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  • मोदी जी ने जेल भेज कर मेरे संघर्ष और इरादे को और मजबूत बनाया- संजय सिंह

    मोदी जी ने जेल भेज कर मेरे संघर्ष और इरादे को और मजबूत बनाया- संजय सिंह

    नई दिल्ली, 15 अप्रैल (The News Air) भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही मनोबल तोड़ने के लिए फर्जी केस कर आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को जेल भेज दिया, लेकिन इससे उनका मनोबल टूटने के बजाय और मजबूत हुआ है। छह महीने जेल में रहकर बाहर आए “आप” के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने एक वीडियो जारी कर इसका प्रमाण दिया है। संजय सिंह एक पार्क में टहलते हुए पूरे आत्मविश्वास में दिख रहे हैं। वीडियो संदेश के जरिए उन्होंने जेल भेजने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है। उनका कहना है कि मोदी जी ने जेल भेज कर मेरे 30 साल के जीवन संघर्ष और इरादे को और मजबूत बनाया है। अगर प्रधानमंत्री जी ये मौका नहीं देते तो न मैं अपने आपको जान पाता और न समझ पाता कि हम बिल्कुल सही रास्ते पर चल रहे हैं। मैं छह महीने जेल की यात्रा से तप कर आगे के रास्ते को तैयार करने और उन रास्तों को और मजबूत करने के लिए निकला हूं। मैं जो कर रहा था, वो बिल्कुल सही था। आगे और मजबूती के साथ उन्हीं रास्ते पर बढूंगा।

    आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि पिछले दस दिनों से मैं जेल के बाहर हूं और मुझे बहुत सुकून की नींद आ रही है। छह महीने मैं जेल में रहा। इस दौरान कुछ दिनों तक मुझे आइसोलेशन में रखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शायद मुझे यह मौका नहीं दिया होता तो मैं अपने आप से मुलाकात नहीं कर पाता। मैं उन तमाम महापुरुषों से मुलाकात नहीं कर पाता, उन तमाम क्रांतिकारियों से मुलाकात नहीं कर पाता, जिनके बारे में मैं सुनता था, उनकी कहानी पढ़ता था, उनसे मैं मुलाकात नहीं कर पाता। क्योंकि जब कोई व्यक्ति एकांत में होता है तो उसे बहुत कुछ सोचने, समझने और चिंतन करने का मौका मिलता है।

    संजय सिंह ने कहा कि 6 महीना जेल में रहने के दौरान मैंने नेल्सन मंडेला से मुलाकात की। नेल्सन मंडेला का बहुत ही शानदार क्रांतिकारी जीवन था। मैंने शहीद ए आजम भगत सिंह से मुलाकात की। 23 साल का एक नौजवान अपने हिंदुस्तान की आजादी के लिए कैसे सब कुछ न्यौछावर कर सकता है, यह भगत सिंह को पढ़कर जाना। मैंने अशफाक उल्ला जी से मुलाकात की। रौशन सिंह, राजेंद्र लहरी, रामप्रसाद बिस्मिल समेत पता नहीं कितने क्रांतिकारियों को पढ़ा और उनको जाना। काला पानी के दस्तावेज पढ़े। तब जाकर मुझे यह लगा कि 30 साल से समाज सेवा और राजनीति के माध्यम से लोगों की जो सेवा कर रहा था, शायद मेरा यह रास्ता सही था। मैंने गांधी जी को भी पढ़ा। तो यह जाना कि हम तो सही रास्ते पर चल रहे थे। शायद यह छह महीने जेल का सफर नहीं रहा होता तो मैं यह नहीं जान पाता कि मैं जो कर रहा था, जिन संघर्षों के रास्तों पर चल रहा था, वो कितना सही है या गलत है।

    इसलिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे अपने आप से बात करने और अपने रास्ते को और मजबूत बनाने का मुझे अवसर दिया। मैं 6 महीने जेल की यात्रा से तप कर आगे के रास्ते को तैयार करने और आगे के रास्ते को और मजबूत करने के लिए निकला हूं। मैं एक बात और कहना चाहता हूं कि हो सकता है कि आज बहुत सारे माध्यम बिक गए हों, लेकिन इतिहास कभी नहीं बिकता। इतिहास में वही दर्ज होता है जो आप करते हैं। क्या सही है, क्या गलत है यह लोग तय करेंगे, लेकिन किस मंशा से प्रधानमंत्री जी ने मुझे जेल भेजा, यह मैं नहीं जानता। मुझे जेल भेजने के पीछे प्रधानमंत्री जी की जो भी मंशा रही हो, लेकिन मैं इतना ही कह सकता हूं कि मोदी जी आपको बहुत बहुत धन्यवाद। आपने मेरे 30 साल के संघर्ष के जीवन को और मजबूत बनाया और ये भरोसा दिलाया कि मैं जो काम कर रहा था, वो बिल्कुल सही था। आगे और मजबूती के साथ उसी रास्ते पर बढूंगा।

  • जेल में मिले अधिकार छीनकर दिल्लीवालों के मुख्यमंत्री केजरीवाल को…

    जेल में मिले अधिकार छीनकर दिल्लीवालों के मुख्यमंत्री केजरीवाल को…

    नई दिल्ली,13 अप्रैल (The News Air) दिल्लीवालों के चहेते मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भाजपा और मोदी सरकार ने जेल में प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। मोदी सरकार के इशारे पर जेल प्रशासन दो करोड़ दिल्लीवालों के वोट से निर्वाचित मुख्यमंत्री केजरीवाल को न्यूनतम अधिकारों से वंचित करने लगा है। केजरीवाल के साथ जेल में किए जा रहे अपमान जनक व्यवहार पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन ने सीएम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और भगवंत मान को कांच की दीवार के आर-पार से मिलने की अनुमति दी है। जबकि जेल प्रशासन के पास आमने-सामने बैठाकर मुलाकात कराने का अधिकार है। तिहाड़ में खूंखार अपराधियों की भी मुलाकात आमने-सामने कराई जाती है। जो काम तिहाड़ जेल के इतिहास में अब तक नहीं हुआ, वो अब मोदी जी की अगुआई में हो रहा है। मोदी जी जेल मैनुअल में मिले न्यूनतम अधिकार और सुविधाएं छीनकर अरविंद केजरीवाल का मनोबल तोड़ना चाहते हैं। अब वो अति कर रहे हैं। इसलिए इस बार देश की जनता उनके अत्याचार, तानाशाही, जुल्म और अहंकार का जवाब अपने वोट से देगी।

    आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल में मिले अधिकारों मे कटौती करने को लेकर शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि जेल में तीन बार प्रचंड बहुमत से निर्वाचित और दिल्ली के दो करोड़ लोगों के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के इशारे पर प्रताड़ना की कार्रवाई की जा रही है। उनका मनोबल तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है। जेल में जो न्यूनतम अधिकार और सुविधा मिलती है, उसको भी खुलेआम छीनने का प्रयास किया जा रहा है। जो काम तिहाड़ जेल के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा। वह प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि जेल का नियम 602 और 605 यह कहता है कि किसी की भी मुलाकात आमने-सामने कराई जा सकती है और यह अधिकार जेल प्रशासन को होता है। जेल में बंद अरविंद केजरीवाल की पत्नी और परिवार चिंतित और परेशान हैं। उनके माता-पिता बीमार हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल का हाल-चाल जानने के लिए जब सुनीता केजरीवाल आवेदन करती है तो उनको कहा जाता है कि आप आमने-सामने मुलाकात नहीं कर सकते हैं। आप किसी कमरे में बैठकर मुलाकात नहीं कर सकते हैं। आपको कांच की दीवार के आरपार बैठकर मुलाकात करनी होगी। तिहाड़ जेल का इतिहास उठाकर देख लीजिए कि लोगों की फेस टू फेस बैठकर मुलाकात कराई जाती है। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री को अपमानित करने और उनका मनोबल को तोड़ने के उद्देश्य से कहा जाता है कि कांच के दीवार में मुलाकात होगी। जबकि, तिहाड़ जेल में खूंखार अपराधियों की भी मुलाकात बैरक में होती है।

