The News Air – हड़ताल पर जाने से पहले चंडीगढ़ में बिजली सप्लाई जानबूझकर ख़राब की गई। यह किसी और ने नहीं बल्कि हड़ताली कर्मचारियों ने ही की। बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान भी यह बात निकल कर सामने आई। यही वजह रही कि हाईकोर्ट ने यूनियन को कड़ी फटकार लगाई। जिसके बाद यूनियन से जवाब तलब किया गया है।
इन दो वजहों से समझें… क्यों कटघरे में कर्मचारी
पूरे शहर में बिजली गुल हो गई। इसके बावज़ूद सेक्टर 28 में सप्लाई निर्विघ्न चलती रही। यह वही सेक्टर है जहां बिजली कर्मचारी परिवार समेत रहते हैं। मंगलवार को हाईकोर्ट और जजों के रहने वाले सेक्टर 4 की भी बिजली चली गई। जैसे ही हाईकोर्ट ने बिजली ठप होने का संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया तो सप्लाई बहाल हो गई। कर्मचारी हड़ताल पर थे तो यह कैसे संभव हुआ।
एमिकस क्यूरी ने उठाए सवाल, कहा-यूनियन पर अवमानना बनती है
इस मामले में हाईकोर्ट की तरफ़ से नियुक्त किए गए एमिकस क्यूरी (अदालत के मित्र) सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल ने सुनवाई के दौरान कई अहम सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करने में काफ़ी देरी की। वहीं यूनियन की ओर से कुछ चुनिंदा क्षेत्रों को छोड़ बाक़ी चंडीगढ़ में बिजली को जानबूझकर प्रभावित किया गया।
एडवोकेट मित्तल ने कहा कि यूनियन शहर की बिजली को प्रभावित कर एक तरह से हाईकोर्ट को संदेश देना चाहते थे। जब मामला हाईकोर्ट में लंबित है तो यह हड़ताल एक प्रकार से कोर्ट की अवमानना बनती है। उन्होंने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि शहर की बिजली सप्लाई को कर्मचारियों ने प्रभावित किया था। यह बात चंडीगढ़ प्रशासन के हलफनामें में भी सामने आ गई। ऐसे में हाईकोर्ट ने यूनियन के वकील को गुरुवार तक मामले में जवाब पेश करने को कहा है।
जजों के घरों में बिजली गई और नोटिस होते ही चालू कर दी
चेतन मित्तल ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट में और जजों के घरों में भी बिजली गई थी। जैसे ही हाईकोर्ट ने मामले में सुओ-मोटो लेते हुए नोटिस जारी किया उसके कुछ ही देर में बिजली सप्लाई चालू हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि एयरपोर्ट में भी बिजली सप्लाई प्रभावित हुई है और वहाँ डीजी सेट से काम चलाया गया।