Waaree Energies Ltd के शेयर शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को अमेरिकी जांच की खबरों के चलते 5% से अधिक लुढ़क गए। दिन के कारोबार में शेयर 3,254.60 रुपये तक गिरा, जो इस साल 1 सितंबर के बाद का सबसे बड़ा नुकसान है। बावजूद इसके, इस साल कंपनी का शेयर अभी भी 15% ऊपर बना हुआ है, जबकि इसी अवधि में निफ्टी 50 में 4.7% की गिरावट रही।
जांच का कारण
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा एजेंसी (US Customs & Border Protection) ने Waaree Energies और उसकी अमेरिकी इकाई Waaree Solar Americas के खिलाफ औपचारिक जांच शुरू की है।
जांच का आधार एक शिकायत है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी चीन में बने सोलर सेल्स को भारत में निर्मित बताकर लेबल कर रही थी। ऐसा करने से वे अमेरिका में चीन से आयात होने वाले सोलर उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ से बच सकती थी।
शिकायत अमेरिकन अलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग ट्रेड कमेटी (American Alliance for Solar Manufacturing Trade Committee) ने की थी, जो अमेरिकी सौर उत्पादकों का एक समूह है।
हालिया वित्तीय प्रदर्शन और विस्तार योजना
Waaree Energies ने जून 2025 को समाप्त तिमाही (Q1 FY26) में शुद्ध लाभ में 93% वृद्धि दर्ज की, जो 773 करोड़ रुपये तक पहुंचा।
इसके अलावा, कंपनी ने गुजरात में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 2,754 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश को मंजूरी दी है।
हाल ही में YES सिक्योरिटीज ने Waaree Energies के शेयर पर ‘Buy’ रेटिंग जारी करते हुए 4,610 रुपये का लक्ष्य रखा है।
Waaree Energies भारत की प्रमुख सोलर पावर कंपनियों में से एक है। कंपनी के सोलर पैनल और सोलर सेल्स घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में महत्वपूर्ण हैं। अमेरिकी जांच का असर सिर्फ शेयर पर ही नहीं बल्कि कंपनी की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर भी पड़ सकता है। निवेशक इस स्थिति को लेकर सतर्क हैं, जबकि कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन अभी भी मजबूत बना हुआ है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
अमेरिकी जांच के कारण Waaree Energies के शेयर में 5% से अधिक की गिरावट।
-
आरोप: चीन से आयातित सोलर सेल्स को भारत निर्मित बताना।
-
कंपनी का Q1 FY26 शुद्ध लाभ 773 करोड़ रुपये, 93% वृद्धि।
-
गुजरात में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 2,754 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश।






