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  • Lok Sabha Election 2024 Live: राहुल गांधी अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे?

    Lok Sabha Election 2024 Live: राहुल गांधी अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे?

    Lok Sabha Chunav 2024 Live Updates in Hindi: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हैं। भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन 400 से ज्यादा सीटों पर जीत का दावा कर रहा है। वहीं विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी दल पर जुमलों की सरकार होने का आरोप लगा रही है और उनका कहना है कि लोकतंत्र में जनता तय करेगी कि कौन कितनी सीटें जीतेगा।

    ईद कार्यक्रम में शामिल हुईं सीएम ममता बनर्जी

    कोलकाता में रेड रोड पर ईद समारोह में शामिल हुईं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘कोई भी अगर दंगा करने आता है तो आप चुप-चाप रहिए, अपना माथा ठंडा रखिए… यदि कोई ब्लास्ट होता है तो वे(भाजपा) NIA को भेज देते हैं कि सबको गिरफ्तार कर लो। सबको गिरफ्तार करते-करते आपका देश ही सूना हो जाएगा… हम सुंदर आसमान चाहते हैं जिसके लिए सभी का साथ रहना जरूरी है।’

    10:13 AM, 11-Apr-2024

    सिक्किम विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणा पत्र जारी

    भाजपा ने सिक्किम विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर दिया है। राजधानी गंगटोक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे जारी किया।

    09:06 AM, 11-Apr-2024

    ‘भाजपा का मिशन इंडिया काम नहीं करेगा’

    कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने केरल में मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘जब प्रधानमंत्री केरल आते हैं तो वे केरल की तारीफ करते हैं। जब वे उत्तर भारत में होते हैं तो वे दक्षिण भारत की बुराई करते हैं। भाजपा का ये मिशन इंडिया काम नहीं करेगा, खासकर दक्षिण भारत में।’

    08:46 AM, 11-Apr-2024

    ‘लोकतंत्र में जनता ही तय करती है, किसे कितनी सीटें मिलेंगी’

    केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ‘जब से चुनाव प्रचार शुरू हुआ है, तब से पूरे देश में हमारी स्थिति बेहतर हुई है। हमें खबरें मिल रही हैं कि कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन अच्छा कर रहा है। लोगों को अहसास हो गया है कि भाजपा की जुमला सरकार है, लोगों ने जो उम्मीद की थी, ये सरकार उसे पूरा नहीं कर पाई। हर क्षेत्र में लोग परेशान हैं। कांग्रेस की गारंटी को लोग पसंद कर रहे हैं और इसकी चर्चा हो रही है। कोई भी चुनाव से पहले ये कैसे कह सकता है कि वह कितनी सीटें जीतने जा रहा है? यह जनता तय करती है। भाजपा देशभर में 200 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। लोकतंत्र में जनता ही सब तय करती है।’

    08:27 AM, 11-Apr-2024

    Lok Sabha Election 2024 Live: राहुल गांधी अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे? जानिए क्या बोले केसी वेणुगोपाल

    राहुल गांधी केरल के वायनाड से नामांकन कर चुके हैं, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि वह अपनी पारंपरिक सीट अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे या नहीं। पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी सीट पर भाजपा की स्मृति ईरानी के सामने हार का सामना करना पड़ा था। जब इसे लेकर कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, इसका फैसला पार्टी करेगी और समय आने पर फैसला होगा।

  • Lok Sabha Elections 2024: वोटर लिस्ट में आपका नाम है या नहीं? इस तरीके से करें चेक

    Lok Sabha Elections 2024: वोटर लिस्ट में आपका नाम है या नहीं? इस तरीके से करें चेक

    Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 जल्द शुरू होने वाले हैं. वोटिंग कुल सात चरणों में होगी. वोटिंग का पहला चरण 19 अप्रैल और आखिरी चरण 1 जून को है. इसके बाद 4 जून को नतीजे सामने आएंगे. अब बात आती है मतदान डालने की, जिसके लिए वोटर लिस्ट में आपका नाम जुड़ना जरूरी है. अगर आप पहली बार वोट डालने जा रहे हैं और हाल में वोटर आईडी के लिए अप्लाई किया है या फिर किसी नई लोकेशन से वोटर आईडी कार्ड बनवाया है, तो वोट डालने से पहले अपना नाम वोटर लिस्ट में जरूर चेक कर लें.

    वोटर लिस्ट में आपका नाम है या नहीं, ये जानने के लिए आपको भटकने की जरूरत नहीं है. आप ऑनलाइन या SMS के जरिए भी इस बात की जानकारी पा सकते हैं. साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी है. यानी आप कुल तीन तरीकों से वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं. आगे जानिए कि आप वोटर लिस्ट में अपना नाम कैसे चेक कर सकते हैं.

    नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल

    आप नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल (राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल) के जरिए ऑनलाइन वोटर लिस्ट में नाम खोज सकते हैं. इसके लिए आगे बताए स्टेप्स को फॉलो करें…

    1. National Voters Service Portal (NVSP) की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं.
    2. वेबसाइट खुलने पर ऊपर दाहिने कोने पर इंग्लिश या हिंदी में से अपनी भाषा चुनें.
    3. अब Search in Electoral Roll (मतदाता सूची में खोजें) पर क्लिक करें.
    4. आपको 3 ऑप्शन- ईपीआईसी द्वारा खोजें / Search by EPIC, विवरण द्वारा खोजें/ Search by Details, मोबाइल द्वारा खोजें / Search by Mobile नजर आएंगे.
    5. इनमें से किसी एक पर जाएं अपनी डिटेल भरें, कैप्चा डालें और आपको वोटर लिस्ट की डिटेल मिल जाएगी.
    SMS के जरिए वोटर लिस्ट में नाम चेक करें

    SMS की मदद से वोटर लिस्ट में नाम देखा जा सकता है. इसके लिए रजिस्ट्रेशन नंबर चाहिए होगा, जो आपको वोटर आईडी के लिए अप्लाई करते वक्त मिला होगा. इसके लिए 10 अंकों के EPIC नंबर की जरूरत होगी. आपको EPIC <स्पेस> Voter ID नंबर टाइप करके 1950 पर SMS भेजना होगा.

    वोटर लिस्ट के लिए हेल्पलाइन नंबर

    वोटर लिस्ट में नाम देखने के लिए इलेक्शन कमीशन का टोल फ्री नंबर डायल करके भी पता लगाया जा सकता है. इसके लिए 1950 नंबर डायल करें. इसके बाद IVR (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स) को सुनते हुए निर्देश मानें. आप अपने हिसाब से भाषा चुनकर आगे के स्टेप्स को पूरा करें. आपको रिफरेंस नंबर एंटर करना होगा इसके बाद आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं ये पता चल जाएगा.

