The News Air- (नई दिल्ली) किसी दूसरे के फोटोज और वीडियोज अपने twitter हैंडल पर शेयर करना अब तक आसान था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। twitter एक नई पॉलिसी(Twitter New Policy) लेकर आया है। यानी लोगों की तस्वीरों और वीडियोज का मिसयूज(misuse) रोकने twitter ने अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है। इसके तहत किसी दूसरे के फोटोज और वीडियोज बगैर परमिशन के इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। अगर ऐसा किया, तो आप पर एक्शन होगा।
हो सकता है अकाउंट बंद
ABP की ख़बर के अनुसार, अगर आपने बिना किसी की अनुमति के उसके फोटोज और वीडियो अपने twitter हैंडल पर शेयर किए और उसने शिकायत कर दी, तो आपका अकाउंट बंद हो सकता है। यानी इस नई पॉलिसी के बाद अब कोई भी यूजर दूसरे के फोटो-वीडियो री-ट्वीट भी नहीं कर पाएगा। कंपनी का मानना है कि यह प्राइवेसी का उल्लंघन है। इस बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। यह नया नियम 30 नवंबर 2021 से लागू हो गया है।
इन पर लागू होगा ये नियम
यह नियम आम यूजर्स के लिए अलग और सेलिब्रिटी के लिए अलग है। आम यूजर्स को सामने वाले के फोटोज और वीडियो शेयर करने के लिए परमिशन लेनी होगी। अगर उसने twitter पर अपनी आपत्ति दर्ज़ कराई, तो आपका अकाउंट बंद किया जा सकता है। हालांकि सबसे पहले twitter उन फोटोज और वीडियो को हटाने की कार्रवाई करेगा। अगर ये फोटोज या वीडियोज किसी न्यूज़ पेपर, न्यूज़ पोर्टल या टीवी न्यूज़ ने शेयर किए हैं और twitter के अलावा दूसरे अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं, तो ये पॉलिसी इन पर लागू नहीं होगी। यह नियम सेलिब्रिटीज पर लागू नहीं होगा। आम यूजर्स इनकी फोटोज और वीडियोज शेयर कर सकता है।
इससे पहले सरकार भी जारी कर चुकी है गाइडलाइन
इससे पहले सोशल मीडिया गाइड लाइन को लेकर सूचना और प्रसारण मंत्रालय (IT Ministry) के दिशा-निर्देशों को twitter और बाक़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का लागू करना पड़ा था। गाइडलाइन यह है….
- सोशल मीडिया कंपनियां भारत में अपने 3 अधिकारियों, चीफ़ कॉम्प्लियांस अफ़सर, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेसिडेंट ग्रेवांस अफ़सर नियुक्त करेंगी। इनका आफ़िस भारत में ही होना चाहिए। ये अपना संपर्क नंबर वेबसाइट पर पब्लिश करेंगी।
- सभी कंपनियां शिकायत के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएंगी। शिकायतों पर 24 घंटे के अंदर संज्ञान लिया जाएगा। वहीं, संबंधित अधिकारी 15 दिनों के अंदर शिकायतकर्ता को जांच की प्रगति रिपोर्ट देगा।
- सभी कंपनियां ऑटोमेटेड टूल्स और तकनीक के ज़रिए कोई ऐसा सिस्टम बनाएंगी, जिससे रेप, बाल यौन शोषण से संबंधित कंटेंट को पहचाना जा सके। साथ ही यह किसने पोस्ट किया, वो भी पता चल सके। इस पर सख्त निगरानी होनी चाहिए।
- सभी कंपनियां हर महीने एक रिपोर्ट पब्लिश करेंगी, जिसमें शिकायतों के निवारण और एक्शन की जानकारी होगी। जो कंटेंट हटाया गया, वो भी बताना होगा।
बता दें कि इस गाइडलाइन का पालन करने से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक कंटेंट में कमी आई है।