दुनिया में लोगों के लिए दहशत बन के उभरा कोविड-़19 वायरस (COVID) अब भी वातावरण में मौजूद हैं। जैसे ही लोग रिलैक्स होने लगता है, इसका कोई नया वैरिएंट डराने के लिए सामने आ जाता है। इसी श्रृंखला में अब ‘एरिस’ (ERIS) नाम का कोविड का नया दस्तक दे चुका है। हालांकि अभी तक भारत में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। पर विशेषज्ञ इससे सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं।
ब्रिटेन (Britain) सहित दुनिया के लगभग 45 देशों में यह वैरिएंट पहुंच चुका है। यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKSHA) के अनुसार, देश में कोविड-19 मामलों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि रेस्पिरेटरी डेटामार्ट सिस्टम के माध्यम से रिपोर्ट किए गए 4,396 सैम्पल्स में से 5.4% की पहचान कोविड 19 (COVID-19) के रूप में की गई।
अंग्रेजी अखबार ‘मिंट’ में छपी एक खबर के अनुसार, दुनिया में हर सात कोविड केसेस में से एक केस कोविड के इस नए वैरिएंट ‘एरिस’ (Eris) का है। वास्तव में कोरोना वायरस (Coronavirus) के इस नए वेरिएंट EG.5.1 यानि एरिस को ओमिक्रॉन का ही सबवैरिएंट बताया जा रहा है।
भारत में भी बढ़ रहा है खतरा (Covid New Variant ERIS In India)
भारत में भी कोविड के इस नए वैरिएंट EG.5.1 का खतरा बढ़ रहा है। WHO ने भी कोविड के इस नए वैरिएंट के बारे में बताते हुए कहा कि कोविड के इस नए वैरिएंट की पहचान हाल ही में 31 जुलाई को हुई है। WHO ने लोगों से इससे सतर्क रहने और कोविड संबंधी बचाव करने की बात भी कही है।
भारतीयों को नए वैरिएंट को लेकर लेनी चाहिए टेंशन ?
कोविड के इस नए वैरियंट, उसके बचाव और उसके बारे में गहन जानकारी लेने के लिए हेल्थशॉट्स ने मुंबई स्थित न्यूबर्ग सुप्राटेक रेफरेंस लेबोरेटरीज़ में माइक्रोबॉयोलॉजी प्रमुख डॉ. भाविनी शाह से संपर्क किया और कोविड के इस नए वैरियंट के बारे में कई सवाल किए।
इन सवालों का जवाब देते हुए डॉ.भाविनी शाह ने बताया कि कोविड के इस नए वैरिएंट से सावधान रहने की काफी जरूरत है। कोविड का ये वैरिएंट भारत में भी तेज़ी के साथ फ़ैल सकता है।
नए वैरिएंट पर डॉ. भाविनी शाह ने बताया कि हमें इससे बचाव रखने की काफी जरूरत है। उन्होंने कहा विश्व के तमाम देशों के साथ-साथ ये वैरिएंट भारत में भी फ़ैल सकता हैं।
क्या आपकी वैक्सीन करेगी आपका बचाव ?
वैक्सीन को लेकर कई लोगों के मन में संदेह है कि भारत में जो कोविड वैक्सीन दी गई है, वो लगातार आ रहे नए वैरिएंट से सुरक्षा के काबिल है या नहीं।
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. भाविनी शाह बताती हैं कि एरिस (ERIS) ओमिक्रोन वैरिएंट का ही सब वैरिएंट है। अगर भारत में लगी हुई वैक्सीन ओमिक्रोन (Omicron) से बचाव में कारगर है, तो स्वाभाविक रूप से उसके सब-वैरिएंट के बचाव में भी कारगर जरूर रहेगी ।
क्या कभी खत्म नहीं होगा कोविड-19 ?
कोविड के लगातार नए वैरिएंट और सबवैरिएंट को देखते हुए आम लोगों का सवाल होता है कि क्या कभी कोविड खत्म ही नहीं होगा। इस पर डॉ. भाविनी शाह ने कहा कि कोविड भी अब स्वाइन फ्लू जैसे किसी आम वायरस की तरह ही है। इसलिए हर साल या दो साल के अंतराल में इसके वैरियंट सामने आना स्वाभाविक है।
लेकिन नए आने वाले वैरियंट और सब-वैरियंट से हमें डरना नहीं है बल्कि हर तरह के बचाव करने रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें हमेशा हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और कोविड से लड़ने के लिए सतर्क भी रहना चाहिए।
क्या है एरिस के लक्षण? (Symptoms Of ERIS)
एरिस के लक्षणों की बात करें तो इसमें भी पूर्व में आए कोविड वैरिएंट और सब-वैरिएंट के जैसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं। ब्रिटेन सहित अन्य देशों में भी एरिस से प्रभावित लोगों में नाक बहना, थकावट होना, खांसी-बुखार होना और साथ ही सिर दर्द होने जैसे लक्षण ही दिखाई पड़ें हैं।