    सांसद संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और मेरी मुलाकात के लिए हमारे वकील आवेदन करते हैं तो उनको टोकन नंबर 4152 दे दिया जाता है। लेकिन मुलाकात से एक रात पहले मेल आती है कि सुरक्षा कारणों से इतने शार्ट नोटिस पर मुलाकात नहीं कराई जा सकती है। यानी कि जब हम मुलाकात के लिए आवेदन कर रहे थे, तब जेल प्रशासन और भारत के प्रधानमंत्री मोदी को यह पता नहीं था कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान कौन हैं? लेकिन जब जेल के नियम 602 और 605 के तहत कहा गया कि आप दो राज्यों के निर्वाचित मुख्यमंत्रियों की मुलाकात कराइए तो कहा गया कि दोनों की मुलाकात भी कांच की दीवार में ही होगी। तिहाड़ जेल प्रशासन, भारत के प्रधानमंत्री और देश के गृह मंत्री से पूछना चाहता हूं कि जब से तिहाड़ जेल बनी है, तब से एक उदाहरण या एक नाम बताओ कि किसी निर्वाचित मुख्यमंत्रियों की मुलाकात ऐसे कराई हो। मैं जानता हूं कि तिहाड़ जेल में कई लोगों की मुलाकात फिजिकल तौर पर होती है। यहां तक की ऑफिस में बिठाकर कराई जाती है। आप बड़े से बड़े अपराधियों की मुलाकात तो आराम से बिठाकर कराते हैं। लेकिन तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री की मुलाकात कांच की दीवार में कराने की बात करते हो। तिहाड़ जेल प्रशासन ने मेरी मुलाकात तो कैंसिल कर दी। अब केवल सीएम भगवंत मान की मुलाकात करा रहे हैं, वह भी कांच की दीवार में। मैं दिल्ली सांसद हूं और दिल्ली की जेल में, दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने की मुझे इजाजत नहीं है। आपने देश में तमाशा बना रखा है। देश के नियम, कानून और संविधान को रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। इस अत्याचार, तानाशाही, जुल्म और अहंकार का जवाब जनता आपको देगी।

    उन्होंने कहा कि इसी जेल में जब सुब्रत रॉय सहारा की मुलाकात इंटरनेट, फोन, ऑफिस आदि सुविधाओं के साथ होती थी। इसी जेल में चंद्रा ब्रदर्स बकायदा मीटिंग करते थे और कई कागजातों पर साइन करते थे। वह जिनसे मिलना चाहते थे, उनको मिलने की इजाजत थी। लेकिन इसी तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल के मनोबल को तोड़ने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। उनको हर पल अपमानित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी आपके जुल्म, तानाशाही और अत्याचार का हिसाब दिल्ली की दो करोड़ जनता के साथ पूरे देश की जनता देगी। इसलिए हम कह रहे हैं, “जेल का जवाब वोट से”।

    संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल उस शख्स का नाम है, जिसने आईआरएस की नौकरी को लात मारकर देश सेवा का संकल्प लिया था। जिसने सिद्धांतों की बात आई तो 49 दिन की सरकार में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का काम किया और जेल में उस इंसान के साथ इस तरह का सलूक हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी और अमित शाह आप दोनों संवैधानिक, लोकतांत्रिक, कानूनी और जेल के नियमों के तहत अधिकारों को छीनने का काम मत कीजिए और अपना नाम हिटलर शाही के रूप में दर्ज करने की कोशिश मत कीजिए। क्योंकि दुनिया में जितने भी हिटलर हुए, पूरी दुनिया जानती है कि उनका अंत भी बुरा हुआ है।