आज भारत के रत्न लेकिन वो भी एक दिन था जब कांग्रेस दफ्तर में नहीं लाने दिया गया Narasimha Rao का शव

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आज भारत के रत्न लेकिन वो भी एक दिन था जब कांग्रेस दफ्तर में नहीं लाने दिया गया Narasimha Rao का शव
आज भारत के रत्न लेकिन वो भी एक दिन था जब कांग्रेस दफ्तर में नहीं लाने दिया गया Narasimha Rao का शव

नई दिल्ली, 9 फरवरी (The News Air): नरेंद्र मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री रहे कांग्रेस नेता नरसिम्हा राव (P V Narasimha Rao Bharat Ratna Award) को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। देश की अर्थव्यवस्था को मुश्किलों से निकालकर पटरी पर लाने वाले राव की तारीफ कई बार पीएम मोदी स्वयं कर चुके थे। राव ने देश की अर्थव्यवस्था को खोलकर आर्थिक सुधार का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। हालांकि, सोनिया गांधी के कांग्रेस की कमान संभालने के बाद पार्टी ने कभी राव की उपलब्धियों का जिक्र तक करना उचित नहीं समझा। कुछ ऐसे वाकये भी रहे हैं जिसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व और इस सबसे बड़ी पार्टी की आलोचना भी होती है। राव के निधन होने के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस ऑफिस में नहीं आने देना भी एक ऐसा ही वाकया था। यहां तक देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने अपनी पुस्तक में अपने पिता के हवाले से इस बात का जिक्र किया है। अब बीजेपी ने राव को भारत रत्न देकर दक्षिण को साफ-साफ संदेश दे दिया है कि उसके लिए दक्षिण-उत्तर कोई मायने नहीं रखता है।

राव के फैसले का जिक्र तक नहीं : जिस नरसिम्हा राव ने देश को आर्थिक दुर्गति से निकाला। देश में आर्थिक उदारीकरण का फैसला किया। उसका कांग्रेस जिक्र तक नहीं करती है। जब राव ने ये फैसला किया था तो पार्टी में उनका काफी विरोध हुआ था। लेकिन अपने पीएम से इस तरह की बेरुखी कर कांग्रेस ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। कांग्रेस ने कभी राव को वो सम्मान नहीं दिया, जिसके वो हकदार थे।

जब राव के शव को कांग्रेस ऑफिस में नहीं आने दिया गया था : 2004 में जब राव का निधन हुआ तो उनका अंतिम संस्कार तक दिल्ली में नहीं होने दिया गया। देश के पूर्व पीएम, आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम राव के पार्थिव शरीर को दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय तक में आने नहीं दिया गया। 24 अकबर रोड के बाहर उनका शव खड़ा रहा लेकिन उसे पार्टी दफ्तर में रखने नहीं दिया गया। बाद में उनका अंतिम संस्कार आंध्रप्रदेश में किया गया था।

प्रणब भी सोनिया के फैसले थे नाराज : देश के पूर्व राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने ‘प्रणब, माई फादर: ए डॉटर रिमैम्बर्स’ किताब में अपने पिता प्रणब के हवाले से इस घटना का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रणब और नरिसिम्हा राव के काफी करीबी संबंध थे। लेकिन उनके दिल में एक कसक हमेशा रही कि राव के निधन के बाद सोनिया गांधी ने उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस दफ्तर में घुसने तक नहीं दिया था। शर्मिष्ठा ने बताया कि प्रणब इस घटना को काफी शर्मनाक बताते थे। उन्होंने कहा कि बाबा कहते थे कि यह सोनिया और उनके बच्चों के लिए बेहद शर्मनाक है। शर्मिष्ठा ने बताया कि प्रणब कहते थे कि गांधी परिवार ने राव के साथ बुरा व्यवहार किया। इसके लिए वह सोनिया को ही जिम्मेदार ठहराते थे।

साउथ को दे दिया संदेश : अब जबकि कांग्रेस खुद अपने विभूतियों से दूरी बना रही है तो उसे उसका नुकसान भी भुगतना पड़ रहा है। तेलंगाना में हाल ही में कांग्रेस की सरकार बनी है। बंटवारा से पहले तक तेलंगाना भी आंध्रप्रदेश का ही हिस्सा रहा था और इस संयुक्त आंध्रप्रदेश के राव सीएम भी रहे थे। मोदी सरकार के फैसले ने एक तरह से दक्षिण को भी संदेश देने का काम किया है।

राव के पोते ने बताया था, कांग्रेस मुख्यालय पर उनके शव के साथ क्या किया गया : पीवी नरसिम्हा राव के पौत्र एनवी सुभाष ने बताया था कि उनके दादा के शव के साथ कांग्रेस मुख्यालय पर कैसा व्यवहार किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने हमेशा नेहरू-गांधी परिवार के इतर नेताओं की अनदेखी की है, खासकर स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव की। सुभाष ने कहा, ‘यह बहुत ही स्पष्ट है कि उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली में एआईसीसी के मुख्यालय में ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।’

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