नई दिल्ली, 26 अगस्त (The News Air)
टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा ने नफ़रत फैलान के लिए उनका सहारा लेने वालों को जमकर लताड़ा है। उन्होंने अपने भाले के साथ पाकिस्तान के खिलाड़ी अरशद नदीम के घूमने की घटना को ग़लत तरीक़े से पेश किए जाने पर बयान जारी किया है कि निहित स्वार्थ व प्रचार के लिए कृप्या मेरे नाम या उनसे जुड़ी किसी चीज़ का इस्तेमाल न किया जाए।
यह है पूरा मामला- एक मीडिया हाउस को दिए गए इंटरव्यू में गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने बताया था कि वह फाइनल (ओलंपिक में) की शुरुआत में अपने भाले को तलाश रहे थे लेकिन वह मिल नहीं रहा था। अचानक देखा कि पाकिस्तान का खिलाड़ी अरशद नदीम मेरे भाले के साथ घूम रहा था। फिर मैंने उससे कहा, ‘भाई यह भाला मुझे दे दो, यह मेरा भाला है। मुझे इसको फेंकना है‘। उसने मुझे वापस दे दिया। नीरज ने यह सामान्य बात इंटरव्यू में बताई थी।
सामान्य बात को नफरती लोगों ने कहानी रच डाली- लेकिन सोशल मीडिया पर पाकिस्तान कनेक्शन और साज़िश को कुछ नफरती लोगों ने खोज लिया। नफरती लोगों ने हद पार करते हुए नदीम द्वारा भाले के साथ छेड़छाड़, इंडियन खिलाड़ी के साथ साज़िश तक की कहानी रच डाली। जब पूरी सोशल मीडिया नफरती टिप्पणियों से पट गया और खेल भावना आहत होने लगी तो नीरज चोपड़ा ने गुस्से में नफ़रत फैलाने वालों को कड़ा संदेश दिया है।
चोपड़ा बोले कृप्या नफ़रत फैलाना बंद कीजिए- चोपड़ा ने इस मुद्दे के बारे में अपनी बात कहने के लिए ट्वीटर का सहारा लिया। ट्वीट किया कि, मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि कृप्या मुझे और मेरी टिप्पणियों को अपने निहित स्वार्थों और प्रचार के माध्यम के रूप में उपयोग न करें। खेल हमें एक साथ रहना और एक होना सिखाते हैं। मेरी हालिया टिप्पणियों पर जनता की कुछ प्रतिक्रियाओं को देखकर मैं बेहद निराश हूं।
आगे ट्वीट किया, ‘मैं एक मुद्दे के बारे में बात करना चाहता हूं … हाल ही में एक साक्षात्कार में, मैंने इस बारे में बात की थी कि कैसे मैंने पाकिस्तान के अरशद नदीम से टोक्यो ओलंपिक फाइनल में फेंक से पहले अपना भाला लिया था। अब, यह बिना किसी कारण के एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है। भाला फेंकने वाले किसी भी घटना से पहले अपने व्यक्तिगत भाला एक स्थान पर रखते हैं और सभी एथलीट उनका उपयोग कर सकते हैं … यह एक नियम है। तो ज़ाहिर है, मेरे भाले से तैयारी करना उनके लिए ग़लत नहीं था।
चोपड़ा ने आगे ट्वीट किया, ‘मुझे यह जानकर दुख हुआ कि लोग मेरे नाम के पीछे इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। खेल एक ऐसी चीज़ है जो हमें एक साथ चलना सिखाती है और सभी भाला फेंकने वाले परस्पर सम्मान और प्यार साझा करते हैं। इसलिए, कृप्या आहत करने वाली बातें न कहें।’