गुरदासपुर (The News Air) पंजाब सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार किसानों को खेतों में मिट्टी खोदने के लिए खनन विभाग से पूर्व मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी का सारा काम ऑनलाइन होता है, यानी किसान अपने मोबाइल फोन से ही अपने खेत की जानकारी देकर विभाग से खनन के लिए मंजूरी ले सकता है।
व्यवसायिक उपयोग के लिए खनन नहीं किया जा सकता
सरकारी निर्देशों के मुताबिक, व्यवसायिक उपयोग के लिए खेतों से मिट्टी का खनन नहीं किया जा सकता है। अगर कहीं JCB की मदद से मिट्टी खोदी जाती है और टिप्परों, ट्रालियों द्वारा खेतों से दूर भेजी जा रही है तो उसे अव्यवसायिक और गैरकानूनी माना जाएगा। बेशक खुदाई करने वालों ने विभाग से मंजूरी क्यों न ली हो।
इसके बावजूद कई इलाकों में सरकारी निर्देशों को ताक पर रखकर मिट्टी का खनन किया जा रहा है, लेकिन खनन विभाग को इसकी सूचना मिलती है तो भी खनन विभाग के अधिकारी खनन की सूचना पर ध्यान नहीं देते हैं। ताजा मामला दीनानगर के मटवां गांव का है, जहां एक खेत में मिट्टी का अवैध खनन चल रहा था।
खनन विभाग की वर्किंग पर उठाए जा रहे सवाल
खेतों से मिट्टी खोदकर ट्रैक्टर ट्रॉलियों के जरिए करीब 5 किलोमीटर दूर भेजी जा रही थी। इस मामले की जानकारी माइनिंग विभाग गुरदासपुर के नवनियुक्त अधिकारी SDO परमबीर सिंह तक भी पहुंच गई, लेकिन फिर भी आश्चर्य की बात यह है कि उन्होंने यह कहकर सूचना को नजरअंदाज कर दिया कि वह इस समय व्यस्त हैं।
सवाल यह है कि क्या अवैध खनन रोकना उनका काम नहीं है? माना कि वे व्यस्त थे, लेकिन क्या खनन विभाग के सभी अधिकारी उस समय व्यस्त थे? क्या अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए किसी दूसरे अधिकारी की मौके पर जाकर देखने और अवैध खनन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती थी?






