Indians stranded in Iran – ईरान (Iran) की राजधानी तेहरान (Tehran) पर इजरायल (Israel) के बमबारी हमलों के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। इस पूरे संकट के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि तेहरान और अन्य शहरों में फंसे 1500 भारतीय छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित भारत (India) कैसे वापस लाया जाएगा, जबकि ईरान, इजरायल, सीरिया (Syria) और इराक (Iraq) जैसे मध्य पूर्व (Middle East) के कई देशों ने अपना एयरस्पेस पूरी तरह बंद कर दिया है।
हालात ऐसे हैं कि अब इन भारतीयों की वतन वापसी का एकमात्र रास्ता जमीनी सीमा बचा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी भारतीय नागरिकों को अब ईरान की सीमाओं के माध्यम से निकाला जाएगा और फिर वे समुद्री जहाज या दूसरे देशों के जरिए हवाई मार्ग से भारत लौट सकेंगे।
भारत सरकार ने इस जटिल स्थिति में त्वरित कार्रवाई करते हुए संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates – UAE) और अर्मेनिया (Armenia) से बातचीत शुरू की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) ने सोमवार को इन दोनों देशों के अपने समकक्षों से चर्चा की। इसके बाद अब तक करीब 100 भारतीय नागरिकों को अर्मेनिया की ओर रवाना किया जा चुका है। ईरान के उरमिया (Urmia) शहर में फंसे 120 भारतीय छात्रों को अर्मेनिया के रास्ते सुरक्षित निकाला जा रहा है क्योंकि ईरान और अर्मेनिया की सीमा लगती है और दोनों देशों के रिश्ते अच्छे हैं।
एक अन्य संभावित रास्ता पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत से होकर है, लेकिन सुरक्षा कारणों और भू-राजनीतिक हालातों के चलते उस रास्ते से भारतीयों को निकालना फिलहाल संभव नहीं है। इसीलिए अर्मेनिया को प्राथमिक रूट माना जा रहा है।
दूसरी ओर, UAE से बातचीत इसलिए अहम है क्योंकि उसके ईरान और इजरायल दोनों से संतुलित संबंध हैं और वह इस पूरे मामले में एक मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। भारत सरकार की ओर से भारतीय दूतावास (Embassy) लगातार ईरान में फंसे नागरिकों से संपर्क बनाए हुए है और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
तेहरान से लगभग 148 किलोमीटर दूर स्थित शहर कोम (Qom) में बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में करीब 1500 भारतीय छात्र रह रहे हैं जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) से हैं।
ईरानी विदेश मंत्रालय (Iran Foreign Ministry) ने यह स्पष्ट किया है कि भले ही एयरस्पेस पूरी तरह बंद है, लेकिन देश की सभी जमीनी सीमाएं अभी भी खुली हैं। ईरान सरकार ने भारत से यह अनुरोध किया है कि वह अपने नागरिकों की सूची, पासपोर्ट नंबर और वाहन की डिटेल साझा करे ताकि उनकी सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही यह भी पूछा गया है कि ये भारतीय नागरिक किस सीमा के रास्ते बाहर निकलना चाहते हैं।
इस संकट की घड़ी में भारत सरकार की सक्रियता और रणनीतिक कदम यह दर्शाते हैं कि भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और उन्हें हर हाल में सुरक्षित वतन वापस लाने के प्रयास युद्धस्तर पर चल रहे हैं।