भोपाल, 27 दिसंबर (The News Air) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बना बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) आमजन के लिए मुसीबत का सबब बन गया था, इसी के चलते राज्य की नई सरकार ने इसे हटाने का फैसला लिया है।
इस पर विरोधी ही नहीं सत्ताधारी दल के नेता भी सवाल उठा रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने तो करोड़ों रुपये की बर्बादी की जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद बीआरटीएस को हटाने का फैसला लिया।
इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक्स पर लिखा, “मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार द्वारा बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने का फैसला व्यवहारिक एवं प्रशंसनीय है। ये बनाये ही क्यों गए, इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि ऐसी गलतियां सरकार के सैकड़ों करोड़ों का नाश कर देती हैं। राजधानी का बीआरटीएस 24 किलोमीटर लंबा है और कई स्थानों पर इस मार्ग के चलते आवागमन प्रभावित होता है।”
इससे पहले कांग्रेस के नेता भी इस मामले पर सवाल उठा चुके हैं। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि राजधानी में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाने एवं सड़क के समतलीकरण एवं सुगम यातायात के अनुकूल मार्ग के विकास के कार्यों की योजना पर भी बातचीत हुई।