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  • बांग्लादेश हिंसा में हिंदूओं को निशाना बनाया, जयशंकर ने बताया; आगे क्या करने वाली है भारत सरकार

    बांग्लादेश हिंसा में हिंदूओं को निशाना बनाया, जयशंकर ने बताया; आगे क्या करने वाली है भारत सरकार

    नई दिल्‍ली, 06 अगस्त (The News Air): भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के ताजा हालात की जानकारी सारी पार्टियों को दी। उन्होंने जानकारी दी है कि सभी दलों से खासा समर्थन मिला है। इस्तीफा देने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत पहुंचीं थीं, जहां उनकी मुलाकात भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से हुई थी। अब कहा जा रहा है कि वह भारत से भी रवाना हो चुकी हैं। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा, ‘आज (मंगलवार को) को सर्वदलीय बैठक के दौरान मैंने बांग्लादेश में जारी सभी घटनाक्रमों की जानकारी दी। मैं सभी से मिले समर्थन और समझ की सराहना करता हूं।’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी।

    जयशंकर ने मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक में नेताओं को सूचित किया कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में जयशंकर ने कहा कि हसीना को भारत आए चौबीस घंटे भी नहीं बीते हैं और वह सदमे में हैं। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने कहा कि सरकार हसीना को सदमे से उबरने के लिए समय दे रही है और इसके बाद वह उनकी भविष्य की योजनाओं सहित अन्य मुद्दों पर उनसे बात करेगी।

    विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर पूरी तरह सरकार के साथ

    सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। वाईएसआर कांग्रेस नेता वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी देश हित में सरकार के साथ है। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से वहां अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है। हसीना सोमवार रात बांग्लादेशी वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य विमान से भारत पहुंचीं। बताया जा रहा है कि उनकी लंदन जाने की योजना है।

    अराजकता में विदेशी सरकारों की भूमिका से इनकार

    सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन में राजनीतिक दलों के नेताओं को बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत पड़ोसी देश में मौजूद 10 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी सेना के संपर्क में है। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं के सवालों के जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने बांग्लादेश में अराजकता में विदेशी सरकारों की भूमिका से इनकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हालात बहुत संवेदनशील हैं और सरकार पड़ोसी देश के घटनाक्रम पर लगातार नजर रख रही है।

    अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया

    सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में राहुल ने पूछा कि क्या बांग्लादेश में अराजकता को बढ़ावा देने में विदेशी सरकारों का हाथ हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के घरों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। सूत्रों के अनुसार, विदेश मंत्री बांग्लादेश के मुद्दे पर राज्यसभा और लोकसभा में बयान दे सकते हैं।

    आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में सरकार का काफी विरोध

    सरकारी नौकरियों में कोटा के चलते बांग्लादेश में सरकार का काफी विरोध हो रहा था, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। आंकड़े बता रहे हैं कि इन प्रदर्शनों के दौरान 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं इस्तीफे की खबरों के बाद प्रदर्शनकारी हसीना के आवास पर भी पहुंच गए थे। उपद्रवियों की कई तस्वीरें भी सामने आईं थीं।

  • जब शेख हसीना ने दिल्ली के लाजपत नगर में ली थी पनाह, जानें कैसे काटे 6 साल

    जब शेख हसीना ने दिल्ली के लाजपत नगर में ली थी पनाह, जानें कैसे काटे 6 साल

    हिंसक प्रदर्शनों के बीच सोमवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अचानक पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है. वो अपनी बहन शेख रिहाना के साथ हिंडन के सेफ हाउस में हैं. करीब 50 साल पहले 1975 में बांग्लादेश में सैन्य तख्ता पलट होने के बाद भी ये दोनों बहनें भारत आईं थी. तब शेख हसीना ने दिल्ली में 6 साल तक पनाह ली थी. आइए जानते हैं वो किस्सा.

    भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शनों के बीच सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना को अचानक पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. वहां के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान ने घोषणा की है कि देश में नई अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. दूसरी तरफ शेख हसीना अपनी बहन शेख रिहाना के साथ फिलहाल हिंडन के सेफ हाउस में हैं. यह संयोग ही है कि करीब 50 साल पहले भी बांग्लादेश में सैन्य तख्ता पलट होने के बाद ये दोनों बहनें भारत आईं थी. तब शेख हसीना ने दिल्ली के लाजपत नगर में ली 6 साल तक गुपचुप तरीके से पनाह ली थी. आइए जानते हैं वो किस्सा.

    बांग्लादेश की लौह महिला कही जाने वाली शेख हसीना इस मुल्क के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं. लगातार चार बार प्रधानमंत्री रहीं हसीना का यह पांचवां कार्यकाल था. लेकिन देश की राजनीति के अर्श पर पहुंचने से पहले उन्होंने कई मुश्किलों का सामना किया.