    वोटर आईडी कहां से बनती है

    भारत के सभी नागरिक जिनकी उम्र 18 साल या इससे अधिक है, या फिर जो अगले कुछ दिनों में 18 साल के होने वाले हैं, वोटर आईडी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. आप चुनाव आयोग में अप्लाई करके अपना वोटर आईडी कार्ड बनवा सकते हैं. वोटर आईडी कार्ड हर नागरिक के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट है. इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन किया जा सकता है.

  • Lok sabha Election 2024: दूसरे चरण में 1,210 प्रत्याशी आजमाएंगे अपनी किस्मत,

    Lok sabha Election 2024: दूसरे चरण में 1,210 प्रत्याशी आजमाएंगे अपनी किस्मत,

    नई दिल्ली, 9 अप्रैल (The News Air): लोकसभा चुनाव दूसरे चरण में 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए चुनावी मैदान में 1210 उम्मीदवार डटे हैं। दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। इसमें मणिपुर की एक सीट आउटर मणिपुर पर पहले और दूसरे दोनों चरण में आधी-आधी सीट पर वोटिंग कराई जा रही है। इसलिए यह सीट दो बार काउंट हो रही है।भारतीय चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के लिए 88 लोकसभा सीटों के लिए कुल 2633 पर्चे भरे गए थे। भरे गए पर्चों की जांच के बाद इनमें से 1205 पर्चे कैंसल कर दिए गए। इसके पीछे का कारण भरे गए पर्चों के आधा-अधूरा या फिर इनमें कोई कमी छोड़ना बताया गया। इसके बाद चुनावी मैदान में 1428 उम्मीदवार बचे। इनमें से 222 उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। इसके बाद 88 सीटों के लिए 1206 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बचे। जबकि आउटर मणिपुर की आधी सीट पर होने वाले चुनाव के लिए चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। इन चार को लगाकर दूसरे चरण के चुनाव के लिए 1210 उम्मीदवार अब चुनावी मैदान में डटे हैं।

    दूसरे चरण में सबसे अधिक महाराष्ट्र में उम्मीदवार

    आयोग से मिले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इनमें से महाराष्ट्र की आठ सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सबसे अधिक 477 पर्चे दाखिल किए गए थे। इनमें से जांच के बाद 178 पर्चे रद्द कर दिए गए।यहां नांदेड सीट सबसे अधिक 92 नॉमिनेशन आयोग को मिले। इसी तरह से केरल की 20 लोकसभा सीटों के लिए 500 पर्चे दाखिल किए गए थे। जिनमें से जांच के बाद 289 रद्द कर दिए गए। दूसरे फेज के लिए महाराष्ट्र से हर सीट पर सबसे अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। केरल का दूसरा नंबर है।

    सबसे कम त्रिपुरा में उम्मीदवार

    जबकि त्रिपुरा की एक सीट पर चुनाव होना है। यहां से सबसे कम नौ उम्मीदवार मैदान में है। सभी 12 राज्यों में अकेला त्रिपुरा ही ऐसा है। जहां से एक सीट के लिए 14 पर्चे दाखिल किए गए थे। जांच के बाद यह सभी सही पाए गए। यह बात अलग है कि इनमें से छह उम्मीदवार बाद में चुनावी मैदान छोड़ गए और अब नौ उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने मैदान में खड़े हैं। इससे पहले पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 1625 उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े है।

  • Lok Sabha Election 2024: लालू की हॉटसीट रही सारण सीट जीत पाएंगी रोहिणी?

    Lok Sabha Election 2024: लालू की हॉटसीट रही सारण सीट जीत पाएंगी रोहिणी?

    नई दिल्ली, 9 अप्रैल (The News Air) बिहार की सारण लोकसभा सीट हॉटसीट में बदल गई है। आगामी लोकसभा चुनाव में लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने यहां से रोहिणी आचार्य को प्रत्याशी बनाया है।

    बता दें कि यही वह सीट है जहां से लालू यादव पहली बार सांसद बने थे। फिलहाल यह सीट भाजपा के पास है। रोहिणी के सामने अपने पिता का गढ़ रही इस सीट को जीतने की बड़ी चुनौती है। चुनौती इसलिए क्योंकि फिलहाल इस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी सांसद हैं। पिछले 2 आम चुनावों में उन्होंने यहां से जीत हासिल की थी और इस बार भी उनकी स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है।

    सारण सीट का लालू से कनेक्शन

    साल 1977 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव इसी सीट से ही चुनाव लड़कर पहली बार संसद पहुंचे थे। तब इस सीट को छपरा लोकसभा कहा जाता था। लालू ने भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। साल 2004 में लालू ने भाजपा के राजीव प्रताप रूडी को यहां से हराया था। साल 2008 में परिसीमन के बाद इस सीट का नाम सारण कर दिया गया था। इसके बाद 2009 के चुनाव में भी लालू ने यहां से जीत हासिल की थी। हालांकि, इसके बाद चली मोदी लहर में लालू की पकड़ यहां कमजोर हुई। इस बार बेटी रोहिणी को उतारकर लालू ने एक बार फिर इस सीट को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की है।

    लालू की दूसरी संतान हैं रोहिणी

    रोहिणी आचार्य लालू की नौ संतानों में दूसरे नंबर पर हैं। रोहिणी का नाम चर्चा में करीब डेढ़ साल पहले आया था जब उन्होंने लालू यादव को अपनी एक किडनी डोनेट की थी। उनकी शादी 24 मई 2002 को आईटी सेक्टर में काम करने वाले समरेश सिंह से हुई थी जो सिंगापुर में जॉब करते हैं। शादी के बाद रोहिणी भी सिंगापुर चली गई थीं। देश के बाहर जाने के बाद भी सोशल मीडिया पर वह अक्सर केंद्र सरकार को निशाने पर लेती रही हैं। माना जा रहा है कि चुनाव में लालू यादव की बेटी होने का उन्हें काफी फायदा मिल सकता है। देखना रोचक होगा कि रोहिणी इस सीट को वापस राजद के खाते में ला पाएंगी या फिर रूडी जीत की हैट्रिक लगाएंगे।

    पिछले 2 चुनावों में क्या हुआ था?

    साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राजद ने यहां से बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, भाजपा के राजीव प्रताप रूडी के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में रूडी को 3 लाख 55 हजार 120 वोट मिले थे जबकि राबड़ी के खाते में 3 लाख 14 हजार 172 वोट आए थे। इसके बाद 2019 के चुनाव में राजद ने लालू के समधी चंद्रिका राय को टिकट दिया था लेकिन उन्हें भी रूडी के हाथों हार ही मिली। इसमें रूडी ने 4 लाख 99 हजार 342 वोट पाए थे जबकि चंद्रिका राय 3 लाख 60 हजार 913 वोट पर ही सिमट गए थे। अब देखना यह है रोहिणी का प्रदर्शन यहां कैसा रहता है।

    प्रताप रूडी की स्थिति कैसी है?

    पिछले दोनों लोकसभा चुनाव जीतने वाले राजीव प्रताप रूडी भी लालू की तरह ही पहली बार सांसद यहीं से बने थे। 1996 के चुनाव में उन्होंने राजद के लाल बाबू राय को हराकर जीत हासिल की थी। इसके बाद 1999 के चुनाव में भी उन्हें यहां से जीत मिली थी। बता दें कि सारण सीट के शहरी इलाकों में राजीव रूडी की स्थिति खासी मजबूत मानी जाती है। लेकिन हाल के दिनों में रोहिणी आचार्य की लोकप्रियता भी बढ़ती देखी गई है। जब राजीव रूडी के सामने राबड़ी देवी थीं तब रूडी जीते जरूर थे लेकिन दोनों को मिलने वाले मतों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं था। ऐसे में इस सीट पर परिणाम क्या होगा यह साफ-साफ कहना बहुत मुश्किल हो गया है।

    कैसा है मतदाताओं का गणित?

    सारण लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता यादव हैं। इनकी संख्या करीब 25 प्रतिशत है। यह फैक्टर रोहिणी आचार्य के पक्ष में जा सकता है। वहीं, राजपूत वोटर 23 प्रतिशत और बनिया 20 प्रतिशत हैं। इसके अलावा मुसलमान मतदाताओं की संख्या 10 प्रतिशत से ज्यादा है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां मतदान का प्रतिशत केवल 56 रहा था। इस बार यहां पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। 4 जून को मतगणना होगी और उसी दिन परिणाम आएगा। तब ही यह साफ हो पाएगा कि सारण की जनता लालू परिवार को चाहती है या फिर राजीव प्रताप रूडी के काम-काज से खुश है। असल तस्वीर रिजल्ट आने पर ही साफ हो पाएगी।

  • Lok sabha Election 2024: दूसरे चरण में 1,210 प्रत्याशी आजमाएंगे अपनी किस्मत,

    Lok sabha Election 2024: दूसरे चरण में 1,210 प्रत्याशी आजमाएंगे अपनी किस्मत,

    नई दिल्ली, 9 अप्रैल (The News Air) : लोकसभा चुनाव दूसरे चरण में 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए चुनावी मैदान में 1210 उम्मीदवार डटे हैं। दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी। इसमें मणिपुर की एक सीट आउटर मणिपुर पर पहले और दूसरे दोनों चरण में आधी-आधी सीट पर वोटिंग कराई जा रही है। इसलिए यह सीट दो बार काउंट हो रही है।भारतीय चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के लिए 88 लोकसभा सीटों के लिए कुल 2633 पर्चे भरे गए थे। भरे गए पर्चों की जांच के बाद इनमें से 1205 पर्चे कैंसल कर दिए गए। इसके पीछे का कारण भरे गए पर्चों के आधा-अधूरा या फिर इनमें कोई कमी छोड़ना बताया गया। इसके बाद चुनावी मैदान में 1428 उम्मीदवार बचे। इनमें से 222 उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। इसके बाद 88 सीटों के लिए 1206 उम्मीदवार चुनावी मैदान में बचे। जबकि आउटर मणिपुर की आधी सीट पर होने वाले चुनाव के लिए चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। इन चार को लगाकर दूसरे चरण के चुनाव के लिए 1210 उम्मीदवार अब चुनावी मैदान में डटे हैं।

    दूसरे चरण में सबसे अधिक महाराष्ट्र में उम्मीदवार

    आयोग से मिले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इनमें से महाराष्ट्र की आठ सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सबसे अधिक 477 पर्चे दाखिल किए गए थे। इनमें से जांच के बाद 178 पर्चे रद्द कर दिए गए।यहां नांदेड सीट सबसे अधिक 92 नॉमिनेशन आयोग को मिले। इसी तरह से केरल की 20 लोकसभा सीटों के लिए 500 पर्चे दाखिल किए गए थे। जिनमें से जांच के बाद 289 रद्द कर दिए गए। दूसरे फेज के लिए महाराष्ट्र से हर सीट पर सबसे अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं। केरल का दूसरा नंबर है।

    सबसे कम त्रिपुरा में उम्मीदवार

    जबकि त्रिपुरा की एक सीट पर चुनाव होना है। यहां से सबसे कम नौ उम्मीदवार मैदान में है। सभी 12 राज्यों में अकेला त्रिपुरा ही ऐसा है। जहां से एक सीट के लिए 14 पर्चे दाखिल किए गए थे। जांच के बाद यह सभी सही पाए गए। यह बात अलग है कि इनमें से छह उम्मीदवार बाद में चुनावी मैदान छोड़ गए और अब नौ उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने मैदान में खड़े हैं। इससे पहले पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 1625 उम्मीदवार चुनावी मैदान में खड़े है।

  • Tamil Nadu Lok Sabha Election: क्या तमिलनाडु में काम करेगा भाजपा का ‘यूपी फॉर्मूला’,

    Tamil Nadu Lok Sabha Election: क्या तमिलनाडु में काम करेगा भाजपा का ‘यूपी फॉर्मूला’,

    नई दिल्ली। उत्तर भारत में लगातार जीत की पताका लहराने वाली भाजपा की निगाहें इस बार के लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत पर केंद्रित है। पार्टी के रणनीतिकार को इसमें कोई संदेह नहीं लगता है कि चुनाव परिणाम के बाद NDA खेमा 400 के पार पहुंच जाए। कर्नाटक के बाद अब भाजपा 39 सीटों वाले तमिलनाडु में कड़ी मेहनत कर रही है।

    तमिलनाडु में भाजपा की राह कठिन, लेकिन असंभव नहीं

    तमिलनाडु की द्रविड़ राजनीति में पैर जमाना भाजपा के लिए कठिन हो सकता है, लेकिन असंभव जैसा भी नहीं है। भाजपा अब जातीय समीकरणों का ‘राम-सेतु’ बांधकर इस चुनौती का सामना कर रही है और तमिलनाडु में भी ‘यूपी फॉर्मूला’ अपनाते हुए छोटे-छोटे स्थानीय दलों के साथ गठबंधन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इन छोटे दलों को ‘नवरत्न’ नाम दिया है।

