मेयर पद छिना, लेकिन चंडीगढ़ में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर BJP के बने, AAP कांग्रेस को झटका

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मेयर पद छिना, लेकिन चंडीगढ़ में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर BJP के बने, AAP-कांग्रेस को झटका
 

चंडीगढ़, 4 मार्च (The News Air) चंडीगढ़ सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं. बीजेपी ने दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की है. सीनियर डिप्टी मेयर पर बीजेपी के उम्मीदवार कुलजीत संधू जीते हैं.बीजेपी के पक्ष में 19 वोट डाले गए वहीं इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवार गुरप्रीत गाबी को 16 वोट मिले. जबकी गठबंधन का एक वोट रद्द कर दिया. बताया जा रहा है कि स्याही फैलने से वोट को रद्द कर दिया गया. तकनीकी कारणों की वजह से रद्द हुए इस वोट को सभी पक्षों को दिखाया गया.

वहीं डिप्टी मेयर के पद पर बीजेपी उम्मीदवार राजिंदर सिंह ने जीत दर्ज की है. उनका मुकाबला इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार निर्मला देवी से था. चुनाव में 19 वोट मिले हैं जिसमें बीजेपी के 17, अकाली दल को एक और एक वोट सासंद का है, वहीं इंडिया गठबंधन को कुल 17 वोट मिले हैं जिसमें आम आदमी पार्टी को 10 और कांग्रेस के 7 वोट शामिल हैं.

बीजेपी की जीत से इंडिया गठबंधन को लगा झटका : बीजेपी की जीत से इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. इस बीच नगर निगम सदन में जमकर हंगामा हुआ. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है उनका कहना है कि क्या इस तरह से निष्पक्ष चुनाव होते हैं. परिणाम घोषित होने के बाद इंडिया गठबंधन और बीजेपी के पार्षदों के बीच जमकर बहस हुई. इस बीच सांसद किरण खेर ने पार्षदों को शांत कराने की कोशिश की बावजूद इसके हंगामा जारी रहा.

 

नगर निगम सदन में हुआ हंगामा : इससे पहले भी सदन में बवाल मचा था. जब बतौर प्रेसिडिंग ऑफीसर मेयर कुलदीप कुमार ने काउंटिंग से पहले आम आदमी पार्टी के एक पार्षद को अपने पास बुलाया था जिस पर बीजेपी के पार्षदों ने ऐतराज जताते हुए हंगामा किया था. दरअसल ये चुनाव नगर निगम के नवनिर्वाचित मेयर कुलदीप कुमार की अध्यक्षता में हुआ था जो गठबंधन से ही हैं. वोटिंग से पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस जीत का दावा कर रही थी लेकिन नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए.

मेयर के चुनाव में हुई थी धांधली : गौरतलब है कि इससे पहले 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव को लेकर काफी बवाल मचा था. ये मामला सुप्रीकोर्ट तक पहुंच गया था. दरअसल मेयर चुनाव के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी. जिस पर आप-कांग्रेस गठबंधन ने ऐतराज जताते हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. गठबंधन के नेताओं आरोप था कि रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने चुनाव में गड़बड़ी की है. उन्होंने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था.

इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. कोर्ट ने 20 फरवरी को परिणाम अवैध करार देते हुए रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई थी और आप के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया था

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