    एक दिन में खो दिए परिवार के कई लोग

    पश्चिमी पाकिस्तान (वर्तमान में पाकिस्तान) के रवैये से बढ़ते असंतोष के बीच पूर्वी पाकिस्तान के नेता शेख मुजीबुर रहमान ने आवामी लीग नाम से पार्टी बनाई थी. 1970 के चुनाव में उनकी पार्टी भारी मतों से जीती लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान ने उल्टा शेख मुजीब को जेल में डाल दिया. उसी साल 26 मार्च को मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश को आजाद घोषित कर दिया. इसी के साथ शुरू हुआ बांग्लादेश का स्वतंत्रता संघर्ष. आखिरकार 16 दिसंबर 1971 को बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी ने भारत के सैनिक सहयोग से पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम पूरा हुआ.

    Mujibur Rahman Family

    शेख मुजीबुर रहमान का परिवार.

    बंग बंधु (बंगाल का दोस्त) मुजीबुर रहमान नए मुल्क के पहले राष्ट्रपति चुने गए. लेकिन उनका पहला कार्यकाल पूरा भी नहीं हुआ था कि देश की सेना ने बगावत कर दी. 15 अगस्त 1975 की सुबह को कुछ हथियारबंद लड़ाके शेख हसीना के घर में घुसे और उनके माता-पिता और भाईयों समेत परिवार के 17 सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया. हालांकि, इस हमले में शेख हसीना और उनकी बहन बच गईं.

    1975 में दिल्ली ही क्यों आई शेख हसीना?

    बांग्लादेश में जब राष्ट्रपति आवास पर यह सब हो रहा था, तब शेख हसीना अपने पति वाजिद मियां और बहन शेख रिहाना के साथ यूरोप में थीं. जब शेख हसीन को हत्याकांड का पता चला तो पहले तो उन्हें इस पर यकीन ही नहीं हुआ क्योंकि उनके पिता को बांग्लादेश में काफी सम्मान हासिल था. लेकिन फिर बाद में उन्होंने भारत में शरण लेने का फैसला किया.

    2022 में दिए इंटरव्यू में बांग्लादेश की शेख हसीना ने उन दिनों को याद करते हुए बताया, ‘इंदिरा गांधी ने तुरंत हमें सूचना भेजी कि वह हमें सुरक्षा और आश्रय देना चाहती हैं… हमने यहां (दिल्ली) आने का फैसला किया क्योंकि हमारे मन में था कि अगर हम दिल्ली जाएंगे, तो दिल्ली से हम वापस हमारे देश जा पाएंगे. और तब हम जान पाएंगे कि परिवार के कितने सदस्य अभी भी जीवित हैं.’ उन्होंने कहा कि वो अपनी बहन और पति के साथ जर्मनी से दिल्ली आए और यहां के गुप्त निवासी की तरह रहे.

    Sheikh Hasina Delhi 1975

    शेख हसीना लुटियंस दिल्ली में रहीं. (फोटो- Getty Images)

    यहां रहा शेख हसीना का परिवार

    शेख हसीना के परिवार के लिए इंदिरा गांधी की सरकार ने सभी इंतजाम किए हुए थे. उनके पति के लिए नौकरी और परिवार के लिए घर की व्यवस्था थी. हसीना के पति साइंटिस्ट थे. उन्हें नई दिल्ली में स्थित परमाणु ऊर्जा आयोग में नौकरी मिल गई. वहां उन्होंने सात वर्ष काम किया.

    दिल्ली में, हसीना पहले 56 रिंग रोड, लाजपत नगर-3 में रहीं. फिर लुटियंस दिल्ली के पंडारा रोड में एक घर में शिफ्ट हो गईं. परिवार की असली पहचान छिपाने के लिए उन्हें मिस्टर और मिसेज मजूमदार की नई पहचान दी गई. पंडारा रोड का उनका घर तीन कमरों था. घर के आसपास सुरक्षा कर्मियों का पहरा रहता था.

    शेख हसीना को किसी को अपनी असली पहचान बताने की मनाही थी. साथ ही दिल्ली में किसी से संपर्क रखने को भी मना किया गया था. भारत में उनके रहने से न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हुई बल्कि उन्हें राजनीतिक संबंध बनाने का मौका भी मिला जो बाद में उनके पॉलिटिकल करियर में महत्वपूर्ण साबित हुआ.

    शेख हसीना की घर वापसी, स्वागत में भीड़ इकट्ठा हुई

    भारत में 6 साल रहने के बाद 17 मई, 1981 को शेख हसीना अपने वतन बांग्लादेश लौट गई. उनके समर्थन में लाखों लोग एयरपोर्ट पहुंचे थे. लेकिन उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. भ्रष्टाचार के आरोपों में कारावास सहित कई चुनौतियों का सामना करने के बाद शेख हसीना आखिरकार 1996 में सत्ता में आईं और पहली बार बांग्लादेश की प्रधान मंत्री बनीं. हालांकि, इसके बाद 2001 का चुनाव वो हार गईं. लेकिन 2009 में जब वो बांग्लादेश की पीएम बनीं तो तब से अब तक लगातार उनकी ही सरकार देश में रही.