    ऐसी है तमिलनाडु की राजनीति

    तमिलनाडु की आबादी करीब 7.2 करोड़ है, जिसमें कई जातियों का प्रभुत्व है, जो स्थानीय राजनीति की दशा और दिशा को तय करती है। तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का वर्चस्व काफी समय है। इन दोनों को दलों का अलग-अलग जातियों पर प्रभाव है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में DMK, कांग्रेस, CPI और CPI(M) ने 5 अन्य दलों के साथ सेक्युलर प्रोग्रेसिव अलायंस बनाया था और तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर जीत हासिल की थी।

    अब भाजपा ने बिछाई नई बिसात

    बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एनडीए में AIADMK के नेतृत्व वाले 7 दलों के गठबंधन किया था, लेकिन चुनाव परिणाम निराशाजनक थे। इस बार भाजपा ने एआईएडीएमके से नाता तोड़ दिया। इस बार चुनावी मैदान में DMK के नेतृत्व वाले I.N.D.I.A में 8 दल, AIADMK की अगुवाई वाले गठबंधन में 4 दल तो भाजपा ने अगुआ की भूमिका निभाते हुए 7 दल और एक निर्दलीय के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम का हाथ थामते हुए DMK और AIADMK के वर्चस्व को चुनौती दी है। इस तरह तीसरे मोर्चे के रूप में उभरे NDA के खेमे में 9 साथी हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवरत्न की संज्ञा दी है।

  • Congress Manifesto 2024: कांग्रेस आज जारी करेगी मेनिफेस्टो,

    Congress Manifesto 2024: कांग्रेस आज जारी करेगी मेनिफेस्टो,

    नई दिल्ली, 5 अप्रैल (The News Air) लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस पार्टी शुक्रवार को अपना घोषणा-पत्र (Congress Manifesto 2024) जारी करने जा रही है। यह घोषणा-पत्र ‘5 न्याय और 25 गारंटी’ पर आधारित होगा।

    कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी सुबह 11.30 बजे नई दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी का घोषणापत्र जारी करेंगे। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि घोषणा-पत्र पार्टी के पांच न्याय, ‘हिस्सेदारी न्याय’, ‘किसान न्याय’, ‘नारी न्याय’, ‘श्रमिक न्याय’ और ‘युवा न्याय’ पर आधारित होगा। घोषणा-पत्र में 30 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा भी किया गया है।

    भाजपा की चुनाव घोषणा-पत्र समिति की दूसरी बैठक में सुझावों पर चर्चा

    इससे पहले लोकसभा चुनाव के लिए बनी भाजपा घोषणा-पत्र समिति की गुरुवार को दूसरी बैठक हुई। बैठक में समिति के अध्यक्ष राजनाथ सिंह सहित अन्य सदस्यों ने पार्टी को विभिन्न क्षेत्रों से मिले कई सुझावों पर विचार-विमर्श किया।

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    बैठक में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, किरण रिजिजू और अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे।

    घोषणापत्र में भाजपा गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों से संबंधित वादे कर सकती है। समिति ने सोमवार को पहली बैठक की थी।

  • Lok Sabha Election 2024: पूर्वोत्तर में लोकसभा की 25 सीटें, जानिए यहां कैसा है घमासान

    Lok Sabha Election 2024: पूर्वोत्तर में लोकसभा की 25 सीटें, जानिए यहां कैसा है घमासान

    नई दिल्ली। देश में बढ़ते तापमान के साथ सियासी पारा भी लगातार चढ़ रहा है। ऐसे में भाजपा पूर्वोत्तर में भी आक्रामक रणनीति से काम कर रही है और क्लीन स्वीप के तैयारी में जुटी हुई है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, इसके बावजूद एनडीए 25 में से 19 सीटें जीतने में सफल हुई थी। वहीं इस बार भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ तालमेल कर मैदान में आक्रामक रणनीति अपना रही है।

    पूर्वोत्तर राज्यों में हैं 25 लोकसभा सीटें

    पूर्वोत्तर भारत के 8 राज्यों में लोकसभा की 25 सीटें हैं, जिनमें अकेले असम में 14 सीटें हैं। मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में 2-2 सीटें हैं, वहीं नागालैंड, सिक्किम और मिजोरम में 1-1 सीट है।

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    पूर्वोत्तर में इन तारीखों में होगा मतदान

    चुनाव शेड्यूल की बात करें तो पूर्वोत्तर की 25 सीटों में से 14 सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को और 11 सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। अरुणाचल प्रदेश की 2 सीटों पर साल 2014 में भाजपा और कांग्रेस 1-1 सीट जीती थी, लेकिन 2019 में भाजपा ने क्लीन स्वीप कर दिया। भाजपा इस बार फिर अरुणाचल में इतिहास दोहराने का प्रयास करेगी। मेघालय की बात की जाए तो कोनार्ड संगमा की NPP ने साल 2014 और 2019 में शिलांग में कांग्रेस को मात दी थी। यहां कांग्रेस सिर्फ तुरा सीट ही जीत पाई थी। अरुणाचल से NPP के उम्मीदवार वापस लेने के बाद भाजपा ने भी मेघालय में अपने उम्मीदवार वापस ले लिए हैं।

    मणिपुर में भी भाजपा आश्वस्त

    हिंसा से प्रभावित मणिपुर में भाजपा एक बार फिर 2019 का फार्मूले दोहरा सकती है। यहां इनर मणिपुर से भाजपा ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया है, वहीं आउटर मणिपुर से सहयोगी दल नगा पीपुल्स फ्रंट को मौका दिया है। 2014 में मणिपुर की दोनों सीटें कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन 2019 के बाद पासा पलट गया। नस्ली हिंसा के बावजूद भाजपा दोनों सीटें राजग के खाते में आने को लेकर आश्वस्त है। इनर मणिपुर में 19 अप्रैल और आउटर मणिपुर में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी।

    क्या त्रिपुरा में कायम रहेगी बढ़त?

