Tejas Jet Crash Pakistan Fake Claims दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट तेजस मार्क-1ए के क्रैश होने की दुखद खबर सामने आई है, जिसमें पायलट विंग कमांडर नमांश सियाल शहीद हो गए। हालांकि, इस हादसे के बावजूद तेजस का अब तक का रिकॉर्ड शानदार रहा है, लेकिन पाकिस्तान इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर फर्जी दावे फैला रहा है। तेजस ने अब तक 10,000 से ज्यादा टेस्ट और ऑपरेशनल उड़ानें (Sorties) बिना किसी तकनीकी खराबी या क्रैश के पूरी की हैं।
तेजस का शानदार सुरक्षा रिकॉर्ड
अगर कोई इस दुर्घटना को लेकर तेजस की क्षमता पर सवाल उठा रहा है, तो उसे यह जान लेना चाहिए कि पिछले 24 सालों के दौरान तेजस सिर्फ दूसरी बार क्रैश हुआ है। यह इसका मजबूत सुरक्षा रिकॉर्ड दर्शाता है। दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट भी एयर शो के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका के F-16 ने भी कई दुर्घटनाएं झेली हैं, और 2020 में पाकिस्तान का F-16 भी रिहर्सल के दौरान इस्लामाबाद में क्रैश हुआ था। यहाँ तक कि रूस का आधुनिक सुखोई Su-57 भी टेस्टिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका था।
इसलिए Pakistan का JF-17 पीछे
तेजस की असली ताकत उसकी अत्याधुनिक तकनीक में है। तेजस एमके1ए (Tejas Mk1A) वेरिएंट में लगा एईएसए रडार (AESA radar) 150 से 160 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्य को देख सकता है। इसकी स्टील्थ (Stealth) क्षमता इतनी बेहतरीन है कि यह आसानी से दुश्मन के रडार पर पकड़ में नहीं आता। इसकी तुलना में, पाकिस्तान का जेएफ-17 (JF-17) और चीन का जे-10सी (J-10C) तकनीकी दक्षता के मामले में बहुत पीछे रह जाते हैं।
तेजस की ताकत और क्षमता
तेजस लड़ाकू विमान पहले भी दुबई, सिंगापुर और अन्य जगहों पर अंतरराष्ट्रीय एयर शो में अपनी बेहतर हैंडलिंग विशेषताओं और गतिशीलता का प्रदर्शन कर चुका है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय खरीदारों का दिल जीतना है। विमान का ढांचा कार्बन फाइबर से बना हुआ है, जो इसे धातु की तुलना में बहुत हल्का और मजबूत बनाता है। इसके भीतर सेंसर तरंग रडार लगा हुआ है जो दुश्मन के विमान से लेकर जमीन से हवा में दागी गई मिसाइल की जानकारी पायलट को देता है। Mk1A, Mk1 का उन्नत संस्करण है जो अत्याधुनिक तकनीक और सिस्टम के साथ और भी ज्यादा ताकतवर हो गया है।
भारतीय वायुसेना का बड़ा ऑर्डर
भारतीय वायुसेना ने तेजस पर अपना भरोसा जताते हुए 1.1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 180 उन्नत तेजस मार्क-1ए जेट का ऑर्डर दे रखा है। इसमें से सबसे ताजा ऑर्डर 66,500 करोड़ रुपये का है, जिसका सौदा सितंबर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) से 97 जेट के लिए हुआ है। हालांकि, एक अमेरिकी कंपनी की ओर से इंजन सप्लाई में देरी और कुछ वेपन ट्रायल लंबित होने के कारण तेजस मार्क-1ए की डिलीवरी अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। वेपन ट्रायल में अस्त्र बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल और लेजर गाइडेड बम शामिल हैं।
क्या है पृष्ठभूमि
दुबई एयर शो में तेजस मार्क-1ए का क्रैश होना भारतीय वायुसेना और स्वदेशी रक्षा कार्यक्रम के लिए एक झटका है। तेजस स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका पहला स्क्वाड्रन (45 फ्लाइंग ड्रैगर्स) 2016 में बना था। दूसरा स्क्वाड्रन (18 फ्लाइंग बुलेट्स) मई 2020 में बना। यह दुर्घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजस के लिए खरीदार तलाश रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बावजूद, तेजस का मजबूत सुरक्षा रिकॉर्ड और पाकिस्तान के फर्जी दावों पर दिया गया करारा जवाब, इसकी विश्वसनीयता को बनाए रखता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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दुबई एयर शो के दौरान तेजस मार्क-1ए क्रैश हो गया, जिसमें विंग कमांडर नमांश सियाल शहीद हो गए।
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तेजस का सुरक्षा रिकॉर्ड शानदार है, जिसने 10,000+ ऑपरेशनल उड़ानें बिना तकनीकी विफलता के पूरी की हैं और 24 साल में यह केवल दूसरी दुर्घटना है।
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तेजस Mk1A का AESA रडार 150-160 किमी तक लक्ष्य देख सकता है और इसकी स्टील्थ क्षमता पाकिस्तान के JF-17 और चीन के J-10C से बेहतर है।
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भारतीय वायुसेना ने 1.1 लाख करोड़ से ज्यादा की लागत से 180 उन्नत तेजस मार्क-1ए जेट का ऑर्डर दिया है।






