IRCTC New Ticket Booking Rules : भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग की दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा और सख्त ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किया है। अगर आप भी उन यात्रियों में से हैं जो 60 दिन पहले अपनी यात्रा की प्लानिंग करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। रेलवे बोर्ड ने फैसला किया है कि 29 दिसंबर से एडवांस बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव होगा। अब टिकट खुलने वाले पहले दिन वही यात्री सीट बुक कर पाएंगे, जिनका IRCTC अकाउंट आधार से पूरी तरह प्रमाणित (Verified) होगा। यह कदम दलालों और अवैध एजेंटों की कमर तोड़ने के लिए उठाया गया है।
IRCTC New Ticket Booking Rules:
अक्सर आपने देखा होगा कि सुबह बुकिंग खुलते ही महज एक मिनट के अंदर सारी सीटें ‘गायब’ हो जाती हैं। आम आदमी स्क्रीन देखता रह जाता है और टिकट वेटिंग में चला जाता है। लेकिन अब यह खेल खत्म होने वाला है। रेलवे बोर्ड ने आरक्षित टिकटों की कालाबाजारी, फर्जी आईडी और अवैध सॉफ्टवेयर्स के जरिए होने वाली बुकिंग पर लगाम लगाने के लिए यह ऐतिहासिक फैसला लिया है। रेलवे के नए सर्कुलर के मुताबिक, ‘एडवांस रिजर्वेशन पीरियड’ (ARP) यानी बुकिंग खुलने वाले दिन अब प्राथमिकता असली और आधार-वेरिफाइड यात्रियों को ही दी जाएगी।
तीन चरणों में बदलेगी बुकिंग की तस्वीर
यह नई व्यवस्था रातों-रात नहीं, बल्कि एक सुनियोजित तरीके से तीन चरणों में लागू की जाएगी ताकि यात्रियों को समझने का मौका मिले।
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पहला चरण: 29 दिसंबर 2025 से शुरू होगा। इसमें बुकिंग खुलने वाले दिन सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक केवल वही यात्री ऑनलाइन टिकट बुक कर पाएंगे, जिनका अकाउंट आधार से लिंक होगा।
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दूसरा चरण: 5 फरवरी 2026 से लागू होगा। इसमें समय सीमा बढ़ाकर सुबह 8:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक कर दी जाएगी।
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तीसरा चरण: 12 मई 2026 (ट्रांसक्रिप्ट के संदर्भ अनुसार) से लागू होगा। इस दिन से ‘ओपनिंग डे’ पर पूरे दिन यानी सुबह 8:00 बजे से रात 12:00 बजे तक सिर्फ आधार प्रमाणित यूजर ही टिकट बुक कर सकेंगे।
दलालों के ‘सॉफ्टवेयर’ हो जाएंगे फेल
इस बदलाव के पीछे की मुख्य वजह रेलवे को मिल रही लगातार शिकायतें थीं। जांच में सामने आया था कि देश भर में फैले टिकट माफिया कई फर्जी आईडी और हाई-स्पीड अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके सेकंडों में टिकट उड़ा ले जाते थे। बाद में यही टिकट आम यात्रियों को ऊंचे दामों पर बेचे जाते थे। 1 नवंबर 2024 को रेलवे ने एडवांस बुकिंग का समय 4 महीने से घटाकर 2 महीने किया था, लेकिन उसका माफिया पर खास असर नहीं पड़ा। चूंकि 90% से ज्यादा टिकट अब ऑनलाइन बुक होते हैं, इसलिए ‘आधार वेरिफिकेशन’ को ही अब सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है।
काउंटर टिकट वालों के लिए राहत
रेलवे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सख्ती केवल IRCTC के जरिए होने वाली ऑनलाइन बुकिंग पर लागू होगी। जो यात्री रेलवे स्टेशन जाकर पीआरएस (PRS) काउंटर से टिकट खरीदते हैं, उनके लिए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उनकी प्रक्रिया पहले जैसी ही सामान्य रहेगी। यह बदलाव पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सक्रिय फर्जीवाड़े को रोकने के लिए है।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण (Analysis):
रेलवे का यह कदम भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतरीन उपयोग है। अब तक एजेंट ‘बोगस यूजर आईडी’ बनाकर सिस्टम को चकमा देते थे, लेकिन ‘आधार’ की अनिवार्यता एक ‘डिजिटल बैरियर’ का काम करेगी जिसे तोड़ना आसान नहीं होगा। इससे न केवल पारदर्शिता आएगी, बल्कि उस आम यात्री को उसका हक मिलेगा जो कतार में सबसे पीछे खड़ा रह जाता था। हालांकि, ग्रामीण इलाकों के उन यात्रियों के लिए थोड़ी चुनौती हो सकती है जो तकनीक से ज्यादा वाकिफ नहीं हैं, लेकिन लंबी अवधि में यह सिस्टम को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।
‘जानें पूरा मामला’
रेलवे में टिकटों की मारामारी एक पुरानी समस्या है। बुकिंग खुलते ही कंफर्म सीट का न मिलना यात्रियों के लिए सिरदर्द बना हुआ था। रेलवे ने पाया कि इसका मुख्य कारण अवैध एजेंट हैं जो सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं। इसी को रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने अब बुकिंग के पहले दिन (Opening Day) आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
‘मुख्य बातें (Key Points)
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29 दिसंबर 2025 से टिकट बुकिंग के नियमों में बड़ा बदलाव लागू होगा।
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ओपनिंग डे पर केवल आधार वेरीफाइड यूजर ही टिकट बुक कर पाएंगे।
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यह नियम तीन चरणों में लागू होगा, जो मई 2026 तक पूरी तरह प्रभावी हो जाएगा।
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रेलवे काउंटर से टिकट लेने वाले यात्रियों पर यह नियम लागू नहीं होगा।