    त्रिपुरा में भाजपा ने CPM को 2017 के विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर कर दिया था। इसके बाद साल 2019 में लोकसभा चुनाव में दोनों लोकसभा सीटें भी जीत ली थी। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की स्थिति यहां काफी मजबूत है। इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ आने के बाद भाजपा का प्रभाव बढ़ गया है। पश्चिमी त्रिपुरा सीट पर 19 और पूर्वी त्रिपुरा की सीट पर 26 अप्रैल को मतदान है।

    सिक्किम और मिजोरम अपवाद

    पूर्वोत्तर भारत में सिक्किम और मिजोरम अपवाद है। मिजोरम में भाजपा और मिजो नेशनल फ्रंट दोनों मैदान में हैं। सिक्किम में भी भाजपा ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के साथ संबंध तोड़कर अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

    असम में परिसीमन के कारण बदले समीकरण

    असम की 14 सीटों पर पहले और दूसरे चरण में 5-5 और तीसरे चरण में 4 सीटों पर मतदान होगा। असम में परिसीमन के बाद सभी 14 सीटों के समीकरण बदल गए हैं। साल 2024 के आम चुनाव में पहली बार सीटों के परिसीमन का असर चुनाव नतीजों में भी देखने को मिल सकता है। साल 2014 में भाजपा 7 सीटों और साल 2019 में 9 सीटें जीती थी। असम में दोनों बार कांग्रेस के खाते में 3-3 सीटें आई थी। असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF 2014 में तीन और 2019 में एक सीट पर सिमट गई थी। AIUDF सिर्फ अपनी सीट बचा पाई थी। असम गण परिषद के साथ ही कांग्रेस ने भी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतार कर AIUDF की मुश्किलें बढ़ा दी है।

    पूर्वोत्तर में इसलिए भाजपा हो रही मजबूत

    पूर्वोत्तर में भाजपा को बढ़त का मुख्य कारण नरेंद्र मोदी सरकार का 10 वर्षों का कार्यकाल है। इस दौरान विकास और शांति स्थापित करने में उल्लेखनीय कार्य किए गए। मोदी सरकार के कार्यकाल में सड़क, रेल और हवाई यात्रा की सुविधाओं बढ़ी है। देश के अन्य भागों से पूर्वोत्तर को दिलों को जोड़ने का भी काम किया है। पूर्वोत्तर के कई अलगाववादी संगठन समझौता कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं और उनके लगभग 10 हजार कैडर हथियार डाल चुके हैं।

  • Lok Sabha Election 2024: बंगाल में ‘बाहरी’ प्रत्‍याशी का मुद्दा बनेगा बड़ा सवाल, भाजपा ने टीएमसी को आड़े हाथ लिया

    Lok Sabha Election 2024: बंगाल में ‘बाहरी’ प्रत्‍याशी का मुद्दा बनेगा बड़ा सवाल, भाजपा ने टीएमसी को आड़े हाथ लिया

    कोलकाता, 27 मार्च (The News Air)लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी। राज्‍य की 42 लोकसभा सीटों के लिए कुल सात चरणों में मतदान होगा। बंगाल में इस बार लोकसभा चुनाव के समय ‘बाहरी’ का मुद्दा एक बड़ा सवाल बन सकता है। वर्ष 2021 में यहां विधानसभा चुनाव के समय यही मुद्दा चलन में था। तब यह हुआ था कि राज्‍य में सीएम ममता बनर्जी सहित टीएमसी के नेताओं ने चुनावी प्रचार करने आए अन्‍य प्रदेशों के राजनीतिक विरोधी दलों के नेताओं को बाहरी करार दिया था। खास तौर पर भाजपा के नेता। इतना ही नहीं, टीएमसी की तरफ से पीएम मोदी के लिए भी इसी तरह की बातें की गईं थीं। ममता बनर्जी ने इनको बसंत की कोयल करार दिया था और कहा था कि ये लोग केवल चुनावी मौसम में ही बंगाल आते हैं। अब चूंकि 10 मार्च को टीएमसी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्‍याशी घेाषित कर दिए हैं तो उस पर भी बाहरी लोगों को टिकट दिए जाने पर बात कही जाने लगी है।

    टीएमसी ने इन्‍हें दिया टिकट

    तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने बहरमपुर से पूर्व क्रिकेटर युसुफ पठान, बर्धमान दुर्गापुर से अन्‍य पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद व आसनसोल से अभिनेता शत्रुघ्‍न सिन्‍हा को टिकट दिया है। यहां बता दें कि युसुफ स्‍वयं बाहरी राज्‍य गुजरात से व शत्रुघ्‍न बिहार से हैं।

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    भाजपा और वाममोर्चा उवाच

    टीएमसी की सूची सामने आने के बाद बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि सीएम की पार्टी भी अब बाहरी लोगों को यहां ला रही है। बीजेपी आईटी सेल के अमित मालवीय ने कहा था कि टीएमसी की लिस्‍ट में ऐसे प्रत्‍याशी हैं जिन्‍हें सीएम खुद बाहरी बताती हैं। इस मामले में वाममोर्चा का कहना है कि अन्‍य प्रदेशों से संबंध रखने वाले टीएमसी ने पवन सिंह की उम्‍मीदवारी पर प्रश्‍न खड़े किए थे। अब बाहरी लोगों को बंगाल में उम्‍मीदवार बनाकर टीएमसी अपने ही नैरेटिव को झुठला रही है।

    यह है बंगाल की जंग

    टीएमसी के राज्‍यसभा सदस्‍य सुखेदु शेखर राय कहते हैं कि वीके कृष्ण मेनन और बीआर आंबेडकर भी यहां से चुनाव में खड़े हुए थे। तब तो बंगाल ने उन्हें कभी बाहरी प्रत्‍याशी नहीं माना। बाहरी वो हैं जो इस राज्‍य बंगाल का अपमान करते हैं। मालूम हो कि नेहरू की सरकार में रक्षा मंत्री रहे वीके कृष्णा मेनन ने वर्ष 1969 में चांग्ला कांग्रेस के टिकट से बंगाल की मिदनापुर (वर्तमान में मेदिनीपुर) सीट से लोकसभा चुनाव जीता था, जबकि आंबेडकर बंगाल से संविधान सभा के लिए चुन लिए गए थे।

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  • Election 2024: अब क्या होगा Varun Gandhi का अगला कदम, ‘अमेठी, रायबरेली या…’?

    Election 2024: अब क्या होगा Varun Gandhi का अगला कदम, ‘अमेठी, रायबरेली या…’?

    नई दिल्ली, 26 मार्च (The News Air) लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने कैंडिडेट की छठी लिस्ट जारी की है। इसमें पीलीभीत लोकसभा सीट से वरुण गांधी के नाम का अभाव दिखाया गया है। इससे उन्हें कांग्रेस से जुड़ा भविष्य या अन्य पार्टी में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है।

    उम्मीदवारों की तैयारियों में बदलाव

    बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की सूची में कई चौंकाने वाले फैसले किए हैं। इनमें से एक फैसला है पीलीभीत सीट से वरुण गांधी के नाम का अभाव।

    कांग्रेस या अन्य पार्टी में जाएंगे?

