टाटा स्टील (Tata Steel) के ब्रिटेन में स्थित पोर्ट टालबोट प्लांट (Port Talbot Plant) को कार्बन-मुक्त बनाने के लिए ब्रिटिश सरकार ने एक काउंटर ऑफर पेश किया है। यह कंपनी की ओर से मांग गए वित्तीय पैकेज से कम है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। दरअसल ग्लोबल वॉर्मिंग के असर को कम करने के लिए दुनिया के अधिकतर देश इस समय कार्बन-उत्सर्जन को कम करने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में ब्रिटिश सरकार ने टाटा स्टील के पोर्ट टालबोट में स्थित प्लांट को कार्बन-मुक्त बनाने का निर्देश दिया था। टाटा स्टील ने इसके बदले में ब्रिटिश सरकार से एक वित्तीय पैकेज की मांग की थी।
हालांकि ब्रिटेन की सरकार ने अब टाटा स्टील को अपनी तरह से एक दूसरा पैकेज ऑफर किया है। पीटीआई ने टाटा स्टील के ग्लोबल सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर, टी वी नरेंद्रन के हवाले से बताया कि ये ऑफर कंपनी की तरफ से मांगे गए पैकेज की तुलना में काफी कम है।
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ब्रिटिश सरकार ने इस ऑफर के तहत कितनी राशि की पेशकश की है। बता दें कि टाटा स्टील का यह प्लांट, ब्रिटेन का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है। यह प्लांट साउथ वेल्स के पोर्ट टालबोट में स्थित है। इस प्लांट में करीब 8,000 लोग काम करते हैं।
टाटा स्टील यूके ने बताया कि ब्रिटिश सरकार से कम राशि वाला पैकेज ऑफर होने के बाद कंपनी को अब अपने ब्रिटिश कारोबार को कार्बन-मुक्त करने की योजना पर नए सिरे से सोचना होगा। नरेंद्रन ने कहा कि अब कंपनी नई यूनिट्स को लगाने और बंद की जाने वाली यूनिट्स पर पुनर्विचार करेगी।
हालांकि, उन्होंने यह साफ किया कि ब्रिटिश सरकार की आर्थिक मदद के बगैर टाटा स्टील ब्रिटेन में अपने कारोबार का कोई भविष्य नहीं देख पा रही है। ब्रिटिश कारोबार के ठीक से नहीं चल पाने से पूरी कंपनी के बैलेंस-शीट पर असर पड़ रहा है।
इस बीच टाटा स्टील का शेयर आज एनएसई पर 0.13% फीसदी की बढ़त के साथ 111.60 रुपये के भाव पर बंद हुआ। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में करीब 5.06% की गिरावट आई है। वहीं पिछले एक सालों में इसका भाव करीब 8.70% टूटा है।