Happy Pasia Extradition India को लेकर भारत की सुरक्षा एजेंसियों को एक और बड़ी कामयाबी मिलने जा रही है। खालिस्तानी आतंकवादी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया (Harpreet Singh alias Happy Pasia) को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने यह जानकारी दी है कि हैप्पी पासिया को जल्द ही सुरक्षा घेरे में दिल्ली (Delhi) एयरपोर्ट लाया जाएगा।
हैप्पी पासिया पंजाब के अजनाला (Ajnala) के पासिया गांव (Pasia Village) का निवासी है और लंबे समय से आतंकी गतिविधियों और जबरन वसूली जैसे अपराधों में सक्रिय रहा है। बताया जा रहा है कि उसने अपराध की दुनिया में कदम गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया (Jaggu Bhagwanpuria) और अमेरिका में बैठे उसके सहयोगी दरमन काहलों (Darman Kahlon) और अमृत बल (Amrit Bal) के साथ मिलकर रखा था।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पासिया अप्रैल 2018 में दुबई (Dubai) गया था, फरवरी 2019 में भारत लौटा और अक्टूबर 2020 में लंदन (London) होते हुए अमेरिका (USA) चला गया। सितंबर और अक्टूबर 2023 के बीच उसने पंजाब (Punjab) में हरविंदर सिंह रिंदा (Harvinder Singh Rinda) के साथ मिलकर आतंक फैलाने की कोशिश की। पासिया ने शराब ठेकेदारों और व्यापारियों को धमकी देकर पैसे वसूले और कई जगह आगजनी व गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया।
सूत्रों के अनुसार, पासिया पाकिस्तान (Pakistan) में छिपे आतंकी हरविंदर रिंदा के सीधे संपर्क में था और उसकी हिदायत पर ISI (Inter-Services Intelligence) के लिए एजेंट का काम कर रहा था। पंजाब में सक्रिय टेरर मॉड्यूल्स को पासिया विदेश से संचालित करता था और सितंबर 2024 के बाद राज्य में हुई अधिकतर आतंकी घटनाओं में उसकी सीधी भूमिका पाई गई है।
हाल ही में भारत ने 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भी अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया है और अब हैप्पी पासिया की वापसी से आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई और तेज़ होती दिख रही है। सुरक्षा एजेंसियां इस ऑपरेशन को बड़ी सफलता मान रही हैं और भारत में लाने के बाद उससे व्यापक पूछताछ की जाएगी।
पंजाब में ISI के इशारे पर काम करने वाले नेटवर्क को तोड़ने में यह प्रत्यर्पण बेहद अहम माना जा रहा है। पासिया के आने से कई अन्य खालिस्तानी नेटवर्क और उनके विदेशी फंडिंग लिंक का भी खुलासा होने की संभावना है। फिलहाल पूरा सुरक्षा तंत्र इस हाई-प्रोफाइल प्रत्यर्पण को लेकर सतर्क और सक्रिय है।