चंडीगढ़ 16 जनवरी (The News Air) सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल पंथक समर्थन हासिल करने और सभी अकाली दल गुटों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है। वहीं अकाली दल के नेताओं को लगता है कि पार्टी का दशकों से पुराने सहयोगी भाजपा के साथ गठबंधन के लिए माहौल अनुकूल नहीं है। अकाली नेताओं का मानना है कि पार्टी बसपा के साथ अपना गठबंधन जारी रखेगी और सी.पी.एम. और सी.पी.आई. सहित अन्य दलों के साथ मिलकर एक महागठबंधन बना सकती है।
आपको बता दें कि सुखबीर बादल ने 2015 के बेअदबी मामलों में सरकार की असफलताओं के लिए अकाली दल की 103वीं वर्षगांठ पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। इसके साथ ही पंथक एकता को लेकर अपील की थी। 2022 के विधानसभा चुनावों में अपनी हार के बाद सुखबीर बादल पंथक वोटों को फिर हासिल करने के लिए कोशिशें कर रहे हैं। उन्होंने अकाली दल (अमृतसर) के प्रधान सिमरनजीत सिंह मान और सिख प्रचारत बलजीत सिंह दादूवाल जैसे कट्टरपंथियों के साथ स्टेज सांझा की। वहीं हाल ही में सुखबीर बादल और शिरोमणि कमेटी के प्रधान दिवंगत अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार गुरदेव सिंह काउंके के परिवार से मुलाकात की और उन्हें पूरा सहयोग देने का वादा किया।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ का मानना है कि पार्टी धर्म और कृषि को पहल देगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में भाजपा के साथ गठबंधन के लिए हालात अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बसपा के अलावा अकाली दल के लिए कई विकल्प हैं, वहीं पार्टी ने इससे पहले भी वाम दलों के साथ गठबंधन किया था।