भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में शुक्रवार को जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स (Sensex) 1414 अंक और निफ्टी (Nifty) 420 अंक गिरकर बंद हुआ, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। यह गिरावट 1996 के बाद निफ्टी की सबसे लंबी मासिक गिरावट मानी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा चीन (China) के उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद वैश्विक बाजारों में मंदी का माहौल बन गया, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी दिखा।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1414.33 अंक यानी 1.90% गिरकर 73,198.10 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 (Nifty 50) 420.35 अंक यानी 1.86% की गिरावट के साथ 22,124.70 पर बंद हुआ। लगातार आठवें दिन गिरावट के बाद बाजार में निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। सेंसेक्स अपने 85,978.25 के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर से 12,780.15 अंक यानी 14.86% गिर चुका है, जबकि निफ्टी अपने 26,277.35 के हाई से 15.80% गिर चुका है।
मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर भारी दबाव
मिडकैप इंडेक्स (Midcap Index) अब आधिकारिक तौर पर बेयर मार्केट में प्रवेश कर चुका है, क्योंकि यह अपने उच्चतम स्तर से 20% से अधिक गिर चुका है। स्मॉलकैप इंडेक्स (Smallcap Index) पहले ही 14 फरवरी को बेयर मार्केट में आ चुका था। फरवरी में मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 11% और 13% की गिरावट दर्ज हुई, जो मार्च 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान हुई बिकवाली के बाद की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है।
अमेरिका के फैसले से बढ़ी बिकवाली
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में गिरावट का यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है। आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी (Aditya Birla Sun Life AMC) के मुख्य निवेश अधिकारी महेश पाटिल (Mahesh Patil) का मानना है कि “निवेशक फिलहाल बाजार से दूर रहेंगे और अगले एक-दो महीनों तक इंतजार करेंगे।”
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के रिसर्च हेड विनोद नायर (Vinod Nair) ने बताया, “ग्लोबल मार्केट में गिरावट के कारण घरेलू बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। कनाडा (Canada) और मेक्सिको (Mexico) से आयातित उत्पादों पर 25% और चीन से आयातित उत्पादों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के कारण बाजार में घबराहट बढ़ी है।”
आईटी सेक्टर (IT Sector) को सबसे बड़ा झटका
सभी 13 प्रमुख सेक्टर्स में गिरावट देखी गई, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान आईटी सेक्टर (IT Sector) को हुआ। आईटी इंडेक्स 4.2% गिर गया, जिससे बाजार पर सबसे बड़ा दबाव पड़ा। कमजोर अमेरिकी लेबर मार्केट डेटा के कारण मंदी की आशंकाएं बढ़ गई हैं, जिससे आईटी कंपनियों के लिए स्थिति और खराब हो सकती है।
अब सभी निवेशकों की नजर घरेलू GDP डेटा पर टिकी हुई है, जिससे यह तय होगा कि बाजार की अगली चाल क्या होगी।