नई दिल्ली, 18 सितंबर (The News Air) आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वोट चोरी कोई नया मुद्दा नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज जिस वोट चोरी की बात कर रहे हैं, उसका खुलासा 29 दिसंबर 2024 को ही अरविंद केजरीवाल ने कर दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने जांच नहीं कराई। बड़ी मुश्किलों के बाद चुनाव आयोग ने वोट काटने की अर्जी देने वालों को बुलाया तो सिर्फ 11 लोग आए और उन्होंने भी वोट काटने का आवेदन देने से इन्कार कर दिया। नई दिल्ली विधानसभा में पहले ही 1.48 लाख वोटों में से 42 हजार वोट काट दिए गए और बाद में भी 6100 वोट कटवाए गए। सिर्फ 84 लोगों ने 4 हजार वोट कटवाने की अर्जी दी थी और 10 हजार से ज्यादा फर्जी वोट बनवाने के लिए आवेदन दिए गए। पिछले 11 साल से देश भर में फर्जी तरीके से वोट चोरी कर लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।
‘‘आप’’ मुख्यालय पर प्रेसवार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा में 6 हजार वोट गलत तरीके से काटे गए। आज जो बात राहुल गांधी ने कही है, वही बात आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 29 दिसंबर 2024 को कही थी। दिल्ली विधानसभा चुनाव से करीब दो महीने पहले अरविंद केजरीवाल ने प्रेसवार्ता कर सबूतों के साथ यह बात रखी कि कैसे दिल्ली में उन लोगों के नाम चुने गए, जो भाजपा के वोटर नहीं हैं और वो आम आदमी पार्टी को वोट करते हैं। कौन व्यक्ति किस पार्टी को वोट देता है, इसकी जानकारी बड़ी आसानी से जाति, वर्ग, सोशल मीडिया, आस-पडोस और बीएलए से पूछकर की जा सकती है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि एक खाका तैयार किया गया कि कौन आम आदमी पार्टी का वोटर है। इसके बाद कुछ नए लोगों के नाम से इनके वोट कटवाने के आवेदन दिए गए। सत्यापन में पता चला कि जिनके नाम से वोट कटवाने का आवेदन किए गए, वो लोग मना कर दिए कि उन्होंने कोई आवेदन ही नहीं दिया है। आज राहुल गांधी ने यह बात सैद्धांतिक तौर से बताई है, लेकिन 9 महीने पहले आम आदमी पार्टी ने प्रैक्टिकली चुनाव आयोग के सामने उन लोगों के नाम पेश कर बताया कि उन लोगों ने वोट काने का कोई भी आवेदन देने से इन्कार कर दिया है। इस दौरान सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल और सांसद राघव चड्ढा प्रेसवार्ता का वीडियो भी दिखाया, जिसमें उन्होंने खुलासा किया था कि कैसे फर्जी लोग असली वोटर्स के नाम कटवाने के लिए आवेदन किए हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 29 दिसंबर 2024 को अरविंद केजरीवाल ने फर्जी वोट जोड़ने और सही वोट के नाम कटाने को लेकर प्रेसवार्ता की थी। इसके बाद बड़ी मुश्किल से चुनाव आयोग ने तय कि 2-4 जनवरी के बीच उन लोगों को बुलाया जाए जो लोग 100-100 लोगों के नाम काटने का आवेदन दे रहे हैं। लेकिन चुनाव आयोग ने कहा कि आम आदमी पार्टी से कोई नहीं आएगा, ये लोग सिर्फ चुनाव आयोग के सामने पेश होंगे। आयोग ने उन लोगों को नोटिस भेजा और सिर्फ 11 लोग ही पेश हुए। इन लोगों ने भी मना कर दिया है कि उन्होंने वोट काटने को लेकर कोई भी आवेदन नहीं किया है। यह कैसे संभव है कि कोई व्यक्ति 108 अलग-अलग लोगों के बारे में आवेदन दे रहा है कि वह अपने पते पर नहीं रहा है। उसके पास यह जानकारी कैसे आई। आम आदमी पार्टी की शिकायत पर चुनाव आयोग ने जांच क्यों नहीं कराई? इसका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि किसी और के नाम से वोट काटने का आवेदन करना अपराधिक कार्य है। चुनाव आयोग के दफ्तर में सीसीटीवी कैमरा था, उससे चुनाव आयोग को उन लोगों की जांच करानी चाहिए थी। चुनाव आयोग को अच्छी तरह पता है कि वो कौन लोग हैं, इसलिए जांच नहीं कराई। उन्होंने कहा कि 84 लोगों ने 4 हजार लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटने का आवेदन किया था। इससे पहले ही अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली विधानसभा में 1 लाख 48 हजार वोटों में से 42 हजार वोटों काट दिए गए थे और विधानसभा में कुल 1 लाख 6 हजार वोटर ही बचे थे। इसके बाद भी 6100 वोटरों के नाम काटने के लिए आवेदन दिए गए। साथ ही, करीब 10500 नए वोट बनवाने के लिए आवेदन किए गए। तरूण कुमार चौटाला ने 108, उषा देवी ने 22, राजकुमार ने 82 वोट काटने के आवेदन दिए, लेकिन चुनाव आयोग के सामने इन लोगों ने कोई भी आवेदन करने से साफ इन्कार कर दिया। चुनाव आयोग ने इस फर्जीवाड़े की जांच में कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाईं।
सौरभ भारद्वाज ने 2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि 7 दिसंबर 2018 को अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में कैंपेन चलाया था कि गलत वोट काटे जा रहे हैं। उस दौरान अरविंद केजरीवाल ने बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुप्ता के ट्वीट को रिट्वीट कर एक बताया था कि भाजपा द्वारा लाखों वोट कटवाए जा रहे हैं। हैदराबाद की रहने वाली बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुप्ता ने तेलंगाना चुनाव से पहले ट्वीट किया था कि वह 12 साल से रह रही हैं, लेकिन उनका, उनके माता-पिता और बहन का वोट काट दिया गया है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2013-14 से अक्सर यह बात देखी जा रही है कि वोटिंग के दिन जब गरीब आदमी वोट देने पहुंचता है तो बूथ पर उसे पता चलता है कि उसका वोट ही नहीं है। खासतौर पर गरीब इलाकों और अनधिकृत कॉलोनियों, झुग्गी-झोपड़ियों और छोटे-छोटे गांवों में रहने वाले गरीब लोगों के बड़े स्तर पर वोट काटे जाते हैं। हर गरीब आदमी जान रहा होगा कि उसका वोट कैसे काटा जा रहा है। जबकि बिना सत्यापन के वोट नहीं काटे जा सकते। बीएलओ मौके पर जाकर सत्यापन करता है, जब व्यक्ति वहां नहीं रहता पाया जाता है तब नाम काटा जाता है। पिछले 10 सालों से देश भर में बिना सत्यापन के फर्जी आवेदन के जरिए लाखों वोटों को काटने का काम किया जा रहा है। हम बडे फक्र से कह सकते हैं कि जो बात आज राहुल गांधी कह रहे हैं, वह बात अरविंद केजरीवाल ने 2018 और 2019 में ही कह दी थी। अब यह बात साफ हो गई है कि चुनाव आयोग सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।






