US-India Tariff Conflict : अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के पूर्व सहयोगी, जॉन बोल्टन (John Bolton) ने भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर एक बड़ी चेतावनी जारी की है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि इस कदम से वाशिंगटन (Washington) को सबसे बुरे नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं, क्योंकि इससे अमेरिका (America) के रणनीतिक हित कमजोर हो रहे हैं और भारत (India), रूस (Russia) और चीन (China) के और करीब जा रहा है।
नई दिल्ली (New Delhi) से बिगड़ रहे रिश्ते, बीजिंग (Beijing) पर नरमी
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन (John Bolton) ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ का असर उल्टा हुआ है। इस फैसले ने नई दिल्ली (New Delhi) के साथ संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है और भारत को रूस (Russia) व चीन (China) से दूर करने के अमेरिका (America) के दशकों पुराने प्रयासों को नाकाम कर दिया है। उन्होंने रूसी तेल (Russian Oil) खरीदने को लेकर भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ की ओर इशारा करते हुए ट्रंप पर भारत की बजाय चीन (China) को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। बोल्टन (Bolton) ने इसे एक संभावित ‘बड़ी भूल’ करार दिया है।
अमेरिकी रणनीति को खतरा
‘सीएनएन’ (CNN) के साथ एक साक्षात्कार में, बोल्टन (Bolton) ने इस विडंबना पर प्रकाश डाला कि जिस टैरिफ का उद्देश्य रूस (Russia) को दंडित करना था, वह अनजाने में भारत को रूस (Russia) और चीन (China) के करीब धकेल सकता है। यह कदम इन देशों को अमेरिका (America) के खिलाफ मिलकर बातचीत करने के लिए भी प्रेरित कर सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, “चीन (China) के प्रति ट्रंप की नरमी और भारत पर भारी टैरिफ, भारत को रूस (Russia) और चीन (China) से दूर करने के दशकों पुराने अमेरिकी प्रयासों को खतरे में डालते हैं।”
रणनीतिक हितों की अनदेखी
‘द हिल’ (The Hill) के लिए लिखे एक संपादकीय में, बोल्टन (Bolton) ने आगे बताया कि बीजिंग (Beijing) के प्रति ट्रंप का नरम रुख राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ एक समझौते तक पहुंचने की उत्सुकता में अमेरिकी रणनीतिक हितों की बलि चढ़ाने जैसा देखा जा सकता है। उन्होंने लिखा, “ऐसा प्रतीत होता है कि व्हाइट हाउस (White House) टैरिफ दरों और अन्य मानकों पर नई दिल्ली (New Delhi) की तुलना में बीजिंग (Beijing) के साथ अधिक नरमी बरतने की ओर अग्रसर है। अगर ऐसा है, तो यह एक बहुत बड़ी भूल होगी।”
भारत अपने फैसले पर अडिग
ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाया गया अतिरिक्त टैरिफ अब तक भारत को रूसी तेल (Russian Oil) खरीदने से रोकने में विफल रहा है। इस मामले पर भारत ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वह वही निर्णय लेता रहेगा जो उसके राष्ट्रहित में होगा।






