भारत में Unified Payment Interface (UPI) का प्रभाव व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। UPI ने न केवल भुगतान के तरीकों को सरल बनाया है, बल्कि लोगों की खर्च करने की आदतों में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है।
IIT दिल्ली का सर्वे बताता है खर्च पैटर्न में बदलाव
IIT दिल्ली द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, जिसमें 276 लोगों ने भाग लिया, 74 प्रतिशत लोगों का मानना है कि UPI के चलते उनका खर्च बढ़ गया है। सर्वे में यह भी पता चला है कि UPI के माध्यम से भुगतान करते समय लोग कम सोच-विचार करते हैं, विशेषकर जब राशि ₹2500 तक हो।
भुगतान में आसानी, पर खर्च में वृद्धि
आज भारत में छोटे से छोटे व्यापारी से लेकर बड़े दुकानदार तक, सभी जगह UPI का इस्तेमाल हो रहा है। इससे जहां एक ओर भुगतान करना आसान हो गया है, वहीं दूसरी ओर यह बिना सोचे-समझे खर्च करने की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा दे रहा है। लोगों का मानना है कि फिजिकल कैश के साथ चलने से खर्च करने पर एक तरह की सतर्कता बनी रहती है, जो UPI के साथ कम हो जाती है।
उपयोगकर्ता संतुष्टि और सुविधा
इसके बावजूद, सर्वे में 91.5 प्रतिशत लोगों ने UPI के अनुभव से संतुष्टि व्यक्त की है और 95.2 प्रतिशत लोगों ने इसे सबसे सुविधाजनक भुगतान माध्यम माना है। UPI के चलते लोगों ने कैश कैरी करने की आवश्यकता को लगभग भुला दिया है, जिससे उनके दैनिक जीवन में आराम तो बढ़ा है, लेकिन इसके साथ ही खर्च करने की आदतों में बदलाव भी आया है।