  • सेफ हाउस में ही हैं शेख हसीना, 7 सैन्यकर्मियों को लेकर बांग्लादेश रवाना हुआ विमान

    सेफ हाउस में ही हैं शेख हसीना, 7 सैन्यकर्मियों को लेकर बांग्लादेश रवाना हुआ विमान

    नई दिल्ली 06 अगस्त (The News Air): बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद सोमवार को शेख हसीना ने भारत में शरण ली। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना सी-130 ट्रांसपोर्ट विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर उतरीं। वहीं, मंगलवार को उनका विमान भारत से किसी और देश के लिए रवाना हो चुका है। हालांकि, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सी-130 जे परिवहन विमान में सवार नहीं हैं। बांग्लादेश वायु सेना का सी-130 जे परिवहन विमान 7 सैन्यकर्मियों को लेकर बांग्लादेश में अपने बेस की ओर उड़ान भर रहा है।

    बता दें कि मंगलवार को शेख हसीना के विमान को हिंडन एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना के सी-17 और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान हैंगर के पास पार्क किया गया।

    बता दें कि शेख हसीना बांग्लादेश वायुसेना के एक परिवहन विमान सी-130जे हरक्यूलिस से यात्रा कर रही हैं। शेख हसीना को लेकर भारत आ रहे बांग्लादेशी सी-130 को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिम बंगाल की हाशिमारा स्क्वाड्रन से दो राफेल विमानों को उड़ाया गया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी जरूरत पड़ने पर किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार थे। भारतीय सेना को जरूरत पड़ने पर किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया था।

    ब्रिटेन की नागरिक हैं शेख हसीना की बहन

    शेख हसीना की बहन रेहाना ब्रिटेन की नागरिक हैं। इस बीच ब्रिटेन सरकार ने बांग्लादेश में पिछले कुछ हफ्तों की घटनाओं की संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में स्वतंत्र जांच की मांग करके एक तरह से ब्रिटेन ने शरण न देने के संकेत दिए हैं।

  • बांग्लादेश में भीषण हिंसा के बीच पीएम शेख हसीना का इस्तीफा, हुई भारत के लिए रवाना

    बांग्लादेश में भीषण हिंसा के बीच पीएम शेख हसीना का इस्तीफा, हुई भारत के लिए रवाना

    BREAKING NEWS: आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में शुरू हुए प्रोटेस्ट ने शेख हसीना की कुर्सी छीन ली है। भीषण हिंसा और आगजनी के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की खबर है। कहा जा रहा है कि शेख हसीना सेना के विशेष हेलिकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हो गई हैं।

    बांग्लादेश पीएम शेख हसीना का इस्तीफा

    बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया है। इस बार हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना(PM Sheikh Hasina) के इस्तीफे की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए थे। जिसके बाद आज सोमवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दी है। लेकिन अभी भी बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हो रही है।

    शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद भारत के लिए हुई रवाना

    बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद अपनी बहन के भारत आ रही है। इसके लिए वो रवाना हो चुकी हैं। जल्द ही भारत के पश्चिम बंगाल पहुचेंगी। उधर हिंसा पर काबू करने के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही अगले 3 दिनों के लिए छुट्टी की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी ढाका में दुकानों और बैंकों को बंद करने के आदेश भी दिए गए हैं।

  • बीच मझधार में लटका भारत के एक करोड़ 60 लाख क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स का भविष्य : WazirX विवाद

    बीच मझधार में लटका भारत के एक करोड़ 60 लाख क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स का भविष्य : WazirX विवाद

    Wazirx Controversy: भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, WazirX ने हाल ही में एक विवादास्पद और अप्रत्याशित कदम उठाया है. जुलाई 18 को हुए एक बड़े साइबर हमले में कंपनी को $230 मिलियन का भारी नुकसान हुआ. अब, WazirX ने इस नुकसान को अपने सभी ग्राहकों के बीच ‘सामाजिक’ रूप से बांटने की योजना की घोषणा की है. ये निर्णय भारतीय क्रिप्टो बाजार में न केवल अराजकता का कारण बन गया है, बल्कि इसने निवेशकों और नियामकों के बीच कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं.

    WazirX के अनुसार, वो अगले एक सप्ताह के भीतर अपने ऑपरेशन्स को फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है. इस पुनर्संचालन के तहत, कंपनी ग्राहकों के पोर्टफोलियो का ‘रीबैलेंस’ करेगी. इसका मतलब है कि यूजर्स को उनके होल्डिंग्स का केवल 55% हिस्सा ही वापस मिलेगा, जबकि बाकी 45% हिस्से को USDT (एक स्थिर क्रिप्टो टोकन) के समकक्ष टोकन में लॉक कर दिया जाएगा. ये कदम उन ग्राहकों पर भी लागू होगा जिनके टोकन सीधे इस साइबर हमले से प्रभावित नहीं हुए थे. कंपनी का दावा है कि ये एक ‘निष्पक्ष और पारदर्शी’ समाधान है, लेकिन इसके आलोचकों का कहना है कि ये एकतरफा और अन्यायपूर्ण है, जो WazirX के यूजर्स के हितों के खिलाफ है.

