The News Air – (चंडीगढ़) अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की कोशिश करने वाले युवक की हत्या कर दी गई। युवक ने मंदिर में सचखंड साहिब के अंदर बने जंगले को पार कर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की कोशिश की। युवक ने वहाँ रखी तलवार भी उठा ली थी। वहाँ मौजूद सेवादारों ने युवक को दबोच लिया।
सेवादारों ने युवक को तुरंत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के हवाले कर दिया। SGPC पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर में मौजूद लोगों ने ही युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। युवक उत्तर प्रदेश का बताया जा रहा है।
मंदिर में शाम 6 बजे पाठ के वक़्त हुई घटना
गोल्डन टेंपल में सचखंड साहिब के अंदर शनिवार शाम क़रीब 6 बजे रहरास (शाम को किया जाने वाला श्री गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ) चल रहा था। रोज़ाना की तरह संगत यहां माथा टेकने के लिए पहुंच रही थी। श्री सचखंड साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे सुरक्षा के तौर पर जंगला बना हुआ है और उसके अंदर सिर्फ़ पाठी बैठकर पाठ करते हैं। संगत की क़तार में शामिल युवक अपनी बारी आने पर श्री सचखंड साहिब के अंदर पहुंचा और अचानक सुरक्षा के लिए लगाए गए जंगले को पार करते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब की ओर बढ़ा।
उसके ऐसा करते ही वहाँ हड़कंप सा मच गया और सेवादारों ने तुरंत ही उसे पकड़ लिया। मौक़े पर मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि युवक ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने रखी तलवार उठाने का प्रयास किया। वहीं कुछ लोगों का कहना था कि युवक श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष रखे फूल उठाने की कोशिश कर रहा था। सचखंड में मौजूद सेवादारों ने युवक को पकड़कर गोल्डन टैंपल में तैनात एसजीपीसी की टास्क फोर्स के हवाले कर दिया। टास्क फोर्स के सदस्य तुरंत युवक को बाहर ले गए।
गोल्डन टेंपल में हफ्तेभर में दूसरी घटना
15 दिसंबर को ही गोल्डन टेंपल में ही एक युवक ने श्री गुटका साहिब पवित्र सरोवर में फेंक दिया था। गोल्डन टेंपल की परिक्रमा में मौजूद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सेवादारों ने युवक को मौक़े पर ही पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। जिस युवक ने अपनी ज़ेब से श्री गुटका साहिब निकालकर सरोवर में फेंका, उसने अपने केस कटवाए हुए थे।
युवक ने अपना नाम रणबीर सिंह बताया। एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने पुलिस से आरोपी युवक के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई और पूरे मामले की गहन जांच की मांग की थी। एसजीपीसी प्रधान ने यहां तक कहा था कि यह अचानक हुई घटना नहीं है बल्कि सोची-समझी साज़िश है और इसका मक़सद सिखों की भावनाओं को भड़ककर माहौल ख़राब करना है। गुरबाणी की बेअदबी घटिया मानसिकता को दर्शाती है।