चंडीगढ़, 20 जून, (The News Air)
पंजाब के दो कांग्रेस विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को सरकारी नौकरी देने के विरोध में मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह द्वारा स्पष्ट स्टैंड लेने के बावजूद इस फैसले का विरोध ठंडा होता दिखाई नहीं दे रहा है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़, कांग्रेस विधायक राजा वडिंग, कुलजीत सिंह नागरा, पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बरिंदर सिंह ढिल्लों समेत कई कांग्रेस नेताओं ने कैप्टन सरकार के इस कदम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इसी कड़ी के तहत रविवार को जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने एक प्रेस वार्ता में इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे वापिस लेने की मांग की है। परगट सिंह ने कहा कि यह गलत फैसला है और इसको ‘तरस के आधार’ पर कहना तो और भी गलत है। परगट सिंह ने गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि यह होर्स ट्रेडिंग नहीं है, तो क्या है? सरकार के फैसले को लेकर युवाओं का गलत फीडबैक मिल रहा है। वह बतौर जनप्रतिनिधि और निजी तौर पर इसका विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा कहते है कि मुख्यमंत्री के पास इतनी प्रशासनिक क्षमता है कि वह जो चाहे कर सकते है, परन्तु इस बार तो उन्होंने 5 मंत्रियों, जाखड़ तथा और कई विधायकों के विरोध के बावजूद यह फैसला कर दिया है। जिसका सभी ओर विरोध ही नहीं हो रहा बल्कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
बता दें कि शनिवार को मुख्यमंत्री ने बकायदा एक बयान जारी करके इन नियुक्तियों को सही ठहराया था, लेकिन उसके बाद कई नेताओं के आए बयानों और खासकर जाखड़ के बयान के बाद मुख्यमंत्री ने रात एक ट्वीट करके दोबारा यह स्पष्ट कर दिया कि यह फैसला वापिस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला परिवारों की कुर्बानी के मद्देनजर लिया गया है।
गौरतलब है कि बीते दिनों पंजाब कैबिनेट द्वारा फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे अर्जुन सिंह बाजवा को पुलिस में इंस्पेक्टर और राकेश पांडे के बेटे भीषण पांडे को नायब तहसीलदार नियुक्त करने के बाद अकाली दल, आम आदमी पार्टी और कई विरोधियों द्वारा विरोध जताए जाने के उपरांत कांग्रेस के अंदर भी इस फैसले के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह तो अकाली दल और ‘आप’ में से भी ऐसे परिवारों को नौकरी देना चाहते है, परन्तु इन पार्टियों में ऐसा कोई परिवार नहीं मिला।