वहीं उस दौरान खुद तेजप्रताप अपने दोस्तों के साथ अस्सी घाट घूमने गए थे। लेकिन जब वो होटल लौटे तो देखा कि, उनका सामान बाहर पड़ा हुआ था। इसके बाद तेजप्रताप के निजी सहायक मिशाल सिन्हा ने सिगरा थाना पुलिस से इस बाबत एक लिखित शिकायत की है।
खबर मिली कि, तेजप्रताप यादव अपने निजी दौरे पर वाराणसी आए हुए थे। वहीं होटल संचालक की इस करतूत की सूचना अब पुलिस को दी गई है। यह घटना वाराणसी के सिगरा क्षेत्र के अरकेडिया होटल की बतायी जा रही है।
होटल प्रबंधन का है कहना- कंफ्यूज हो गए थे तेजप्रताप
इधर मममले पर होटल प्रबंधन कहना है कि, मंत्री जी के नाम से दरअसल 205 और 206 नंबर कमरा बुक था। वहीं बीते शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक मंत्री जी को कमरा खाली करना था, लेकिन उन्होंने कमरा खाली नहीं किया गया। वहीं उस कमरे की बुकिंग चेन्नई के एक गेस्ट ने ऑनलाइन कराई थी। वो भी होटल पहुंच गए थे।
मामले पर अब होटल प्रबंधन का कहना है कि, हम मंत्री जी के स्टाफ के सामने ही उनका सामान दूसरे कमरे में शिफ्ट करवा रहे थे। इस पर वो बुरी तरह से नाराज हो गए। दोनों कमरे छोड़कर वे जाकर अपनी गाड़ी में बैठ गए। मंत्री का कमरा आज सुबह तक उनके नाम से बुक था, लेकिन वो रात में ही वापस चले गए। होटल प्रबंधन का कहना है कि मंत्री जी जरा कंफ्यूज हो गए थे।
ये है शिकायत…
तेजप्रताप यादव खेमें से दी गई शिकायत में यह बताया गया है कि, मंत्री तेजप्रताप 206 नंबर कमरे में ठहरे थे। वहीं बगल के 205 कमरे में उनके निजी सहायक और सुरक्षाकर्मी भी थे। इसके बाद वो सुबह 11 बजे मंदिर दर्शन और अस्सी घाट पर गंगा आरती के लिए निकले थे। फिर जब वापस रात 12 बजे लौटे तो उनका सामान रिसेप्शन पर ही रख दिया गया था।
शिकायत में लिखा गया कि, बिना अनुमति के मंत्री जी का कमरा 206 खोला गया। जो उनकी सुरक्षा के लिए भी बहुत खतरनाक है। इस दौरान उनका एक स्टाफ दिलावर भी मौके पर मौजूद था। उसे रूम नंबर 205 से निकालकर वहां रिसेप्शन पर बिठा दिया गया। ये पूरे काम नियम के खिलाफ है। इसीलिए तुरंत कार्रवाई की जाए। फिलहाल पुलिस मामले कि विवेचना कर रही है।






