नई दिल्ली, 2 नवंबर (The News Air): क्या आपको भी इस अक्टूबर में गर्मी का अहसास होता रहा? अगर ऐसा हुआ तो भी गलत नहीं है। असल में इस साल का अक्टूबर देश में सबसे गर्म अक्टूबर महीने के तौर पर दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक इससे पहले 1951 में ऐसा हुआ था जब अक्टूबर में इतनी गर्मी पड़ी थी। इस साल मध्य भारत (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के कुछ हिस्से और छत्तीसगढ़) में तापमान सबसे ज्यादा रहा। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत, जिसमें दिल्ली एनसीआर शामिल है में, 1901 के बाद यह दूसरा सबसे ज्यादा गर्म अक्टूबर महीना रहा। नवंबर में भी गर्मी के अहसास से राहत नहीं मिलने वाली है।
मौसम विभाग के मुताबिक नवंबर के पहले दो हफ्तों में देश के विभिन्न हिस्सों में तापमान सामान्य से ऊपर बना रहेगा। हालांकि दूसरे हफ्ते में तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग ने बताया कि नवंबर के आखिर में तापमान ठीक-ठाक ढंग से नीचे जाने का अनुमान है। इस साल अक्टूबर में इतनी गर्मी क्यों पड़ी इसके बारे में आईएमडी चीफ मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है। उन्होंने इसके पीछे की वजहों में चार निम्न दबाव सिस्टम, समर मॉनसून का देरी से जाना और अक्टूबर में पश्चिमी विक्षोभ को बताया है। नवंबर को लेकर उन्होंने बताया कि अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा, जिसके चलते उत्तर-पूर्व, पूर्व मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन गर्म रहेंगे। वहीं, पश्चिम मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत को जोड़ने वाले इलाकों में दिन में सामान्य या सामान्य से नीचे तापमान रह सकता है।
देश में इस साल ठंड का मिजाज कैसा रहेगा, इस बारे में मौसम विभाग अभी भविष्यवाणी कर पाने की स्थिति में नहीं है। इसकी वजह है, अभी तक ला नीना बन नहीं पा रहा है। ला नीना बन जाने के बाद ही इस साल पड़ने वाली ठंड के बारे में ठीक अनुमान जताया जा सकता है। आईएमडी प्रमुख ने कहाकि सभी प्रमुख ग्लोबल मॉडल्स ने नवंबर-दिसंबर में ला नीना बनने के संकेत दिए थे। लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो अब हमें फिर से लेटेस्ट ग्लोबल मॉडल्स का इंतजार करना होगा। तभी हम बता पाएंगे कि इस साल देश में कितनी और कब तक ठंड पड़ेगी।
नवंबर और दिसंबर के महीने में ला नीना बनने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो फिर दिसंबर से फरवरी के महीने में इस साल भयंकर सर्दी झेलनी पड़ सकती है। मौसम विभाग प्रमुख मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि ला नीना आमतौर पर ठंड के मौसम में उत्तर और उत्तर पश्चिम भारत में तापमान में गिरावट से जुड़ा हुआ है। लेकिन अभी हम इस बारे में कुछ भी भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहाकि इस बारे में शोध चल रहा है कि हालात अनुकूल होते हुए भी आखिर अभी तक ला नीना क्यों नहीं तैयार हुआ है। मृत्युंजय मोहपात्रा ने आगे कहाकि हमें यह भी देखना होगा कि आखिर सभी ग्लोबल मॉडल्स में क्या गलत हुआ?