दिग्गज बैंकर केवी कामत (KV Kamath) ने RBI की मॉनेटरी पॉसलि की तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि अगर इंटरेस्ट रेट्स की बात करें तो केंद्रीय बैंक ने सही कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि RBI ने पिछले कुछ सालों में एक भी गलत कदम नहीं उठाया है। मॉनेटरी पॉलिसी की कामत की तारीफ इस बात का संकेत है कि उन्हें इंडिया की इकोनॉमी में भरोसा है। कामत नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID) के चेयरमैन हैं। उन्हें बैंकिंग सेक्टर का व्यापक अनुभव है।
ICICI Bank के पूर्व चैयरमैन ने पश्चिमी देशों की इकोनॉमी और उनकी मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर चिंता जताई। उनका मानना है कि इन देशों की पॉलिसीज का ग्लोबल इकोनॉमी पर खराब असर पड़ सकता है। उनकी टिप्पणी से यह संकेत मिलता है कि देशों के एकसाथ मिलकर काम करने और पॉलिसी बनाने की जरूरत है। ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ के लक्ष्य का हासिल करने के लिए यह जरूरी है।
जहां तक इंडिया की बात है तो कंजम्प्शन का इसकी ग्रोथ में सबसे ज्यादा योगदान है। कामत ने कहा कि इंडिया की आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी ज्यादा है। यह इंडिया के लिए बहुत फायदेमंद है। इंडिया में ऐसी युवा आबादी है, जो चीजों को मैन्युफैक्चर कर सकती है और उन्हें कंज्यूम भी कर सकती है। उनके मुताबिक, जॉब क्रिएशन चिंता की बात नहीं है। इसकी वजह यह है कि इंडिया में कंपनियां अपने बैक ऑफिसेज बना रही हैं। इससे ज्यादा संख्या में नौकरियों के मौके पैदा होंगे।
कामत ने बेहतर रिस्क मैनेजमेंट की जरूरत पर जोर दिया। उनका मानना है कि कर्ज लेने से जुड़े रिस्क के बारे में कॉर्पोरेट और इंडिविजुअल दोनों तरह के कस्टमर्स को शिक्षित करने की जरूरत है। रेगुलेटर्स को इस तरह के रिस्क के बारे में सही तरीके से बताना चाहिए।
RBI ने पिछले साल मई में रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया था। करीब 10 महीने तक लगातार इंटरेस्ट रेट बढ़ाने के बाद उसने 6 अप्रैल को पेश अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट नहीं बढ़ाने का फैसला किया था। लेकिन, पिछले 10 महीने में रेपो रेट 2.5 फीसदी बढ़ जाने से होम लोन सहित सभी तरह के लोन की EMI बहुत बढ़ गई है। इससे कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
RBI ने महंगाई को काबू में करने के लिए पिछले साल मई से अब तक रेपो रेट छह बार बढ़ाया है। इसका असर रिटेल इनफ्लेशन पर पड़ा है। कई महीनों तक RBI की 2-6 फीसदी की टारगेट रेंज में रहने के बाद यह 6 फीसदी से नीचे आ गया है। आने वाले दिनों में इसमें और कमी आने के आसार हैं।