Indus Water Treaty Threat को लेकर पाकिस्तान एक बार फिर गीदड़भभकी देने के अंदाज़ में सामने आया है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (National Assembly) में भाषण देते हुए भारत को सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) को लेकर युद्ध की धमकी दी है। बिलावल ने कहा कि अगर भारत ने इस समझौते को लागू नहीं किया तो पाकिस्तान “एक और जंग” के लिए तैयार है।
बिलावल भुट्टो ने दावा किया कि भारत ने सिंधु जल समझौते को होल्ड पर डाल दिया है, जो उनके अनुसार गैर-कानूनी है। उन्होंने कहा, “सिंधु जल समझौता (Indus Water Agreement) तो वर्ल्ड बैंक (World Bank) की मध्यस्थता से हुआ था, और भारत द्वारा इसे एकतरफा खत्म करना संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के चार्टर के खिलाफ है।” बिलावल ने आगे कहा, “अगर भारत ने इसे खत्म किया तो हम भारत से वे तीन नदियां भी छीन लेंगे, जिनका इस्तेमाल उन्हें आज अनुमति प्राप्त है। हमारे पास फिर छह नदियों (Rivers) का पानी होगा।”
बिलावल यहीं नहीं रुके, उन्होंने भारत पर आतंकवाद का आरोप झेलने की भी बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत की कोशिश रही है कि पाकिस्तान को ‘आतंकी राष्ट्र’ (Terrorist State) घोषित कराया जाए, लेकिन वह इसमें नाकाम रहा। बिलावल ने अमेरिका (America) और इजरायल (Israel) की लॉबी पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन अंत में जीत पाकिस्तान की हुई।
बिलावल ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा, “अगर हमें युद्ध के लिए मजबूर किया गया, तो हमारी सेना (Army) और एयरफोर्स (Airforce) मजबूत हैं। भारत के पास दो ही रास्ते हैं – या तो सिंधु जल समझौते को स्वीकार करे, या युद्ध के लिए तैयार रहे।”
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) हुआ था, जिसमें तीन नदियां भारत और तीन पाकिस्तान को दी गई थीं। वर्तमान में पाकिस्तान भारत पर सिंधु नदी प्रणाली पर बांध और नहरें बनाने का आरोप लगाता रहा है, जबकि भारत ने हमेशा कहा है कि वह समझौते का पालन कर रहा है।
बिलावल का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के जरिए पाकिस्तान को रणनीतिक झटका दिया है। इसके बावजूद बिलावल ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में भी पाकिस्तान की जीत हुई है, जो विशेषज्ञों के अनुसार एक और राजनीतिक बयानबाज़ी भर है।
पाकिस्तान द्वारा बार-बार की जाने वाली इस प्रकार की धमकियां अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी विश्वसनीयता को और कमजोर करती हैं। भारत की ओर से अब तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह मसला कूटनीतिक स्तर पर गंभीरता से उठाया जा सकता है।