Jahaz Haveli Restoration: पंजाब के फतेहगढ़ साहिब (Fatehgarh Sahib) स्थित सिख इतिहास की धरोहर जहाज़ हवेली (Jahaz Haveli) के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए पंजाब सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं। पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद (Tarunpreet Singh Saund) की अध्यक्षता में 27 जनवरी को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में हवेली की मौजूदा स्थिति का आकलन करने और इसे पुनः सहेजने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
हवेली की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट तैयार होगी
बैठक में निर्णय लिया गया कि 30 जनवरी, 2025 को एक कमेटी जहाज़ हवेली का दौरा करेगी और उसकी मौजूदा स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद 8 विशेषज्ञों की एक डिज़ाइन कमेटी इस रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और हवेली के संरक्षण का एक विस्तृत प्लान तैयार करेगी। मंत्री सौंद ने कहा: “यदि इस कार्य में कोई रुकावट न आई तो जल्द ही दीवान टोडर मल जी की जहाज़ हवेली के पुनरुद्धार का कार्य शुरू हो जाएगा।”
दीवान टोडर मल जी और जहाज़ हवेली का ऐतिहासिक महत्व
दीवान टोडर मल जी (Diwan Todar Mal Ji) का नाम सिख इतिहास में सम्मान और आदर के साथ लिया जाता है। उन्होंने अपने परिवार और समाज की सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। जहाज़ हवेली से जुड़ा उनका योगदान सिख इतिहास और विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पर्यटन मंत्री ने कहा: “प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतें हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व में पंजाब सरकार इन इमारतों की खोई हुई शान को बहाल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
बैठक में कौन-कौन थे शामिल?
इस उच्च स्तरीय बैठक में पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों के विभाग के कई अधिकारी शामिल हुए, जिनमें:
मालविंदर सिंह जग्गी (Malvinder Singh Jaggi) – सचिव, पर्यटन विभाग
अमृत सिंह (Amrit Singh) – निदेशक, पर्यटन विभाग
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सचिव
दीवान टोडर मल विरासती फाउंडेशन (Diwan Todar Mal Heritage Foundation) के प्रधान
अन्य संबंधित अधिकारी
पंजाब की विरासत को संरक्षित करने का लक्ष्य
पंजाब सरकार प्राचीन इमारतों और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जहाज़ हवेली के संरक्षण का यह कदम न केवल ऐतिहासिक महत्व को सहेजने में मदद करेगा, बल्कि यह स्थान पर्यटन (Tourism) के लिहाज से भी महत्वपूर्ण बनेगा।
पंजाब सरकार का यह कदम सिख इतिहास और विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। जहाज़ हवेली के पुनरुद्धार से यह न केवल पंजाब के गौरवशाली इतिहास को सहेजेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी बनेगा।
अब देखना है कि यह योजना कितनी जल्दी अमल में आती है और किस तरह से यह ऐतिहासिक इमारत अपनी खोई हुई शान वापस पाती है।