नई दिल्ली/पोर्ट ब्लेयर (The News Air) आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यहां के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये एकीकृत टर्मिनल का उद्घाटन किया। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने परिसर में वी डी सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया और प्रतिष्ठान का दौरा किया। उनके साथ केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग तथा नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह भी थे।
Inaugurating the new integrated terminal building of Veer Savarkar International Airport in Port Blair. It will boost tourism and strengthen the region's economy. https://t.co/Gbey9gseAT
— Narendra Modi (@narendramodi) July 18, 2023
इस अवसर पर आज प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “इस टर्मिनल के बन जाने से अंडमान और निकोबार द्वीप की यात्रा सुगम हो जाएगी और विशेष रूप से इस क्षेत्र में पर्यटन को काफी बढावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि, पोर्ट ब्लेयर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की नई एकीकृत टर्मिनल बिल्डिंग से यात्रा में आसानी और व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी।”
उन्होंने कहा कि, “लंबे समय तक भारत में विकास का दायरा कुछ दलों की स्वार्थ भरी राजनीति के कारण देश के दूर दराज वाले इलाकों तक पहुंचा ही नहीं। ये दल उन्हीं कामों को प्राथमिकता देते थे जिसमें इनका खुद का भला हो इनके परिवार का भला हो, नतीजा ये हुआ कि जो आदिवासी क्षेत्र और द्वीप हैं वहां की जनता विकास से वंचित रही, विकास के लिए तरसती रही।”
उन्होंने आज यह भी कहा कि, “पिछले 9 वर्षों में हमने न केवल पुरानी सरकारों की गलतियों को सुधारा है, बल्कि लोगों को नई सुविधाएं और रास्ते भी दिए हैं। भारत में विकास का एक नया मॉडल विकसित हुआ है। यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ का मॉडल है।हमारे से पहले की सरकार के 9 साल में अंडमान निकोबार को करीब 23,000 करोड़ रुपये का बजट अलॉट किया गया था। जबकि हमारी सरकार के दौरान अंडमान निकोबार के विकास के लिए 9 वर्षों में करीब 48 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।”
उन्होंने आज इस मौके पर यह भी कहा कि, “2024 के लिए देश के लोगों ने हमारी सरकार वापस लाने का मन बना लिया है। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं। इन्हें देखकर मुझे एक कविता याद आती है, “गायित कुछ है, हाल कुछ है, लेबिल कुछ है माल कुछ है”। 24 के लिए 26 होने वाले दलों पर ये फिट बैठता है।”
इस नए टर्मिनल भवन का निर्माण लगभग सात सौ दस करोड़ रूपये की लागत से किया गया है। यह टर्मिनल अंडमान और निकोबार के संपर्क को बढावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।यह टर्मिनल लगभग 40 हजार आठ सौ वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है। नये टर्मिनल भवन में सालाना लगभग 50 लाख यात्रियों के प्रबंधन की क्षमता है। एप्रोन अनुकूल दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 श्रेणी के विमान हवाई अड्डे पर 80 करोड रूपये की लागत से निर्मित किए गए हैं। इस तरह इस हवाई अड्डे में एक बार में 10 विमान को पार्किंग की सुविधा मिलेगी।