दुनिया में ऐसी तमाम जगहें हैं, जिनके साथ अजीब किस्म की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. आप इनके बारे में सुनकर आश्चर्य से भर जाते हैं. कहीं भौगोलिक तौर पर कुछ अलग होता है तो कहीं प्राकृतिक तौर पर कुछ ऐसा देखने को मिल जाता है कि लोग हैरान रह जाएं. ऐसी है एक जगह रूस में भी है, जहां एक विशाल गड्ढा बना हुआ है. इस गड्ढे की खासियत ये है कि यहां आकर हेलीकॉप्टर्स कभी वापस नहीं लौट पाए.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक ये गड्ढा रूस के मिर्नी नाम के गांव में बना हुआ है. एक अनुमान के तौर पर गड्ढा 280 मील के एरिया में फैला हुआ है. ये एक ओपन पिन माइन है, जहां से हीरे खोदकर निकाले जाते हैं. गड्ढा 3900 फीट व्यास का है और इसकी गहराई 1722 फीट है. गड्ढे से जुड़ी हुई ऐसी तमाम घटनाएं हैं, जिन्होंने इसे 20 साल पहले बंद करने पर मजबूर कर दिया.
हेलीकॉप्टर्स को निगल जाता है गड्ढा
सालों बंद रही इस खान में छोटे-मोटे एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर्स अंदर की तरफ खिंच जाते थे. खान 1000 फीट से नीचे उड़ती चीज़ अपनी ओर निगल लेती थी, इसलिए यहां एयरस्पेस को बंद कर दिया गया. कहते हैं कि ठंडी हवा के गर्म हवा से मिलने की वजह से जो आकर्षण बनता है, उससे कई चीज़ें अंदर ही खिंचकर गुम हो जाती हैं. साल 2017 में यहां भीषण बाढ़ आई थी. कहा जाता है कि इसके पीछे भी इसी रहस्यमय आकर्षण का हाथ था. हालांकि एक बार फिर साल 2030 में इसे खोले जाने की बात चल रही है और माइनिंग कंपनी एलरोसा यहां माइनिंग का काम करेगी.
कभी हीरे उगलता था गड्ढा
दूसरे विश्वयुद्ध (Second World War) के बाद जब रूस खुद को फिर से खड़ा कर रहा था, तो एक जियोलॉजिस्ट टीम ने यहां हीरे मिल सकने की बात कही. 1957 में स्टालिन के आदेश पर इसकी खुदाई के आदेश दिए, लेकिन इसमें बड़ी मुश्किल हुई क्योंकि यहां बेहद ठंड होती है. 1960 आते-आते यहां से हीरे निकलने लगे. पहले 10 साल में 1 करोड़ कैरेट के डायमंड हर साल निकले. इसमें से कुछ 342.57 कैरेट के लेमन यलो डायमंड थे. De Beers नाम की डायमंड कंपनी ने यहां से अरबों रुपये के हीरे निकाल चुकी है.