Zero Gravity Experiment by Indian Astronaut के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station – ISS) पर भारत का नाम रोशन करने वाले शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) ने वापसी से पहले एक ऐतिहासिक और विज्ञान से भरपूर प्रदर्शन किया। Axiom-4 मिशन के अंतिम दिन शुक्ला ने अंतरिक्ष में जीरो ग्रैविटी का उपयोग करते हुए पानी के साथ ऐसा करतब किया जिसने न केवल विज्ञान को जीवंत किया, बल्कि लाखों भारतीयों का दिल भी जीत लिया।
सोमवार, 14 जुलाई को शुभांशु और उनकी टीम ISS से भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे रवाना हो चुकी है। अब उनका स्पेसक्राफ्ट (Spacecraft) 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे कैलिफोर्निया (California) के तट पर स्प्लैशडाउन करेगा। इससे पहले, उन्होंने अंतरिक्ष में अपने अनुभवों को साझा करते हुए एक वीडियो शूट किया जिसमें वह जीरो ग्रैविटी में पानी को हवा में तैरते हुए दिखा रहे हैं। उन्होंने इसे मजाकिया अंदाज़ में पेश करते हुए खुद को “स्पेस का वॉटर बेंडर” कहा।
इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा रहीं स्पेस मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन (Peggy Whitson) भी वीडियो में नज़र आईं। उन्होंने बताया कि गुरुत्वाकर्षण के अभाव में पानी सतह तनाव (Surface Tension) के कारण एक चमकते हुए गोले का रूप ले लेता है और यही अंतरिक्ष को खास बनाता है। यह प्रदर्शन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तो अहम था ही, लेकिन यह लाखों भारतीयों के लिए गर्व का क्षण भी था।
Axiom-4 मिशन के विदाई समारोह के दौरान शुभांशु शुक्ला काफी भावुक नजर आए। उन्होंने कहा, “आज का भारत अंतरिक्ष से आत्मविश्वास से भरा, निडर और गौरवान्वित नज़र आता है। यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही, लेकिन यह अंत नहीं है। यह तो केवल शुरुआत है। अगर हम सब मिलकर चलें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।”
गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला ने राकेश शर्मा (Rakesh Sharma) के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बनकर और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया है। उनकी यह उपलब्धि न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि भारतीय युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है।
इस मिशन और शुक्ला के योगदान ने यह साबित कर दिया कि भारत अब न केवल अंतरिक्ष की दौड़ में शामिल है, बल्कि उसमें आत्मविश्वास के साथ उड़ान भी भर रहा है।