    WazirX का ये कदम भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है. ये पहला मौका नहीं है जब किसी क्रिप्टो एक्सचेंज ने हैक के बाद नुकसान को ‘सामाजिक’ बनाने की कोशिश की हो. 2016 में Bitfinex नामक एक अन्य क्रिप्टो एक्सचेंज ने इसी रणनीति का सहारा लिया था. Bitfinex ने अपने ग्राहकों के नुकसान को उनके बीच बांटकर अगले आठ महीनों में उनकी भरपाई की थी. हालांकि, WazirX का मामला Bitfinex से भिन्न है और इसने निवेशकों के बीच व्यापक असंतोष उत्पन्न कर दिया है.

    WazirX के इस कदम को फरेब बताया जा रहा है, क्योंकि कंपनी ने कभी अपने मुनाफे को अपने ग्राहकों के साथ साझा नहीं किया, लेकिन अब वो केवल नुकसान साझा कर रही है. ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्रिप्टोकरेंसी, जिसे शुरू में विकेंद्रीकृत और स्वतंत्र वित्तीय प्रणाली के रूप में देखा गया था, अब कैसे ‘सामाजिक’ जिम्मेदारी की बात करने लगी है. क्रिप्टोकरेंसी के मूल विचारों के खिलाफ इस कदम ने निवेशकों को हैरान कर दिया है. WazirX के इस फैसले ने न केवल निवेशकों का विश्वास हिलाया है, बल्कि क्रिप्टोकरेंसी की पूरी अवधारणा पर भी सवाल उठाए हैं.

    लेकिन इस पूरे प्रकरण में सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि भारतीय नियामक इस मामले पर चुप क्यों हैं? SEBI, जो आमतौर पर निवेशकों की सुरक्षा के लिए आक्रामक कदम उठाता है, इस मुद्दे पर खामोश है. SEBI का क्रिप्टोकरेंसी पर रुख अब तक स्पष्ट नहीं है. कुछ महीने पहले, Reuters की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि SEBI ने निजी तौर पर क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की निगरानी के लिए कई नियामकों को शामिल करने की सिफारिश की थी. लेकिन इसके बावजूद, अभी तक कोई स्पष्ट नीति सामने नहीं आई है. ये अस्पष्टता WazirX जैसे एक्सचेंजों को अपने तरीके से कदम उठाने का मौका देती है.

    इसके अलावा, RBI का रुख भी क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्ट रूप से नकारात्मक रहा है. RBI ने पहले भी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया. हालांकि, RBI का क्रिप्टोकरेंसी के प्रति दृष्टिकोण आज भी कठोर है। यह भी एक वजह है कि नियामक इस मामले पर कुछ करने में हिचक रहे हैं.

    इस पूरी स्थिति ने WazirX के 16 मिलियन भारतीय यूजर्स को एक अनिश्चित स्थिति में छोड़ दिया है. उनके सामने न केवल उनके निवेश की सुरक्षा का सवाल है, बल्कि उनकी पहचान और भविष्य की वित्तीय स्थिरता का भी. WazirX के इस फैसले ने भारतीय क्रिप्टो निवेशकों के लिए अनगिनत समस्याएं खड़ी कर दी हैं.

    भारत में क्रिप्टोकरेंसी की स्थिति आज बेहद धुंधली है. ये न केवल एक कानूनी और नियामक चुनौती है, बल्कि ये एक ऐसी वित्तीय व्यवस्था है, जो अभी भी अपने अस्तित्व की तलाश में है. इस धुंधले क्षेत्र के बीच, WazirX जैसे एक्सचेंज अपने हितों के अनुसार निर्णय ले रहे हैं, जबकि निवेशकों की सुरक्षा और अधिकारों की अनदेखी हो रही है. WazirX के 16 मिलियन भारतीय यूजर्स इस असमंजस और असुरक्षा के बीच खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं, और उनकी वित्तीय भविष्य की राह अब और भी अनिश्चित हो गई है.

  • दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी कोचिंग हादसे की जांच

    दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी कोचिंग हादसे की जांच

    Delhi HC on Coaching Centre Death: दिल्ली हाई कोर्ट ने ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर में हुए हादसे को लेकर पुलिस और एमसीडी को जमकर फटकार लगायी, कोर्ट ने कहा कि वह यह समझ नहीं पा रही है कि विद्यार्थी बाहर कैसे नहीं आ सके. साथ ही पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है. हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल करते हुए कहा कि एमसीडी अधिकारियों ने क्षेत्र में बरसाती नालों के ठीक ढंग से काम नहीं करने के बारे में आयुक्त को सूचित क्यों नहीं किया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एमसीडी अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है. उनके लिए यह एक सामान्य बात हो गई है.

    कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार

    दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि जिस तरह से आपने वाहन चालक को वहां कार चलाने के लिए गिरफ्तार किया, गनीमत है कि आपने बेसमेंट में घुसने वाले बारिश के पानी का चालान नहीं काटा. हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय, भौतिक ढांचे पर पुनर्विचार का समय आ गया है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की. इसके साथ ही कोर्ट ने राजेंद्र नगर में अतिक्रमण, अवैध निर्माण को हटाने का आदेश दिया है.

