नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के बाद हुए हॉस्टल से जुड़े मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ( Teesta Setalvad) को नियमित जमानत दी। जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया गया है, हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है।
वहीं, शीर्ष अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत देते हुए गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से जुड़े मामले में गवाहों को प्रभावित नहीं करने का निर्देश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय के एक जुलाई के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से जुड़े मामले में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था।
Supreme Court grants regular bail to activist Teesta Setalvad in a case of alleged fabrication of evidence in relation to the 2002 Gujarat riots. pic.twitter.com/F5tOXcvae8
— ANI (@ANI) July 19, 2023
इससे पहले, 1 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court ) ने मुंबई स्थित कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी और उन्हें बिना किसी देरी के आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। गुजरात हाई कोर्ट द्वारा नियमित जमानत याचिका खारिज किए जाने के तुरंत बाद सीतलवाड़ ने राहत के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया। जहां अदालत ने उन्हें राहत दी।
बता दें कि यह मामला 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामलों में कथित तौर पर उनके द्वारा साक्ष्य गढ़ने से संबंधित है।