    वरुण गांधी के नाम से जुड़े चर्चे बढ़े हैं कि वे कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस ने अमेठी या फिर रायबरेली सीटों पर अभी तक अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है, जो इस समय उनके लिए एक संभावना बन सकती है।

    पीलीभीत सीट से निर्दलीय उम्मीदवार?

    संभावना है कि वरुण गांधी पीलीभीत सीट से निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं। उनके प्रतिनिधि ने भी नामांकन पत्र खरीदा है, जो इस संभावना को और भी मजबूत करता है।

    भविष्य के अनिश्चितता में उतार-चढ़ाव

    वरुण गांधी के नाम से जुड़े चर्चे का अनिश्चितता में उतार-चढ़ाव बढ़ गया है। उनके नामांकन के पहले दिन से ही उनके नाम से जुड़ी चर्चाएं चल रही हैं, जो उनके भविष्य को लेकर सवाल उठाती हैं।

    वरुण गांधी के नाम से जुड़े चर्चों और अनिश्चितता में बढ़ती उतार-चढ़ाव ने राजनीतिक मंच पर हलचल मचा दी है। उनके निर्दिष्ट कदम से प्रत्याशित नई संभावनाओं की उम्मीद की जा रही है, जो आगे की घटनाओं में साफ होगी।

  • Lok Sabha Elections: जब बीजेपी नेता को मिल गए कांग्रेस के हिस्से के 12727 वोट, ईवीएम को हुआ क्या था?

    Lok Sabha Elections: जब बीजेपी नेता को मिल गए कांग्रेस के हिस्से के 12727 वोट, ईवीएम को हुआ क्या था?

    नई दिल्ली, 23 मार्च (The News Air): देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है… धड़ाधड़ रैलियां हो रही हैं… रोड शो भी जारी हैं, लेकिन इन सबसे भी ज्यादा तेजी से जो काम चल रहा है, वो है नेताओं का एक कैंप से दूसरे कैंप में कूदना। टिकट मिला तो ठीक, ना मिला तो दूसरी पार्टी में जाकर ठीक…। इस संकट से सबसे ज्यादा कोई पार्टी अगर जूझ रही है, तो उसका नाम है कांग्रेस। पिछले कुछ महीनों में ही कई जाने-माने नाम कांग्रेस से अलग होकर भाजपा के साथ जुड़ चुके हैं। कुछ और पार्टियों का हाल भी करीब-करीब ऐसा ही है। लेकिन, एक लोकसभा चुनाव ऐसा भी हुआ था, जब कांग्रेस के प्रत्याशी ने मतदान से ठीक एक हफ्ते पहले पार्टी छोड़ी और भाजपा में जा मिले। कांग्रेस की मजबूरी ये थी कि नामांकन और नाम वापसी दोनों की तारीख निकल चुकी थी और ना चाहते हुए भी ईवीएम में पार्टी के निशाने के सामने इस प्रत्याशी का नाम रहा।बात 2014 के लोकसभा चुनाव की है, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इस चुनाव में कांग्रेस ने गौतमबुद्ध नगर सीट से रमेश चंद्र तोमर को टिकट दिया था। तोमर पहले भाजपा में थे और 1991, 1996, 1998 और 1999 के चुनाव में हापुड़-गाजियाबाद लोकसभा सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने उन्हें हराकर जीत का ये सिलसिल तोड़ा। इसके बाद नए परिसीमन में गाजियाबाद अलग लोकसभा सीट बन गई और 2009 में भाजपा ने रमेश चंद्र तोमर की जगह राजनाथ सिंह को यहां से चुनाव मैदान में उतार दिया। रमेश चंद्र तोमर नाराज हुए, कांग्रेस में गए… गौतमबुद्ध नगर सीट से चुनाव भी लड़े, लेकिन चौथे नंबर पर आए।

    आज मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं… : इसके बाद आया 2014 का लोकसभा चुनाव और कांग्रेस ने फिर से तोमर को गौतमबुद्ध नगर सीट से टिकट दे दिया। इस सीट पर उनके मुकाबले में भाजपा से डॉक्टर महेश शर्मा, समाजवादी पार्टी से नरेंद्र भाटी और बीएसपी से सतीश कुमार मैदान में थे। तय तारीख पर रमेश चंद्र तोमर ने नामांकन किया और पार्टी के कार्यकर्ता उनके प्रचार में जुट गए। लेकिन, इसी बीच वो हो गया, जिसकी उम्मीद कांग्रेस तो क्या, खुद भाजपा ने नहीं की होगी। वो 3 अप्रैल 2014 का दिन था, जब गाजियाबाद में नरेंद्र मोदी की रैली थी और ठीक एक हफ्ते बाद 10 अप्रैल को वोट डाले जाने थे। इसी रैली में रमेश चंद्र तोमर भाजपा के मंच पर पहुंचे, नरेंद्र मोदी ने उन्हें गले लगाया और वहीं पर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया।

    तोमर ने तब कांग्रेस को कहीं का ना छोड़ा : इस ऐलान से सब हैरान थे, कांग्रेस वाले भी और भाजपा वाले भी। लेकिन, कांग्रेस के लिए जो सबसे बड़ी टेंशन थी, वो ये थी कि रमेश चंद्र तोमर के जाने के बाद अब वो गौतमबुद्ध नगर सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं बदल सकती थी। दरअसल, वोटिंग में महज एक हफ्ता बचा था और नामांकन के साथ-साथ नाम वापसी की तारीख भी निकल चुकी थी। तोमर पराए हो चुके थे और अपनों को चुनाव लड़ाने का मौका अब कांग्रेस के पास नहीं थी। ऐसे में 10 अप्रैल को जब मतदान हुआ तो ना चाहते हुए भी ईवीएम पर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर रमेश चंद्र तोमर का नाम लिखा था। और कमाल की बात ये, कि जब चुनाव नतीजों का ऐलान हुआ तो कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर तोमर के खाते में 12727 वोट भी चले गए।

    ‘मैं चुनाव लड़ा तो महेश शर्मा हार जाएंगे’ : रमेश चंद्र तोमर से पत्रकारों ने पूछा कि आपने इस तरह बीच चुनाव में कांग्रेस क्यों छोड़ दी, जबकि आपको टिकट भी मिला था? इसपर उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी को समर्थन देने के लिए ये कदम उठाया है। तोमर ने कहा, ‘मैं भावनाओं में बहकर और आवेश में आकर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला लिया था। गलतियां सभी से होती हैं, मुझसे भी हो गई। लेकिन, मैंने अब सही समय पर इसे ठीक कर लिया है। लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं। ऐसे में अगर मैं चुनाव लड़ूंगा तो भाजपा के प्रत्याशी महेश शर्मा नहीं जीत पाएंगे। मेरे समर्थकों को भी लगता है कि मुझे नरेंद्र मोदी के लिए चुनाव प्रचार करना चाहिए। मोदी ही इस देश में विकास, महिलाओं की सुरक्षा और युवाओं के लिए रोजगार ला सकते हैं।’

