तुर्की में भड़के विरोध प्रदर्शन, इस्तांबुल में बढ़ा तनाव
इस्तांबुल (Istanbul): तुर्की (Turkey) में राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन (Recep Tayyip Erdoğan) के खिलाफ प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतरकर इस्तांबुल (Istanbul) के मेयर इकरम इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार विपक्ष को दबाने के लिए इस तरह के कदम उठा रही है।
हाइलाइट्स:
इस्तांबुल (Istanbul) के मेयर इकरम इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) की गिरफ्तारी के बाद भड़के प्रदर्शन।
राष्ट्रपति एर्दोआन (Erdogan) ने कहा- विपक्ष कर रहा है देश को अस्थिर करने की कोशिश।
तुर्की (Turkey) के कई शहरों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प।
विपक्षी दलों ने एर्दोआन सरकार पर लगाया लोकतंत्र के दमन का आरोप।
सोशल मीडिया पर #FreeImamoglu और #ErdoganResign ट्रेंड कर रहा है।
तुर्की में बढ़ा राजनीतिक संकट, एर्दोआन पर विपक्ष का हमला
तुर्की (Turkey) की राजनीति में इस समय जबरदस्त उथल-पुथल मची हुई है। इस्तांबुल (Istanbul) के मेयर इकरम इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) की गिरफ्तारी के बाद एर्दोआन (Erdogan) सरकार पर लोकतंत्र को कुचलने के आरोप लग रहे हैं। विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना कर रही हैं और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।
क्या हैं प्रदर्शनकारियों की मांगें?
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) की गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार आगामी चुनावों से पहले विपक्ष को कमजोर करने की रणनीति अपना रही है। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) की तत्काल रिहाई।
सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं पर हो रहे दमन को रोका जाए।
लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूत किया जाए और प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।
तुर्की सरकार का क्या कहना है?
राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोआन (Recep Tayyip Erdoğan) ने प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह विपक्ष की एक सोची-समझी चाल है, जिससे देश को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। सरकार का दावा है कि इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) पर लगे आरोप कानूनी हैं और इसमें कोई राजनीतिक साजिश नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
तुर्की (Turkey) में जारी इस संकट पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजर बनाए हुए है। अमेरिका (USA), यूरोपीय यूनियन (European Union) और अन्य लोकतांत्रिक देशों ने तुर्की में हो रहे इन घटनाक्रमों पर चिंता जताई है। कई मानवाधिकार संगठनों ने भी तुर्की सरकार से अपील की है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करे।
आगे क्या होगा?
स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है और आने वाले दिनों में यह प्रदर्शन और तेज हो सकते हैं। अगर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव जारी रहता है, तो तुर्की (Turkey) में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुद्दे का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
निष्कर्ष
तुर्की (Turkey) में इस समय राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। इस्तांबुल (Istanbul) के मेयर इकरम इमामोअलू (Ekrem İmamoğlu) की गिरफ्तारी ने जनता में रोष पैदा कर दिया है, और विपक्ष इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि एर्दोआन (Erdogan) सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या विपक्ष अपने विरोध प्रदर्शनों को और बड़ा रूप देगा।