    एसयूवी चालक के खिलाफ कार्रवाई पर भी पुलिस को फटकार

    दिल्ली कोचिंग सेंटर मौत मामले में एसयूवी चालक के खिलाफ कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस का सम्मान तब होता है जब दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज होता है. निर्दोषों को पकड़ने पर नहीं. भाषा इनपुट के साथ

  • मनु भाकर एक और ओलंपिक मेडल जीतने के करीब,

    मनु भाकर एक और ओलंपिक मेडल जीतने के करीब,

    नई दिल्ली, 02 अगस्त (The News Air): मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में कमाल ही कर दिया है. दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद अब ये शूटर तीसरे मेडल के भी बेहद करीब पहुंच चुकी हैं. मनु भाकर ने शुक्रवार को 25 मीटर पिस्टल इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में कमाल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई. मनु भाकर क्वालिफिकेश राउंड में दूसरे स्थान पर रहीं. मनु भाकर ने क्वालिफिकेशन राउंड में 590-24x अंक हासिल किए वहीं दूसरी भारतीय निशानेबाज ईशा सिंह फाइनल तक पहुंचने में नाकाम रहीं. ईशा सिंह 18वें स्थान पर रहीं. टॉप 8 शूटर ही फाइनल में जगह बना पाते हैं और मनु भाकर को क्वालिफाई करने में कोई दिक्कत पेश नहीं आई. 

    इतिहास रचने के करीब मनु भाकर

    मनु भाकर ने अगर 25 मीटर पिस्टल इवेंट में भी मेडल जीत लिया तो वो इतिहास रच देंगी. पहले कभी किसी भारतीय ने एक ओलंपिक में लगातार तीन मेडल नहीं जीते हैं और मनु के पास ये काम करने का मौका है. मनु भाकर ने अगर तीसरा मेडल जीत लिया तो वो भारतीय इतिहास की पहली खिलाड़ी होंगी जिनके नाम तीन ओलंपिक मेडल होंगे. फिलहाल हो सुशील कुमार, पीवी सिंधु की तरह 2 ओलंपिक मेडल जीत चुकी हैं. मनु जिस तरह की फॉर्म में हैं उसे देखकर ये काम नामुमकिन भी नहीं लग रहा है.

  • कोचिंग हादसे की जांच सीबीआई को, ड्राइवर की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट नाराज, कहा-

    कोचिंग हादसे की जांच सीबीआई को, ड्राइवर की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट नाराज, कहा-

    नई दिल्ली, 02 अगस्त (The News Air): देश की राजधानी दिल्ली के राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे की जांच अब सीबीआई करेगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने आज इस घटना की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह आशंका भी जताई है कि इसमें सरकारी कर्मचारियों का भ्रष्टाचार भी शामिल हो सकता है। यह पूरा मामला दिल्ली के राजेंद्र नगर की एक कोचिंग में हुए हादसे से जुड़ा है। पिछले श शनिवार को हुए इस हादसे में तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में सीबीआई को जांच के लिए कहा है और यह भी कहा है कि इस जांच की निगरानी के लिए एक सीनियर अधिकारी को रखना होगा जिसके लिए सीवीसी को आदेश दिया गया है। यह अधिकारी ही तय करेगा कि जांच समय से पूरी हो।

    दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार

    हाईकोर्ट ने कोचिंग हादसे के मामले में अब तक जांच पर सवाल उठा दिए और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एमसीडी से फाइल नहीं मिल रही थी तो उनके ऑफिस जाकर जब्त कर लेना चाहिए था। इस मानले में पुलिस ने एक एसयूवी ड्राइवर को गिरफ्तार किया है, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि शुक्र है कि बारिश के पानी का चालान नहीं काटा।

    ड्राइवर को पहले ही मिल चुकी है जमानत

    दिल्ली पुलिस ने ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित RAU IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में तीन स्टूडेंट्स की मौत के मामले में एक एसयूवी ड्राइवर को हिरासत में लिया था। हादसे के वक्त वह कोचिंग सेंटर के पास से गुजरा था। इसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सवाल उठाए हैं। हालांकि ड्राइवर को पहले ही तीस हजारी कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ड्राइवर के तेज गाड़ी चलाने की वजह से पानी का बहाव तेज हुआ जिससे कोचिंग सेंटर का गेट टूटा और पानी बेसमेंट में घुस गया और स्टूडेंट्स की मौत हुई।

  • देश को नीरज चोपड़ा से गोल्ड की आस, माता-पिता ने भी जताया विश्वास

    देश को नीरज चोपड़ा से गोल्ड की आस, माता-पिता ने भी जताया विश्वास

    नई दिल्ली 02 अगस्त (The News Air): पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है। देश के नाम अब तक तीन ब्रॉन्ज मेडल आ चुके हैं। इस बीच सभी देशवासियों की निगाहें गोल्ड मेडल के लिए नीरज चोपड़ा पर टिकी हुई है। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतकर इतिहास रचने वाले नीरज से उनके गांव-परिवार, और पूरे देश को इस बार भी दमदार प्रदर्शन की उम्मीद है।

