO की रफ्तार बनी रहेगी।