इसके साथ ही आज उन्होंने कहा कि, “मेरा सब कुछ छीन गया है। हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन गया है लेकिन ठाकरे नाम छीन नहीं सकता। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से सुनवाई शुरू होगी। “
उन्होंने पुरजोर कह कि, “BJP के तलवे चाटने के लिए शिवसेना नहीं है। महाराष्ट्र में जो कुछ चल रहा है अगर उसे नहीं रोका गया तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव भी हो सकता है। इसके बाद यहां पुरजोर तानाशाही चलेगी। मैंने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि सस्पेंड विधायकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। जब तक फैसला नहीं आ जाता, तब तक अपना फैसला मत सुनाइए।”
उनका आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहना था कि, ” केंद्रीय चुनाव आयोग का सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के सिंबल पर नियंत्रण है। इस पैनल को ही अब भंग किया जाए। हमारा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मुझे शरद पवार, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के भी फोन आए हैं। “
जानकारी हो कि, इसके पहले शिवसेना नाम और तीर-कमान का निशान मिलने के बाद शिंदे गुट ने महाराष्ट्र असेंबली में बने शिवसेना ऑफिस पर भी दावा ठोंक दिया है। शिंदे गुट के विधायकों ने आज सोमवार सुबह विधानसभा स्पीकर से मुलाकात कर विधानसभा के शिवसेना कार्यालय को कस्टडी में ले लिया है। शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने कहा था कि, “हम सिर्फ ECI के आदेश का पालन कर रहे हैं। ECI ने हमें शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, इसलिए यह कार्यालय अब हमारा है।”
हालांकि वहीं मुंबई के शिवसेना भवन में उद्धव गुट की मीटिंग से पहले शिंदे गुट के नेता सदा सर्वंकर ने साफ़ कहा था कि, “हम किसी प्रॉपर्टी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। न सिर्फ सेना भवन, बल्कि हमारे लिए पार्टी की हर शाखा एक मंदिर के सामान ही है।”