    नीरज चोपड़ा 6 अगस्त को होने वाले क्वालीफाई मैच के बाद 8 अगस्त को देश की झोली में गोल्ड मेडल डालने के लिए जी-जान से कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ये स्टार जैवलिन थ्रोअर पेरिस पहुंच चुका है और वहां अपनी तैयारियों को और पुख्ता करने के लिए काम कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, नीरज 7 से 8 घंटे लगातार अभ्यास कर रहे हैं।

    नीरज के पिता ने बताया कि टोक्यो ओलंपिक से बेहतर तैयारी तो है लेकिन पेरिस ओलंपिक का दबाव अधिक है।

    गोल्डन ब्वाय के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा, “इस बार भी नीरज से बहुत उम्मीद है। देशवासियों के प्यार और आशीर्वाद से नीरज अच्छा प्रदर्शन करेगा। वो कोच व फिजियोथेरेपी की निगरानी में कड़ा अभ्यास कर रहा है। जब भी हमारी उससे बात होती है तो उसका एक ही कहना है कि देश के लिए मेडल जरूर जीतूंगा।”

    नीरज के चाचा समेत उनका पूरा परिवार 6 अगस्त को क्वालिफिकेशन मैच और 8 अगस्त के फाइनल मैच को लेकर बहुत उत्साहित है। मैच देखने के लिए जोर शोर से तैयारी चल रही है।

    नीरज के चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि पिछली बार की तरह इस बार भी आसपास के गांव के लोग मैच देखने आएंगे जिसकी पूरी तैयारी की जाएगी। इतने बड़े मंच पर होने से दबाव तो रहता ही है, परिवार पर भी काफी दबाव है। हमें नीरज से बहुत उम्मीद हैं।

    नीरज चोपड़ा के पास दो गोल्ड मेडल लाने वाला पहला भारतीय एथलीट बनने का मौका है। टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने हाल ही में कई कामयाबी हासिल की है। वह दो व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बन सकते हैं। हालांकि, इस बार उनके खिलाफ कई प्रबल दावेदार भी पेरिस ओलंपिक में मौजूद हैं, मगर नीरज की तैयारी भी पुख्ता है।

  • FASTag के इस्तेमाल को लेकर नए नियम लागू, अभी से जान ले नहीं तो देना होगा डबल टोल टैक्स

    FASTag के इस्तेमाल को लेकर नए नियम लागू, अभी से जान ले नहीं तो देना होगा डबल टोल टैक्स

    नई दिल्‍ली, 01 अगस्त (The News Air): फास्ट टैग के इस्तेमाल करने वालों लोगों के लिए ये खबर जानना काफी जरूरी है, क्योंकि सरकार ने फास्ट टैग को लेकर नियमों में जो बदलाव किए है वह आज से लागू हो गए है।

    जानकारी के मुताबिक अब हर तीन साल में फास्‍टैग के लिए दोबारा से केवाईसी करनी होगी। 31 अक्‍टूबर 2024 तक ऐसे फास्‍टैग की केवाईसी करवाना जरूरी है। केवाईसी न करवाने पर फास्‍टैग को ब्‍लैकलिस्‍ट भी किया जा सकता है। अगर किसी गाड़ी में पांच साल या उससे ज्‍यादा पुराना फास्‍टैग उपयोग किया जा रहा है तो अब वह अमान्‍य हो जाएगा। इसकी जगह नया फास्‍टैग जारी करवाना होगा। एनएचएआई की ओर से हाल में ही कुछ और नियमों को जारी किया गया था। जिसके मुताबिक अगर किसी वाहन में फास्‍टैग विंडस्‍क्रीन पर चिपका हुआ नहीं होगा तो ऐसे वाहनों से दोगुना टोल वसूला जाएगा। ऐसा करने का मुख्‍य कारण टोल बूथ पर टैक्‍स देने में समय को कम करना और फास्‍टैग के दुरूपयोग को रोकना था।
    अप्रैल 2024 में ही फास्‍टैग को लेकर नया नियम जारी किया गया था। जिसके मुताबिक एक वाहन के लिए सिर्फ एक ही फास्‍टैग जारी किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया गया था क्‍योंकि कई वाहनों पर एक से ज्‍यादा फास्‍टैग जारी किए गए थे। जिनपर अंकुश लगाना जरूरी था।

  • सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को मिली बड़ी राहत

    सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को मिली बड़ी राहत

    नई दिल्ली, 30 जुलाई (The News Air): चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT पर्चियों के ईवीएम मशीन से 100 फीसदी मिलान कराने की मांग वाली पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि याचिका में दिए गए आधार पर विचार करने के बाद हमारा य़ह मानना है कि 26 अप्रैल के फैसले पर पुनर्विचार का कोई मामला नहीं बनता।

    क्या है पूरा मामला?

