विदेशी हैंडलर के हाथ में था रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट का ट्रिगर, सामने आया अल हिन्द कनेक्शन

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बेंगलुरु

बेंगलुरु, 13 अप्रैल (The News Air) बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में बड़ा खुलासा हुआ है. इस केस का कनेक्शन ISIS के अल-हिन्द मॉड्यूल से जुड़ा है. सूत्रों के मुताबिक, दोनों आरोपी (अब्दुल मथीन ताहा और मुस्सविर हुसैन शाजिब) ISIS के अल हिंद मॉड्यूल से जुड़े हुए थे. दोनों विदेश हैंडलर के संपर्क में थे. अब्दुल मथीन, मुसव्विर को विदेश से निर्देश मिलते थे. ISIS का अल हिंद मॉड्यूल देश के लिए बड़ा खतरा है. कई राज्यों में अल हिंद मॉड्यूल के स्लीपर सेल फैले हैं. बताया जा रहा है कि ये हर ऑपरेशन के लिए अपने मॉड्यूल का अलग-अलग नाम रखते थे.

सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल मथीन ताहा ISIS के अल-हिन्द मॉड्यूल से जुड़ा था, जिसने 2019 में तमिलनाडु में एक बड़े हिन्दू लीडर की हत्या की थी. NIA ने साल 2020 में ISIS से जुड़े 12 आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जिसमें ISIS का फाउंडर मेहबूब पाशा और ख्वाजा मोइनुद्दीन भी शामिल था. गिरफ्तार किए गए इन 12 आतंकियों में सलीम और जैद दोनों अब्दुल मथीन ताहा के करीबी थे.

NIA कोर्ट ने दोनों को 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा

बता दें कि दोनों आरोपियों अब्दुल मथीन ताहा और मुस्सविर हुसैन शाजिब को शुक्रवार को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था. वहीं, आज दोनों आरोपियों को बेंगलुरु में NIA के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. NIA कोर्ट ने दोनों को 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया.

ताहा को ISIS ने दिया 3 लाख रुपये का इनाम

अब्दुल मथीन ताहा ने अल-हिन्द ग्रुप के फाउंडर से संपर्क किया और आतंकी संगठन की ऑनलाइन गतिविधियों में शामिल हो गया. इसके हुनर को देखते हुए ISIS ने 3 लाख रुपये का इनाम भी दिया था. वहीं, पकड़े जाने के बाद इन आतंकियों ने अपनी गतिविधियों को चालू रखने के लिए अपने संगठन का नाम बदल लिया. इसका नाम Tirthaalli Module था.

2022 में सामने आया था Tirthaalli मॉड्यूल

इस मॉड्यूल का नाम नवंबर 2020 में उस वक्त सामने आया जब माज मुनीर, मोहम्मद शारीक और सैयद यासिन ने बेंगलुरु में ISIS के पोस्टर लगाने के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया गया. इसके बाद सितंबर 2022 में इस संगठन का नाम तब सामने आया, जब स्वतंत्रता दिवस के दौरान शिवमोगा में एक शख्स को चाकुओं से गोदा गया. इस साजिश के आरोप के मुनीर और यासीन को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि शरिक फरार हो गया था.

ऐसे गिरफ्तार हुआ था अराफात अली

जांच के दौरान मुस्सविर शाजिब हुसैन, अब्दुल मथीन ताहा और अराफात अली के नाम इस नए मॉड्यूल Tirthaalli Module में सामने आए. मोदम्मद का नाम 2022 में एक बार फिर तब सामने आया जब उसने एक कुकर में IED लगाया और वो गलती से मंगलुरु के बाहरी इलाके में फट गया. अराफात अली को दिल्ली एयरपोर्ट पर 15 सितंबर 2023 को NIA ने पकड़ लिया जब वो विदेश से लौट कर वापस हिंदुस्तान आया था.

बेंगलुरु में अल-हिन्द के मॉड्यूल का पर्दाफाश

जांच में पता चला कि मोहम्मद शारीक और अराफात अली पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर तब पड़ी जब जनवरी 2020 में कर्नाटक पुलिस बेंगलुरु में अल-हिन्द के मॉड्यूल का पर्दाफाश किया था. अब्दुल मथीन ताहा इस मॉड्यूल का मुख्य सरगना है और उसका चचेरा भाई भी इस मॉड्यूल में शामिल है जबकि मुस्सविर शाजिब हुसैन उसका दूर का रिश्तेदार है.

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