The News Air- (चंडीगढ़) एडवोकेट व पूर्व ऑनरेरी मुख्य सचिव एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का 44वां प्रधान चुन लिया गया। तेजा सिंह समुद्री हॉल में बुलाए गए इजलास में वोटिंग के बाद बीबी जगीर कौर ने अपना पद छोड़ा और नवनियुक्त प्रधान धामी को सरोपा भेंट कर शुभकामनाएं दी। इसके बाद रघुजीत सिंह विरक को सीनियर मीत प्रधान और प्रिंसिपल सुरिंदरजीत सिंह को जूनियर मीत प्रधान नियुक्त किया गया, जबकि जनरल सेक्रेटरी के पद पर करनैल सिंह को बिठाया गया।
SGPC प्रधान चुनने के लिए इस साल वोटिंग प्रक्रिया को अपनाया गया। बीबी जगीर कौर ने चुनाव प्रक्रिया शुरू करने से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस साल वोट डाले जाएंगे। संगत में ग़लत संदेश जाता है कि लिफ़ाफ़े में से प्रधान का चुनाव होता है। जिसके बाद तक़रीबन 1 बजे के बाद चुनाव प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया। 170 सदस्यों की लिस्ट के आधार पर वोट डाले गए, लेकिन दो सदस्यों ने इस दौरान अपने इस्तीफ़ा भेज दिए। वहीं पिछले साल 23 सदस्यों की मौत हो चुकी है। 3 बजे परिणामों की घोषणा की गई। जिनमें एडवोकेट एचएस धामी को 122 वोट और मिट्ठू सिंह को 19 वोट पड़ी। जिसके बाद एडवोकेट एचएस धामी को प्रधान घोषित कर दिया गया। चुनावों के दौरान जनरल सचिव पद के लिए वोटिंग की मांग की। इसके बाद दोबारा वोटिंग हुई और करनैल सिंह को 112 और गुरप्रीत सिंह को 21 वोट पड़ी।
टोहड़ा लेकर आए थे धामी को राजनीति में
एडवोकेट धामी को SGPC के साथ जोड़ने के श्रेय पूर्व प्रधान गुरचरण सिंह टोहड़ा को जाता है। पेशे से वकील धामी लंबे समय से बादल परिवार के काफ़ी क़रीब रहे। पिछले साल भी उन्हें प्रधान पद देने के लिए कहा गया था, लेकिन बीबी जगीर कौर ने इसमें अड़चन डाल दी। जिसके बाद प्रकाश सिंह बादल ने बीच का रास्ता अपनाते हुए एडवोकेट धामी को ऑनरेरी मुख्य सचिव नियुक्त किया था, लेकिन इस साल बीबी जगीर कौर चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, जिसके चलते उन्हें इस पद को छोड़ना पड़ा। वहीं एडवोकेट धामी का रास्ता भी साफ़ हुआ और अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने उनका नाम प्रधान पद के लिए प्रस्तावित कर दिया।