LinkedIn पर लिखने के लिए इस शख्स ने छोड़ दी 54 लाख की नौकरी

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 बेंगलुरु, 06 सितंबर,(The News Air): सिर्फ अपने शौक को पूरा करने के लिए फुल टाइम नौकरी छोड़ देने का फैसला कर चुके व्यक्ति को आप क्या सलाह देंगे? खासकर तब जब व्यक्ति के बैंक अकाउंट में हर महीने मोटा पैसा आता हो। ज्यादातर लोग इसे बेवकूफी कहेंगे। लेकिन, बेंगलुरु के प्रोफेशनल परनताप चौधरी आज अपने इस फैसले से काफी खुश हैं। उन्होंने सालाना 54 लाख रुपये सैलरी वाली जॉब सिर्फ इसलिए छोड़ दी, क्योंकि इसमें उन्हें मजा नहीं आ रहा था। आइए जानते हैं चौधरी की इस रियल स्टोरी के बारे में।

कोलकाता के रहने वाले चौधरी ने 32 साल की उम्र में करियर में बड़ी सफलता हासिल की। उन्होंने Byju’s और Square Yards जैसे स्टार्टअप्स में बड़ी जिम्मेदारियां संभाली। वह 250 से ज्यादा लोगों वाली सेल्स टीम का नेतृत्व करते थे। सात साल के करियर में उन्होंने सेल्स के 5,000 से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया। उनकी सैलरी इतनी थी कि ज्यादातर महंगी चीजें खरीद सकते थे। लेकिन,करियर में तेज ग्रोथ हासिल करने के बावजूद वह खुश महसूस नहीं कर रहे थे।

उन्होंने इस बारे में LinkedIn पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कई अहम बातें बताई है। उन्होंने बताया है कि छह महीने पहले उन्होंने अपने शौक पूरे करने के लिए अपनी फुल टाइम नौकरी छोड़ दी। दरअसल, वह LinkedIn पर लिखना चाहते थे। साथ ही वह एक डिजिटल बिजनेस खड़ा करना चाहते थे। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है, “मैंने 6 महीने पहले दौड़ से बाहर होने का फैसला किया ताकि मैं जिंदगी जी सकूं, उन लोगों के साथ समय बीता सकूं जिनसे मैं प्यार करता हूं। और एक रिमोट, डिजिटल बिजनेस शुरू कर सकूं।”

चौधरी को हर हफ्ते 70 घंटे से ज्यादा अपनी कंपनी को देने पड़ते थे। कई बार तो उन्हें संडे को भी काम करना पड़ता था। इससे न तो उन्हें अपने शौक पूरे करने के लिए टाइम मिलता था और न ही वह अपने लोगों के साथ समय बिता पाते थे। उन्होंने कहा, “अगर मैं नौकरी में रहता तो बीते 90 दिनों में मैंने 9.81 लाख रुपये कमाए होते। लेकिन, मुझे लगता है कि इन तीन महीनों में मैंने जो जिंदगी जी है वह मैं इससे पहले के तीन सालों में नहीं जी पाया था।”

उन्हें लिखने का शौक शुरू से था। लेकिन, नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने इस पर पूरी तरह से फोकस करना शुरू किया। उन्होंने अपने रोजाना के रूटीन के बारे में बताया है। इसमें अच्छे कंटेंट पोस्ट करना, हाई वैल्यू कमेंट्स का जवाब देना और रोजाना एक घंटे लिंक्डइन को समझने में बिताना शामिल है। पिछले 90 दिनों में उनके इस समर्पण का नतीजा यह है कि इंगेजमेंट्स और फॉलोअर्स के लिहाज से उन्हें काफी फायदा हुआ है।

उन्हें लिंक्डइन के जरिए कंसल्टिंग के दो काम मिले हैं, हालांकि उन्होंने यह बताया है कि कॉर्पोरेट जॉब के मुकाबले इससे मिलने वाला पैसा 10 फीसदी से भी कम है। लेकिन, कम पैसे के बावजूद वह अपने भविष्य को लेकर पॉजिटिव हैं। उनके पास इतने पैसे हैं, जिनसे वह बेंगलुरु में 7 साल तक रह सकते हैं। अगर वह कोलकाता शिफ्ट होते हैं तो वह इस पैसे से 10 साल तक गुजारा कर सकते हैं। फिलहाल उन्होंने लिंक्डइन पर लिखना जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने बताया, “पैसा ज्यादातर चीजें खरीद सकता है, लेकिन हर चीज नहीं खरीद सकता।”

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