    दरअसल इसी 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपीएटी और ईवीएम मशीन की पर्चियों का 100 फीसदी मिलान करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही याचिका में चुनाव को बैलट पेपर से कराए जाने की भी मांग की गई थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। पुनर्विचार याचिका अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी।

  • सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, आईएएस देवी शरण उपाध्याय को किया निलंबित

    सीएम योगी की बड़ी कार्रवाई, आईएएस देवी शरण उपाध्याय को किया निलंबित

    लखनऊ, 16 जुलाई (The News Air): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी ने अलीगढ़ में भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय को निलंबित कर दिया है।

    दरअसल, देवी शरण उपाध्याय साल 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें 2022 में सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज में तैनाती मिली थी। देवी शरण उपाध्याय पर आरोप है कि उन्होंने अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों को मनमाने तरीके से बहाल किया था। पट्टों के आवंटन में अनियमितताएं सामने आने पर सीएम योगी ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है। सीएम योगी की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह कार्रवाई हुई है।

    बता दें कि अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने देवी शरण उपाध्याय के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद नियुक्ति विभाग ने उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया था। हालांकि, बाद में सीएम योगी ने उन्हें निलंबित करने का आदेश दिया। इस मामले की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है। फिलहाल निलंबन अवधि में वह राजस्व परिषद से संबद्ध रहेंगे।

    इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा चुकी है। सीएम योगी ने आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को एक विवादित पोस्ट के बाद निलंबित किया था। इसके अलावा आईपीएस अधिकारी सुभाष चंद्र दुबे को भी सस्पेंड किया जा चुका है। वहीं, आईपीएस वैभव कृष्ण, आईपीएस अधिकारी पवन कुमार पर भी गाज गिर चुकी है।

  • BSP ने Chandigarh से अपने उम्मीदवार की घोषणा की

    BSP ने Chandigarh से अपने उम्मीदवार की घोषणा की

    चंडीगढ़, 2 मई (The News Air):–लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चंडीगढ़ संसदीय सीट से बसपा ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए चुनाव मैदान में हलचल मचा दी है। बसपा ने चंडीगढ़ के लिए महिला शसक्तीकरण पर भरोसा जताते हुए दिल्ली की पूर्व प्रोफेसर डॉक्टर रितु सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बहुजन समाज पार्टी के पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के स्टेट कोऑर्डिनेटर रणधीर सिंह बेनीवाल और स्टेट कोऑर्डिनेटर विपुल कुमार ने डॉक्टर रितु सिंह के नाम की घोषणा की। इस अवसर पर अजीत सिंह बेहनी चंडीगढ़ संयोजक, एस राजिंदर सिंह नन्हेरिया स्टेट जनरल सेक्रेटरी और चंडीगढ़ प्रभारी, एडवोकेट सुदेश खुरचा संयोजक चंडीगढ़, वरयाम सिंह, स्टेट प्रेसिडेंट चंडीगढ़, श्रीमती निर्मला बौद्ध अध्यक्ष महिला विंग चंडीगढ़,, सुरिंदर सिंह खुदा अध्यक्ष बामसेफ, सुखदेव सिंह सोनू पूर्व अध्यक्ष चंडीगढ़ राज्य और बृजपाल पूर्व लोकसभा कोऑर्डिनेटर चंडीगढ़ भी उपस्थित थे।

    पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के स्टेट कोऑर्डिनेटर रणधीर सिंह बेनीवाल ने बहुजन समाज पार्टी की विचारधारा से अवगत करवाते हुए बताया कि बीएसपी “बहुजन समाज” के “सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति” में विश्वास करती है। बहुजन समाज, बहुजनों को अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) के रूप में दर्शाता है। बहुजन अधिकारों के समर्थक बीआर अंबेडकर उनकी महत्वपूर्ण वैचारिक प्रेरणा हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बसपा ने चंडीगढ़ से एक ऐसी ही प्रत्याशी को मैदान में उतारा है, जो सदैव समाज के हितों और हक के लिए प्रयासरत रहती हैं। डॉक्टर रितु सिंह ऐसी ही एक झुझारू और संघर्षशील महिला है। जिन्होंने अपने जॉब के दौरान भी जाति उत्पीड़न को लेकर रोष प्रदर्शन किया। डॉक्टर रितु सिंह शहर से जुड़े मुद्दों और समस्याओं को संसद में बेबाकी से उठाएंगी और उनके समाधान के लिए संघर्षरत रहेंगी।

    स्टेट कोऑर्डिनेटर विपुल कुमार ने बसपा प्रत्याशी डॉक्टर रितु सिंह को शुभकामनाएं देते हुए विजयी भव का आशीर्वाद दिया और समाज के अधिकारों और हितों के लिए सदैव मुखर रहने की अपील की।

