नई दिल्ली, 25 जनवरी (The News Air): 26/11 मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Hussain Rana) का भारत प्रत्यर्पण अब तय हो गया है, क्योंकि अमेरिका की एक अदालत ने उसके खिलाफ दायर की गई रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब राणा का भारत प्रत्यर्पित होने से बचने का कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है। तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने उन आतंकवादी संगठनों को समर्थन दिया था जिन्होंने मुंबई हमलों और डेनमार्क में हुए अन्य आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया था।
अमेरिका की अदालत द्वारा फैसला: अमेरिका की नौवें सर्किट कोर्ट (Ninth Circuit Court) ने अगस्त 2024 में फैसला सुनाया था कि भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि (India-US Extradition Treaty) के तहत तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण संभव है। राणा ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी याचिका खारिज कर दी है।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा, पाकिस्तान का नागरिक, एक कथित आतंकवादी सहयोगी है, जो 26/11 मुंबई हमलों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। राणा को डेविड हेडली (David Headley) का सहयोगी माना जाता है, जो इस हमले का प्रमुख साजिशकर्ता था। राणा ने डेविड हेडली को फर्जी दस्तावेज (Fake Documents) मुहैया कराए थे ताकि वह भारत में टूरिज्म वीजा (Tourism Visa) प्राप्त कर सके और मुंबई में हमलों की योजना बना सके।
भारत ने 2020 में राणा के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका से आधिकारिक मांग की थी। इस पर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने 2023 में एक 400 पन्नों की चार्जशीट (Charge Sheet) दाखिल की थी। इस चार्जशीट में राणा की भूमिका का विस्तृत विवरण दिया गया था।
तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
मुंबई पुलिस के अनुसार, राणा ने 2008 के नवंबर महीने में मुंबई में दो दिनों तक एक होटल में ठहरकर हमलों की योजना बनाई थी। इसके साथ ही राणा और ISI के मेजर इकबाल (ISI Major Iqbal) के बीच ईमेल के माध्यम से 26/11 हमलों की साजिश (26/11 Attack Conspiracy) पर चर्चा की गई थी। मेजर इकबाल वही व्यक्ति था, जो हमले का सह-साजिशकर्ता था।
राणा के खिलाफ की गई जांच के दौरान, पुलिस ने पाया कि वह आतंकवादी संगठन (Terrorist Organization) को फंडिंग और अन्य सहायता मुहैया कराता था। राणा की अमेरिकी अदालत (US Court) में सुनवाई में यह साबित हुआ कि वह ISI के संपर्क में था और उसने मुंबई हमलों के लिए आवश्यक समर्थन प्रदान किया था।
तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी पर आपकी क्या राय है? क्या यह भारत के लिए एक बड़ी सफलता है? कमेंट में अपनी राय जरूर दें।