चंडीगढ़ (Chandigarh), 16 जनवरी (The News Air): हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी (CM Naib Singh Saini) ने आज महिला सशक्तिकरण और बच्चों के पोषण में सुधार के लिए एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने घोषणा की कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की महिला सरपंचों को उनके गांवों का ब्रांड एंबेसडर (Brand Ambassador) बनाया जाएगा। यह कदम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा शुरू किए गए इस अभियान में राज्य की भागीदारी को और मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य लिंगानुपात में सुधार करना है, और इसे लेकर हरियाणा सरकार की पहल को पूरे देश में सराहा जा रहा है।”
आंगनवाड़ी केंद्रों का होगा कायाकल्प : बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले 5 वर्षों में 10,000 आंगनवाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) को सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
4000 आंगनवाड़ी केंद्र पहले ही खेल-आधारित शिक्षा और पोषण केंद्र में तब्दील हो चुके हैं, जिससे अब तक 41,000 बच्चों को लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम राज्य को स्टंटिंग-मुक्त (Stunting-Free) बनाने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। 0-5 वर्ष के बच्चों की पहचान कर उनके पोषण स्तर को सुधारना हमारी प्राथमिकता होगी। हरियाणा इस दिशा में देश का पहला राज्य बनेगा।”
पोषण के लिए बाजरे का होगा उपयोग : प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुसार, आंगनवाड़ी केंद्रों में बाजरे (Millets) से बने पोषक व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य सरकार का लक्ष्य पोषण अभियान (Poshan Abhiyan) में देश के शीर्ष तीन राज्यों में स्थान बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने 2024-25 के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है।”
लिंगानुपात सुधारने के लिए सख्ती : मुख्यमंत्री ने PNDT Act के सख्त पालन के निर्देश दिए।
- 2015-2024 तक हरियाणा में 1,220 FIR दर्ज हुईं।
- अंतरराज्यीय छापों में 386 FIR दर्ज और 4,000 गिरफ्तारियां हुईं।
- हैंडहेल्ड USG मशीनों पर रोक के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
महिला चौपाल और क्रेच मॉडल का विस्तार : हरियाणा सरकार ने 355 सांस्कृतिक केंद्रों को महिला चौपाल (Mahila Chaupal) के रूप में पुनर्जीवित करने की योजना बनाई है।
हरियाणा क्रेच मॉडल (Creche Model) के तहत कामकाजी माताओं के लिए 7,500 बच्चों को सहारा देने वाला नेटवर्क बनाया गया है।
विशेष जागरूकता अभियान : गांवों में नुक्कड़ नाटक (Street Plays) और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में समुदाय की बुजुर्ग महिलाएं बालिकाओं को बचाने का संदेश देंगी।