    डॉक्टर रितु सिंह ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस का राज तो लोग देख चुके हैं। वहीं पिछले दस साल से बीजेपी की सांसद का शहरवासियों ने कार्यकाल भी देख लिया है। गरीब पिछड़े वर्ग के साथ साथ आमजन की आवाज के लिए अब बीएसपी चुनाव लड़ रही है। डॉक्टर रितु सिंह ने कहा कि आज मुद्दे ही मुद्दे है। जिनमें किसान संघर्ष, महिला सुरक्षा, महंगाई, बेरोजगारी जैसे राष्ट्रीय मुद्दों सहित स्थानीय मुद्दे भी शामिल हैं।

    डॉक्टर रितु सिंह के बारे में:-

    रितु सिंह एक भारतीय दलित अधिकार कार्यकर्ता हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से जुड़ी थीं । वह मनोविज्ञान की एक विद्वान हैं जो अनुचित बर्खास्तगी के खिलाफ अपने विरोध के लिए उल्लेखनीय हैं।
    उन्होंने कथित जाति उत्पीड़न और सेवाओं से अवैध समाप्ति के खिलाफ सितंबर 2023 में कला संकाय, नॉर्थ कैंपस, दिल्ली विश्वविद्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। 2019 में दौलतराम कॉलेज में तदर्थ सहायक प्रोफेसर के रूप में दाखिला लेने के बाद, डॉ. सिंह को सिर्फ एक साल के बाद निकाल दिया गया और उनका अनुबंध नहीं बढ़ाया गया। उनका विरोध कॉलेज प्रशासन के खिलाफ था। उन्होंने कॉलेज प्रशासक पर एमएचआरडी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। अपनी आवाज़ उठाने के लिए उन्होंने 192 दिन विरोध प्रदर्शन किया।

  • Big Breaking : अकाली दल ने जारी की 7 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, जानें किन चेहरों पर खेला दांव

    Big Breaking : अकाली दल ने जारी की 7 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, जानें किन चेहरों पर खेला दांव

    चंडीगढ़, 13 अप्रैल (The News Air) शिरोमणि अकाली दल ने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के सात उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है।

    जानकारी के मुताबिक लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर से पार्टी प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा, श्री आनंदपुर साहिब से प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पटियाला से पार्टी कोषाध्यक्ष जेएनके शर्मा, श्री अमृतसर साहिब से अनिल जोशी, बिक्रमजीत सिंह खालसा को  श्री फतेहगढ़ साहिब से,  फरीदकोट से राजविंदर सिंह (पूर्व मंत्री गुरदेव सिंह बादल के बेटे) और संगरूर से इकबाल सिंह झूंदा को उम्मीदवार घोषित किया गया है।

  • कैसरगंज बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह आचार संहिता के उल्लंघन में फंसे, नोटिस जारी

    कैसरगंज बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह आचार संहिता के उल्लंघन में फंसे, नोटिस जारी

    नई दिल्‍ली, 11 अप्रैल (The News Air) गोंडा जिले में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का एक और मामला सामने आया है। एसडीएम कर्नलगंज की ओर से सांसद कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह को गुरुवार को नोटिस जारी किया गया। पहले से मंजूरी लिए बिना एक दर्जन से अधिक वाहनों का काफिला निकालने तथा धारा 144 का उल्लंघन करने के चलते यह कार्रवाई की गई है।

    पहले से मंजूरी लिए बिना एक दर्जन से अधिक वाहनों का काफिला निकालने तथा धारा 144 का उल्लंघन करने के चलते यह कार्रवाई की गई है। उनसे जवाब तलब किया गया है। आपको बता दें कैसरगंज सांसद बृजभूषण सिंह की सीट पर बीजेपी ने अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।

    उधर, आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघनमें थानाध्यक्ष कटरा, परसपुर,कर्नलगंज से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। संबंधित थाना प्रभारियों को स्पष्ट करना होगा कि उनके क्षेत्रों में धारा 144 के उल्लंघन के संबंध में सूचना एसडीएम कर्नलगंज के कार्यालय में क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई। साथ ही, उन्हें इस प्रकरण में विधिक कार्यवाही कर सूचित करने के भी आदेश दिए गए हैं।

    प्रशासन से बगैर अनुमति लिए कार्यक्रम किया

    एसडीएम कर्नलगंज भारत भार्गव ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक वाहनों के काफिले के साथ भ्रमण किए जाने और कई जगहों पर भारी भीड़ एकत्रित होने की सूचना प्राप्त हुई। इन कार्यक्रमों के लिए प्रशासन से कोई अनुमति जारी नहीं की गई है। जबकि, चुनाव एवं त्योहारों के दृष्टिगत क्षेत्र में धारा 144 लागू है। साथ ही आयोजन के लिए पूर्वानुमति की आवश्यकता है। इस प्रकरण में एफएसटी टीम को भी जांच कर विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।

    आचार संहिता उल्‍लंघन का यह तीसरा मामला दर्ज

    जनपद में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का यह तीसरा मामला दर्ज किया गया है। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया है कि जिला प्रशासन गोंडा आदर्श चुनाव आचार संहिता को प्रभावी रूप से लागू करने के किए प्रतिबद्ध है। इसके उल्लंघन की दशा में कड़ी कार्यवाही होगी।