Punjab Politics: पंजाब (Punjab) की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, जहां शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) को तगड़ा झटका देते हुए एक नए अकाली दल का गठन हुआ और उसके अध्यक्ष का चुनाव भी कर लिया गया है। श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) के पूर्व जत्थेदार, ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) को सर्वसम्मति से नए दल का अध्यक्ष चुना गया है। यह फैसला पंजाब (Punjab) की सियासत में एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।
कैसे हुआ नए अध्यक्ष का चुनाव?
श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) की ओर से 2 दिसंबर 2024 को एक 7-सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। हालांकि, बाद में इस समिति से दो सदस्यों के हट जाने के कारण केवल पांच सदस्य ही रह गए थे। इन्हीं पांच सदस्यों की कमेटी ने सोमवार को बैठक कर ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) को नए अकाली दल का पहला अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला लिया। बताया जा रहा है कि 105 साल पुरानी शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) पार्टी से अलग होकर बने इस नए दल में अब तक 15 लाख से ज्यादा सदस्य शामिल हो चुके हैं।
कौन हैं ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh)?
ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) पंजाब (Punjab) और सिख राजनीति में एक जाना-माना नाम हैं। उनका जन्म पंजाब के मुक्तसर (Muktsar) जिले में हुआ था और उनके पिता गांव में ग्रंथी थे। ज्ञानी हरप्रीत सिंह (Giani Harpreet Singh) ने गुरु काशी गुरमत इंस्टीट्यूट (Guru Kashi Gurmat Institute) से स्नातक और पंजाब यूनिवर्सिटी (Panjab University) से धार्मिक अध्ययन में स्नातकोत्तर (PG) की डिग्री हासिल की है।
वह 1997 में एक प्रचारक के रूप में एसजीपीसी (SGPC) से जुड़े थे। अपनी योग्यता और सेवा भावना के चलते उन्हें 1999 में मुक्तसर (Muktsar) स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब (Gurdwara Darbar Sahib) का मुख्य ग्रंथी बनाया गया। इसके बाद, अप्रैल 2017 में एसजीपीसी (SGPC) ने उन्हें बठिंडा (Bathinda) के तलवंडी साबो (Talwandi Sabo) स्थित दमदमा साहिब तख्त (Damdama Sahib Takht) का जत्थेदार नियुक्त किया। अक्टूबर 2018 में, उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) के कार्यकारी जत्थेदार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।
सुखबीर बादल की अपील रही बेअसर
इस पूरे घटनाक्रम से कुछ ही दिन पहले, 7 अगस्त को शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने पार्टी छोड़कर गए सभी नेताओं से पंथ की एकता के लिए अकाल तख्त (Akal Takht) के आह्वान पर वापस आने की अपील की थी। लेकिन इस नई नियुक्ति से साफ है कि उनकी अपील का कोई खास असर नहीं हुआ और अब पंजाब (Punjab) की राजनीति में एक और अकाली दल अपनी जगह बनाने के लिए तैयार है।






