Eknath Shinde Meets Amit Shah: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा का मॉनसून सेशन (Monsoon Session) शुरू हो चुका है, लेकिन इस सत्र को छोड़कर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) दिल्ली (Delhi) पहुंचे और वहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की। इसके साथ ही उनकी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) से भी बैठक की खबरें सामने आई हैं। विपक्ष इस अचानक हुई राजनीतिक हलचल को लेकर हमलावर हो गया है और कांग्रेस (Congress) ने इसे महायुति (Mahayuti) सरकार के भीतर “कैबिनेट गैंगवार” से जोड़ दिया है।
कांग्रेस विधायक नाना पटोले (Nana Patole) ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे राज्य कैबिनेट में चल रही अंदरूनी कलह से बचने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यह महज एक शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि गंभीर राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है। शिंदे का यह दौरा ऐसे समय हुआ है जब उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना (Shiv Sena) और राज ठाकरे (Raj Thackeray) की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच मराठी अस्मिता के नाम पर एकता की बातें हो रही हैं। दोनों दलों ने एक साझा रैली भी की है, जिससे मराठी वोट बैंक में प्रभाव डालने वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना की चिंता बढ़ गई है।
सूत्रों के अनुसार, आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक आंतरिक सर्वे कराया है, जिसमें यह आकलन किया गया कि अगर ठाकरे बंधु एक साथ आते हैं तो एनडीए (NDA) को कितना नुकसान हो सकता है। यही वजह मानी जा रही है कि शिंदे और अमित शाह के बीच इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। साथ ही एकनाथ शिंदे ने सरकार से संबंधित अपनी चिंताओं से भी शाह को अवगत कराया।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो शिंदे का यह दिल्ली दौरा महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है। यह स्पष्ट है कि शिंदे गुट मराठी वोट बैंक को लेकर असमंजस में है। ठाकरे बंधुओं को चुनौती देने की स्थिति में मराठी वोटर्स का क्या रुख होगा, इसे लेकर शिंदे शिवसेना में असहजता है। शायद यही वजह थी कि हाल ही में मनसे द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में शिंदे गुट के नेता प्रताप सरनाइक (Pratap Sarnaik) शामिल हुए और मनसे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई।
अभी तक न तो शिंदे कैंप और न ही भाजपा की ओर से इस मुलाकात पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है, लेकिन जिस तरह से यह दौरा मीडिया और विपक्ष के निशाने पर आया है, उससे यह साफ है कि महाराष्ट्र की सियासत में फिर एक नई हलचल शुरू हो चुकी है।