Bangladesh Violence News : बांग्लादेश में जारी हिंसा और अराजकता ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। जिस बांग्लादेश को भारत ने आजाद कराया था, आज वही भारत को आंखें दिखा रहा है। वहां हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि हिंदू युवक दीपू चंद्र दास और युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद पूरा देश सुलग रहा है। अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर अब संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है और यूनुस सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। इस चौतरफा दबाव के बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) अमेरिका की शरण में पहुंच गए हैं।
UN ने यूनुस सरकार को लगाई लताड़
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरों पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (António Guterres) ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने साफ शब्दों में कहा कि, “हम बांग्लादेश में हो रही हिंसा से चिंतित हैं। हम वहां की सरकार से अपील करते हैं कि हर किसी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। जो लोग बहुसंख्यक नहीं हैं, उन्हें भी सुरक्षित रहने का पूरा अधिकार है।” यूएन का यह बयान यूनुस सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, जो अब तक हालात को संभालने में नाकाम रही है।
अमेरिका से मांगी मदद, शेख हसीना पर फोड़ा ठीकरा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घिरता देख मोहम्मद यूनुस ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने अमेरिकी विशेष दूत सर्जियो गोर (Sergio Gor) के साथ फोन पर करीब आधे घंटे तक बातचीत की। इस दौरान यूनुस ने बांग्लादेश में आगामी आम चुनावों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वे निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। लेकिन, अपनी नाकामी छिपाने के लिए उन्होंने एक बार फिर सारा ठीकरा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) पर फोड़ दिया। यूनुस ने आरोप लगाया कि “अपदस्थ शासन के समर्थक चुनाव बाधित करने के लिए करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं और शेख हसीना भारत से बैठकर बांग्लादेश में हिंसा भड़काने की साजिश रच रही हैं।”
हिंसा और भारत-बांग्लादेश तनाव
उस्मान हादी और दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाएं चरम पर हैं। ढाका से लेकर दिल्ली तक इस तनाव का असर दिख रहा है। सुरक्षा चिंताओं के चलते भारत ने बांग्लादेश में अपनी वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं, जिसके जवाब में अब बांग्लादेश ने भी वीजा सेवाएं रोक दी हैं। भारतीय दूतावासों की सुरक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे नैरेटिव को भारत पूरी तरह खारिज करता है और वहां की स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है।
विश्लेषण: यूनुस सरकार के हाथ से निकली बाजी?
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि हालात मोहम्मद यूनुस के नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं। एक तरफ कट्टरपंथी सड़कों पर तांडव कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ता जा रहा है। यूनुस का अमेरिका से संपर्क साधना यह दर्शाता है कि उन्हें अब अपनी कुर्सी और साख बचाने के लिए बाहरी सहारे की जरूरत पड़ रही है। शेख हसीना पर आरोप लगाकर वे कब तक अपनी जिम्मेदारियों से बच पाएंगे, यह एक बड़ा सवाल है। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो बांग्लादेश एक गंभीर गृहयुद्ध की ओर बढ़ सकता है, जिसका असर पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता पर पड़ेगा।
जानें पूरा मामला
बांग्लादेश में युवा नेता उस्मान हादी और हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद हिंसा भड़क उठी है। यूएन ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई है। वहीं, अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अमेरिका से बातचीत कर चुनाव का भरोसा दिया है और हिंसा के लिए शेख हसीना को जिम्मेदार ठहराया है। भारत ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए स्थिति पर नजर बनाए रखी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बांग्लादेश में हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई गहरी चिंता, सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील।
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मोहम्मद यूनुस ने अमेरिकी विशेष दूत से फोन पर बात की, चुनाव कराने का वादा किया।
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यूनुस ने शेख हसीना पर भारत से हिंसा भड़काने और चुनाव रोकने की साजिश का आरोप लगाया।
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भारत और बांग्लादेश दोनों ने एक-दूसरे देश के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कीं।
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भारत सरकार ने बांग्लादेश में चरमपंथी नैरेटिव को खारिज किया और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।