  • लोकसभा चुनाव-2024: पंजाब में 100 से 119 साल की उम्र के 5004 वोटर: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

    लोकसभा चुनाव-2024: पंजाब में 100 से 119 साल की उम्र के 5004 वोटर: मुख्य निर्वाचन अधिकारी

    चंडीगढ़, 21 मार्च (The News Air) पंजाब में 100 से 119 साल की उम्र तक के 5004 वोटर हैं, जबकि 205 वोटरों की उम्र 120 साल से ज़्यादा है। पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार 85 साल से ज़्यादा की उम्र वाले सभी वोटर अपने घर से ही वोट डाल सकते हैं, और इस मकसद के लिए पहले ही सभी जि़ला निर्वाचन अधिकारियों-कम-डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

    सिबिन सी ने बताया कि 1 मार्च 2024 तक 100 से 109 साल की उम्र वाले 1917 पुरूष और 2928 औरतें वोटर हैं। इसी तरह 110 से 119 साल तक के 59 पुरूष और 100 औरतें वोटर हैं। इस तरह 100 से 119 साल की उम्र तक के कुल वोटरों की संख्या 5004 बनती है। इसी तरह 120 साल से अधिक उम्र वाले 205 वोटरों में से 122 पुरूष और 83 औरतें वोटर हैं। 120 साल से अधिक उम्र वाले सबसे ज़्यादा 77 पुरूष और 34 औरतें लुधियाना जि़ले में और इसके बाद 24 पुरूष और 25 औरतें फिऱोज़पुर जि़ले में हैं।

    पहली बार वोट डालने वाले वोटरों संबंधी जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 1 मार्च, 2024 तक राज्य में कुल 4 लाख 89 हज़ार 631 वोटर 18-19 साल उम्र वर्ग के हैं। इनमें 16 ट्रांसजैंडर वोटर भी शामिल हैं। जबकि 2 लाख 93 हज़ार 100 वोटर लडक़े और 1 लाख 96 हज़ार 515 वोटर लड़कियाँ हैं।

    जि़क्रयोग्य है कि पंजाब में कुल 2 करोड़ 12 लाख 71 हज़ार 246 वोटर हैं। इनमें 1 करोड़ 11 लाख 92 हज़ार 959 पुरूष वोटर हैं, जबकि 1 करोड़ 77 हज़ार 543 औरतें वोटर हैं। सिबिन सी ने पंजाब के समूह वोटरों से अपील की है कि वह वोट के अधिकार का बढ़-चढक़र प्रयोग करें और ‘इस वार 70 पार’ के नारे को अमली जामा पहनाएं।

  • Lok Sabha Elections 2024: अब नहीं आएगा PM मोदी के विकसित भारत का मैसेज,

    Lok Sabha Elections 2024: अब नहीं आएगा PM मोदी के विकसित भारत का मैसेज,

    इंदौर, 21 मार्च (The News Air) Election Commission: लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद से देश भर आचार संहिता लागू हो गई है। ऐसे में चुनाव आयोग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है।

    बीते कुछ दिनों से लोगों के मोबाइल पर विकसित भारत का एक मैसेज वॉट्सअप के जरिए आईटी मंत्रालय के जरिए भेजा जा रहा था। अब इस मैसेज को लेकर चुनाव आयोग आईटी मंत्रालय पर सख्त हो गया है। चुनाव आयोग ने साफ निर्देश दिया है कि इस तरह के मैसेज पर तत्काल रोक लगाई जाए।

  • Congress in LS Election : 2019 में 18 राज्यों-UT में एक सीट भी नहीं जीत पाई थी कांग्रेस,

    Congress in LS Election : 2019 में 18 राज्यों-UT में एक सीट भी नहीं जीत पाई थी कांग्रेस,

    इंदौर, 19 मार्च (The News Air) लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहेगा? क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी इस बार भाजपा और नरेंद्र मोदी के चेहरे को चुनौती दे पाएगी या 2014 और 2019 की तरह ध्वस्त हो जाएगी?

    2014 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 44 सीट जीती थी, जबकि 2019 में सिर्फ 52 सीटों से संतोष करना पड़ा था। पिछले चुनावों में कांग्रेस सिर्फ एक राज्य (केरल) में दहाई के अंक (15 सीट) तक पहुंच सकी थी। पार्टी ने पंजाब और तमिलनाडु में आठ-आठ सीटें जीती थीं।

    इतने राज्यों में शून्य पर सिमट गई थी कांग्रेस

    • 1. राजस्थान: 25 सीट
    • 2. आंध्र प्रदेश: 25 सीट
    • 3. गुजरात: 26 सीट
    • 4. जम्मू और कश्मीर: 6 सीट
    • 5. हिमाचल प्रदेश: 4 सीट
    • 6. हरियाणा: 10 सीट
    • 7. दिल्ली: 7 सीट
    • 8. उत्तराखंड: 5 सीट
    • 9. अंडमान और निकोबार: सीट
    • 10. दादरा और नगर हवेली: 1 सीट
    • 11. दमन और दीव: 1 सीट
    • 12. लक्षद्वीप: 1 सीट
    • 13. मणिपुर: 2 सीट
    • 14. मिजोरम: 1 सीट
    • 15. सिक्किम: 1 सीट
    • 16. त्रिपुरा: 2 सीट
    • 17. अरुणाचल प्रदेश: 2 सीट
    • 18. चंडीगढ़: 1 सीट

    2024 लोकसभा चुनाव: मुश्किल समीकरणों में कांग्रेस के सामने खाता खोलने की चुनौती

    गुजरात (26 सीट): सभी 26 सीटों पर एक ही चरण में 7 मई को वोटिंग होगी। इस बार यहां भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। नरेंद्र मोदी का गृह प्रदेश होने के कारण गुजरात में भाजपा मजबूत है। कांग्रेस को कहीं-कहीं अंदरूनी कहल से भी जूझना पड़ रहा है।

