Varanasi Ganga Boat Accident: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) में मान मंदिर घाट (Man Mandir Ghat) के पास शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब गंगा नदी (Ganga River) में श्रद्धालुओं से भरी एक नाव पलट गई। हादसे के समय नाव में करीब 60 लोग सवार थे, जो ओडिशा (Odisha) से आए श्रद्धालु थे।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बताया कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं और किसी भी जानमाल की हानि नहीं हुई है। उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से बातचीत कर पूरी जानकारी ली।
कैसे हुआ हादसा? प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया पूरा मामला
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा मान मंदिर घाट के सामने गंगा पार के पास हुआ। ओडिशा से आए श्रद्धालु गंगा दर्शन के लिए नाव यात्रा कर रहे थे, तभी उनकी नाव को एक अन्य बड़ी नाव ने टक्कर मार दी, जिससे संतुलन बिगड़ गया और नाव पलट गई।
हादसे के समय सभी श्रद्धालुओं ने लाइफ जैकेट (Life Jacket) पहन रखी थी, जिससे जान बचाने में मदद मिली।
घटना की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और जल पुलिस (Water Police) मौके पर पहुंची और सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
सिर्फ एक व्यक्ति को हल्की चोट आई , जिसे तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई।
धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक पोस्ट करते हुए कहा:
“वाराणसी के मान मंदिर घाट के पास ओडिशा के 60 श्रद्धालुओं से भरी एक नाव दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन से बातचीत कर पूरी जानकारी ली गई। महाप्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद से सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं।“
बड़ी नाव ने छोटी नाव को मारी टक्कर, चश्मदीदों का दावा
हादसे के वक्त वहां मौजूद एक श्रद्धालु ने बताया कि बड़ी नाव के टकराने के कारण छोटी नाव तेजी से डगमगाने लगी और फिर पलट गई।
एक अन्य चश्मदीद ने कहा:“हम सब गंगा जी की यात्रा कर रहे थे, अचानक एक बड़ी नाव हमारी नाव से टकराई और हमारी नाव पलट गई। गनीमत रही कि सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया।“
NDRF और जल पुलिस की त्वरित कार्रवाई के चलते किसी की जान नहीं गई और सभी श्रद्धालु सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए।
प्रशासन ने जारी किया अलर्ट, नाव संचालन पर सख्ती
इस घटना के बाद वाराणसी प्रशासन ने गंगा में नाव संचालन को लेकर नई गाइडलाइंस जारी करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने कहा कि:
गंगा नदी में चलने वाली सभी नावों की सुरक्षा जांच अनिवार्य होगी।
सभी यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा।
नावों की अधिकतम भार सीमा तय की जाएगी, जिससे ज्यादा यात्रियों को बैठने से रोका जा सके।
क्या इससे पहले भी हुए हैं ऐसे हादसे?
यह पहली बार नहीं है जब गंगा नदी में इस तरह की दुर्घटना हुई हो। इससे पहले भी वाराणसी और अन्य जगहों पर नाव पलटने की कई घटनाएं सामने आई हैं।
- 2022: वाराणसी में दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) के पास एक नाव पलटी थी, जिसमें 20 से ज्यादा लोग सवार थे।
- 2019: प्रयागराज (Prayagraj) में कुंभ मेले (Kumbh Mela) के दौरान नाव दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी।
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को सख्त नियम लागू करने की जरूरत है।
सभी श्रद्धालु सुरक्षित, लेकिन सुरक्षा उपाय जरूरी
वाराणसी में गंगा नदी में नाव पलटने का यह हादसा बड़ा था, लेकिन राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। प्रशासन ने त्वरित एक्शन लेते हुए NDRF और जल पुलिस की मदद से सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया।
हालांकि, इस घटना ने नाव संचालन को लेकर सुरक्षा की जरूरत पर फिर से सवाल खड़ा कर दिया है। प्रशासन को अब सुरक्षा मानकों को और कड़ा करना होगा ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।