नई दिल्ली (New Delhi)16 जनवरी (The News Air): उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने आज धारवाड़ (Dharwad) के कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (University of Agricultural Sciences) में आयोजित अमृत महोत्सव और पूर्व छात्र मिलन समारोह में किसानों की आर्थिक सुरक्षा और कृषि क्षेत्र में सुधारों की वकालत की। उन्होंने कहा कि जब किसान आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं, तो देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को स्वत: मजबूती मिलती है।
The distress of farmers calls for urgent national attention. Farmers need economic security.
In a nation that is rising as never before, with unstoppable progress, we cannot afford to put the concerns of farmers on the back burner.
Time is of absolute essence in resolving… pic.twitter.com/3Tbm81m4pU
— Vice-President of India (@VPIndia) January 16, 2025
श्री धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा, “किसानों को कृषि उद्योगों से समान लाभ प्राप्त करना चाहिए। जब किसान खर्च करता है, तब इकोनॉमी (Economy) को रफ्तार मिलती है। कृषि क्षेत्र को हमें मुख्य तनावों जैसे खराब मौसम (Weather Challenges), अप्रत्याशित बाजार स्थितियों (Unpredictable Market Conditions) से मुक्त करना होगा।”
कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता पर जोर : उपराष्ट्रपति ने कृषि क्षेत्र के सीधे लाभ वितरण (Direct Benefit Transfer) की वकालत की। उन्होंने कहा कि सब्सिडी जैसे उर्वरक (Fertilizer Subsidy) को किसानों के खाते में सीधे भेजा जाना चाहिए ताकि वे इसका सही उपयोग कर सकें। जैविक खेती (Organic Farming) और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
उन्होंने हल्दी किसानों (Turmeric Farmers) के लिए हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board) के गठन को केंद्र सरकार का बड़ा कदम बताया। श्री धनखड़ ने कहा, “इससे किसानों की आय दोगुनी होगी, उत्पादन में वृद्धि होगी, और वैश्विक निर्यात (Global Export) को बढ़ावा मिलेगा।”
तकनीक और कृषि का एकीकरण आवश्यक : श्री धनखड़ ने किसानों से आधुनिक तकनीक (Modern Technology) अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पुराने ट्रैक्टर और औजारों की जगह नई तकनीक लानी होगी। कृषि विज्ञान केंद्रों (Krishi Vigyan Kendras) को 50,000 किसानों की सेवा के लिए और सक्रिय होना चाहिए।
Hon'ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar presided as Chief Guest at the Amrut Mahotsav and Alumni Meet of College of Agriculture, University of Agricultural Sciences, Dharwad in Karnataka today.@UASDharwad_05 @TCGEHLOT @JoshiPralhad @SantoshSLadINC #AgriculturalSciences pic.twitter.com/0M002eXaLV
— Vice-President of India (@VPIndia) January 16, 2025
उन्होंने कहा, “अगर किसान कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़ते हैं, तो एक सकारात्मक क्रांति (Positive Revolution) देखने को मिलेगी। हमें हर वैज्ञानिक प्रगति को जमीन तक लाना होगा।”
कृषि में CSR का उपयोग : कृषि आधारित उद्योगों (Agriculture-Based Industries) से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अपने CSR फंड को किसानों के कल्याण और अनुसंधान में लगाएं। “किसानों की खुशी ही देश की तरक्की की कुंजी है। हमें तीन काम करने हैं: पहला, किसानों को खुश रखना, दूसरा, किसानों को खुश रखना, और तीसरा, किसानों को खुश रखना।”
‘ये दिल मांगे मोर’: बढ़ती आकांक्षाओं का भारत : भारत की आर्थिक प्रगति (Economic Growth) और आकांक्षाओं पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, “हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था (Fastest Growing Economy) हैं। हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटल कनेक्टिविटी (Digital Connectivity), और किफायती आवास (Affordable Housing) जैसे कामों ने भारत को एक आकांक्षी राष्ट्र बना दिया है।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ऐसा माहौल बनाया है जहां हर व्यक्ति कहता है, ‘ये दिल मांगे मोर।’ यह भारत की ताकत और इच्छाशक्ति का प्रतीक है।”