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    राजस्थान (25 सीट): सभी 25 सीटों पर दो चरणों, 19 अप्रैल (12 सीट) और 26 अप्रैल (13 सीट) पर वोटिंग होगी। भाजपा ने 2019 में 25 में से 24 सीट जीती थी, जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही थी। इस बार भाजपा फिर राजस्थान में सत्ता में है। मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच ही है। यहां कांग्रेस एक बार फिर अपनी खोई जमीन पाने की कोशिश में है।

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    आंध्र प्रदेश (25 सीट): सभी 25 सीटों पर एक ही चरण में 13 मई को वोटिंग होगी। 2019 में वाईएसआरसीपी ने 22 सीटें जीतीं थी, जबकि 3 सीटें चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के खाते में गई थी। इस बार भाजपा ने टीडीपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना के साथ गठबंधन किया है। कांग्रेस को यहां भी त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना है।

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    हरियाणा (10 सीट): सभी 10 सीटों पर 25 मई को छठे चरण में वोटिंग होगी। भाजपा ने छह सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी भी कुरुक्षेत्र से मैदान में है। कांग्रेस ने अभी तक एक भी सीट पर प्रत्याशी का एलान नहीं किया है।

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    कुल मिलाकर इस बार का लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती वाला है। गांधी परिवार समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं की साख दांव पर है।

  • लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही पीएम मोदी का स्पेशल मैसेज,

    लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही पीएम मोदी का स्पेशल मैसेज,

    नई दिल्ली, 16 मार्च (The News Air) : लोकसभा चुनाव 2024 का शेड्यूल जारी हो चुका है। चुनाव तारीखों के ऐलान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खास संदेश दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद कई मैसेज किए हैं। इसमें उन्होंने लिखा, ‘लोकतंत्र के सबसे बड़े महापर्व का शुभारंभ हो गया है। चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। BJP-NDA इन चुनावों में उतरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सुशासन और जनसेवा के अपने ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर हम जनता-जनार्दन के बीच जाएंगे। मुझे पूरा विश्वास है कि 140 करोड़ परिवारजनों और 96 करोड़ से अधिक मतदाताओं का भरपूर स्नेह और आशीर्वाद हमें लगातार तीसरी बार मिलेगा।’

    ’10 साल पहले जब हमने देश की बागडोर संभाली…’ : पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा कि 10 साल पहले जब हमने देश की बागडोर संभाली थी, तब देश और देशवासी इंडी अलायंस के कुशासन से पीड़ित थे। ऐसा कोई भी सेक्टर नहीं बचा था, जो घोटालों और पॉलिसी पैरालिसिस से अछूता रहा हो। देश निराशा के गर्त में था और दुनिया भी भारत पर भरोसा करना छोड़ चुकी थी। हमने उस परिस्थिति से देश को निकाला और आज भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

    ‘हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने’ : पीएम मोदी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की शक्ति और सामर्थ्य से हमारा देश आज हर दिन विकास के नए कीर्तिमान रच रहा है। आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने हैं, और करोड़ों भारतीय गरीबी से बाहर आए हैं। हमारी सरकार की योजनाएं देश के कोने-कोने और समाज के हर तबके तक पहुंची हैं। हमने शत-प्रतिशत देशवासियों तक पहुँचने के लिए काम किया है और परिणाम हमारे सामने हैं।

    आज विपक्ष के पास ना कोई मुद्दा है, ना कोई दिशा- PM : पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘आज हर भारतीय ये अनुभव कर रहा है कि एक ईमानदार, दृढ़-संकल्पित और मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार कितना कुछ कर सकती है। इसीलिए, हर देशवासी की हमारी सरकार से अपेक्षाएं भी बढ़ी हुई हैं। इसीलिए, आज भारत के हर कोने से और समाज के हर वर्ग से एक स्वर सुनाई दे रहा है- अबकी बार, 400 पार!’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विपक्ष के पास ना कोई मुद्दा है, ना कोई दिशा। उनका एक ही एजेंडा बचा है- हमें गाली देना और वोट बैंक की राजनीति करना। उनकी परिवारवादी मानसिकता और समाज को बांटने के षड्यंत्र अब जनता खारिज कर रही है। भ्रष्टाचार के अपने ट्रैक-रेकॉर्ड के कारण वो लोगों से आंखे नहीं मिला पा रहे हैं। जनता ऐसे लोगों को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

    तीसरे कार्यकाल में बहुत सारे काम करने हैं- पीएम मोदी : पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘अपने तीसरे कार्यकाल में हमें देश के लिए बहुत सारे काम करने हैं। हमारे बीते 10 साल उस गहरी खाई को भरने में भी बीते हैं, जो दशकों तक शासन करने वालों ने बनाई थी। इन 10 वर्षों में देशवासियों में ये आत्मविश्वास आया है कि हमारा भारत भी समृद्ध और आत्मनिर्भर बन सकता है। हमारा अगला कार्यकाल इन संकल्पों की सिद्धि की राह प्रशस्त करेगा। उन्होंने आगे कहा कि एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में गरीबी और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और तेज होगी। सामाजिक न्याय के लिए हमारे प्रयास और बढ़ेंगे। हम तेजी से भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे। युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए हमारे प्रयास और मजबूती से आगे बढ़ेंगे।

    ‘विकसित भारत’ पर खास फोकस : पीएम मोदी आगे लिखा कि मैं यह साफ तौर पर देख रहा हूं कि आने वाले 5 वर्ष हमारे उस सामूहिक संकल्प का कालखंड होगा जिसमें हम भारत की अगले एक हजार वर्ष की विकास यात्रा का रोडमैप तैयार करेंगे। ये समय भारत के सर्वांगीण विकास, समावेशी समृद्धि और वैश्विक नेतृत्व का साक्षी बनेगा। पीएम मोदी ने इसी के साथ लिखा कि मुझे मेरे देशवासियों के, विशेष रूप से गरीब, किसान, युवा और नारी शक्ति के आशीर्वाद से असीम शक्ति मिलती है। जब मेरे देशवासी ये कहते हैं कि- ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ तो इससे मुझे विकसित भारत के निर्माण के लिए और अधिक मेहनत करने का उत्साह मिलता है। हम विकसित भारत के लिए सामूहिक प्रयास करेंगे, और ये लक्ष्य हासिल करके रहेंगे। यही समय है, सही समय है।’

    7 फेज में वोटिंग, जानिए शेड्यूल : इस बार लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराए जाएंगे। जिसकी घोषणा चुनाव आयोग की तरफ से शनिवार को कर दी गई है। चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार, पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल, दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा चरण 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां चरण 20 मई, छठा चरण 25 मई, सातवां और अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होना है। वहीं, मतगणना 4 जून को होगी।