Pahalgam Terror Attack Meeting: जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच शनिवार को नई दिल्ली (New Delhi) स्थित प्रधानमंत्री आवास पर एक अहम मुलाकात हुई। यह बैठक लगभग आधे घंटे चली जिसमें पहलगाम (Pahalgam) में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले समेत कई गंभीर विषयों पर चर्चा की गई।
यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच उस दर्दनाक आतंकी हमले के बाद पहली बार हुई है जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब आतंकवाद को लेकर जम्मू-कश्मीर में जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है और सरकार इस पर कठोर कार्रवाई के मूड में है।
उमर अब्दुल्ला ने जताई उम्मीद
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीते दिनों दिए गए एक बयान में कहा था कि पहलगाम हमले के बाद जनता में जो गुस्सा दिखा है, वह इस बात की आशा जगाता है कि आम लोग आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) सरकार आम जनता के सहयोग से आतंकवाद के खात्मे की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ाएगी।
अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह ऐसे कोई कदम न उठाए जिससे राज्य की जनता खुद को अलग-थलग महसूस करे। उन्होंने यह भी कहा कि इस आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu & Kashmir Assembly) में एक दिवसीय विशेष सत्र भी आयोजित किया गया था।
मोदी का कड़ा संदेश: आतंकवादियों को नहीं बख्शेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक के बाद एक बार फिर देश की आतंकवाद के खिलाफ नीति को दोहराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थन करने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई (Decisive Action) के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने यह बयान अंगोला (Angola) के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लॉरेन्को (João Manuel Gonçalves Lourenço) के साथ हुई द्विपक्षीय बातचीत के बाद दिया। उन्होंने कहा, “हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
पाकिस्तान के खिलाफ बढ़ा दबाव
भारत सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को स्थगित करने जैसे कदम भी उठाए हैं। साथ ही, पाकिस्तान से जुड़ी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
अब यह देखना होगा कि उमर अब्दुल्ला और पीएम मोदी की इस बैठक से आतंकवाद के खिलाफ किस तरह की रणनीति सामने आती है और क्या केंद्र एवं राज्य मिलकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।